अतिप्राचीन काल में अध्ययन और अध्यापन श्रुति व्यवस्था के अंतर्गत संचालित रहा, श्रुति अर्थात सुनकर दोहराना। यह शिक्षा का सशक्त मध्यम था। लेखन कार्य का शुभारंभ नहीं होने से यह व्यवस्था तत्कालीन समाज में भी प्रचलित थी। उपनयन संस्कार के बाद ब्रह्मचर्य समाप्त होता था और गृहस्थ आश्रम का शुभारंभ होने के बाद गुरुकुल में […]
Author Archives: डॉ. संदीप कुमार शर्मा
राम का चरित्र – मेरे आराध्य राम
महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण में महर्षि ने विषय वस्तु के साथ न्याय करते हुए सभी पात्रों के चरित्र का निष्पक्ष रूप से किया है। इस अध्याय में राम के चरित्र को महर्षि वाल्मीकि के दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करेंगे। श्रीमद्भगवद्गीता में एक श्लोक है कि श्रेष्ठ व्यक्ति जो आचरण करते हैं समाज उसका अनुसरण […]
राम : जन्म तिथि – मेरे आराध्य राम
अतिप्राचीन काल से ही राम की कथा भारतीय संस्कृति में ही नहीं अपितु सातों महाद्वीपों में रची बसी है। राम का महान चरित्र सारी दुनिया के लोगों को सही राह पर चलने की शिक्षा देता आ रहा है। पाश्चात्य इतिहासकारों और विद्वानों का एक वर्ग राम कथा कल्पना मात्र मानता हैं। हम यहां उसकी व्याख्या […]
मेरे आराध्य राम
रामचरितमानस: हिंदू सभ्यता का आदर्श एवं साहित्यक गौरव “रामचरितमानस में हिंदू सभ्यता के जिस ऊँचे आदर्श का इतिहास है, वह सदा पढ़ने और मनन करने योग्य है। रामायण को काव्य कहना उसका अपमान करना है। रामायण में जीवन के आदर्श को बताया गया है। रामयाण में बतलाए हुए मार्ग पर चलकर मनुष्य प्रगति के रास्ते […]
राम और अयोध्या – मेरे आराध्य राम
वाल्मीकि कृत रामायण में वर्णित है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ। आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। संभवतः पुस्तक के प्रकाशित होने तक मंदिर दर्शनार्थ खोल दिया जाएगा। राम एक ऐतिहासिक महापुरुष थे। इसके पर्याप्त प्रमाण हैं। महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण की प्राचीनता पर मतभेद हैं। नवीनतम […]
लोक साहित्य में राम
Lord Ram: राम को भारत की आत्मा माना जाता है। कण-कण में राम बसे हैं जनमानस में ये भाव बसे हैं। ऐसे ही अनेक तथ्य हमें मिलते हैं सारी दुनिया में। भारत में ही नहीं अपितु विश्व के विभिन्न भूखंड में रामकथा सम्मानित रही है। मध्यकाल में आक्रांताओं ने राम और हनुमान से जुड़े मंदिरों […]
