Overview: सोहा अली खान का करियर टर्निंग पॉइंट

अभिनेत्री सोहा अली खान ने अपनी पहली नौकरी के संघर्षों को याद किया। 2.2 लाख रुपये की सालाना सैलरी में से 17,000 रुपये सिर्फ किराए में चले जाते थे। 5 लाख की मॉडलिंग डील और 'दिल मांगे मोर' के 10 लाख के ऑफर ने उन्हें अभिनय के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया।

Why Did Soha Ali Khan Become an Actress?: बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान ने हाल ही में अपने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में दिलचस्प खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह कॉरपोरेट जगत में उनकी नौकरी और शुरुआती मॉडलिंग व फिल्म डील ने उनके करियर को एक नया मोड़ दिया।

करियर की शुरुआत: कॉर्पोरेट की दुनिया

कम सैलरी और भारी किराया सोहा ने बताया कि फिल्मों में आने से पहले वह एक कॉर्पोरेट जॉब करती थीं। लंदन से पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने मुंबई में एक बैंक में काम करना शुरू किया, जहाँ उन्हें सालाना 2.2 लाख रुपये की सैलरी मिलती थी। इसका मतलब हुआ कि उनकी मासिक आय लगभग 18,333 रुपये थी।

सैलरी का बोझ

सोहा ने कहा कि उस समय वह मुंबई में एक किराए के घर में रहती थीं, जिसका किराया 17,000 रुपये प्रति माह था। उनकी अधिकांश सैलरी सिर्फ घर का किराया देने में ही चली जाती थी।

पटौदी परिवार का ‘सेफ्टी नेट’

सोहा ने बताया कि भले ही वह अपनी कमाई से अपना किराया दे रही थीं, लेकिन उन्हें हमेशा इस बात का भरोसा था कि अगर जरूरत पड़ी, तो उनका परिवार उनकी मदद के लिए है। उन्होंने कहा, “भले ही मैं अपनी कमाई कर रही थी, लेकिन मेरे पास एक सुरक्षा कवच था। अगर मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत होती, तो मैं अपने माता-पिता से कह सकती थी, जो बाकी लोगों के पास नहीं होता।” इस सुरक्षा ने उन्हें अपने जीवन में बड़े फैसले लेने का आत्मविश्वास दिया।

पेशे में बदलाव का टर्निंग पॉइंट

Why Did Soha Ali Khan Become an Actress
Why Did Soha Ali Khan Become an Actress

पहला मॉडलिंग कॉन्ट्रैक्ट सोहा ने बताया कि यह सैलरी-किराए का चक्र उनके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। उन्होंने एक मॉडलिंग कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, जिसके लिए उन्हें 5 लाख रुपये मिले। यह राशि उनकी सालाना सैलरी से लगभग तीन गुना ज्यादा थी।

पहला एक्टिंग ऑफर

सोहा ने यह भी खुलासा किया कि ‘दिल मांगे मोर’ से पहले, उन्हें अमोल पालेकर की फिल्म ‘पहेली’ में एक रोल ऑफर हुआ था, लेकिन वह प्रोजेक्ट बाद में नहीं बन सका। उन्होंने बताया कि उस समय तक वह अपनी बैंकिंग की नौकरी छोड़ चुकी थीं और बिना किसी काम के थीं। हालांकि, अंत में उन्हें ‘दिल मांगे मोर’ मिली और उनका करियर सही दिशा में चल पड़ा।

शैक्षिक पृष्ठभूमि पर जोर

सोहा ने बताया कि उनके परिवार में शिक्षा को बहुत महत्व दिया जाता है। उनकी मां की मां के पास भी मास्टर्स की डिग्री थी, जो उस समय महिलाओं के लिए बहुत दुर्लभ थी। सोहा ने खुद भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मॉडर्न हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स की डिग्री ली।

माता-पिता की चिंता

कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर फिल्मों में आना सोहा के लिए एक बड़ा कदम था। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस बात का डर था कि उनके माता-पिता (शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी) इस फैसले से नाराज़ हो सकते हैं। सोहा ने कहा कि उनके माता-पिता चाहते थे कि वह एक स्थिर करियर चुनें, खासकर उनके पिता, जो उनके लिए कॉरपोरेट जगत में सफलता चाहते थे। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें कभी हतोत्साहित नहीं किया, क्योंकि वे चाहते थे कि उनकी बेटी खुश रहे।

करियर शिफ्ट

इन दो बड़े ऑफर्स ने सोहा को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि फिल्म इंडस्ट्री उनके लिए एक बेहतर और अधिक लाभदायक करियर विकल्प हो सकता है। यहीं से उन्होंने कॉर्पोरेट की दुनिया छोड़कर अभिनय के क्षेत्र में आने का फैसला किया।

सोहा अली खान की यह कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने अपने आर्थिक फैसलों के आधार पर करियर में एक बड़ा और साहसी कदम उठाया।

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...