Summary: कपिल ने खुद को बदला बेहद आसान तरीके से
कपिल ने केवल 63 दिनों में शानदार फिजिक पाई, यह इतना भी मुश्किल नहीं था।
Kapil Sharma Weight Loss: कपिल शर्मा ने हाल ही में खूब वजन कम करके फैन्स और फॉलोअर्स को हैरान कर दिया है। हर कोई यह जानना चाहता है कि मशहूर कॉमेडियन ने इतनी प्रभावी तरीके से अपना वजन कैसे घटाया। इसका जवाब उनके फिटनेस कोच योगेश भाटेजा ने एक साधारण लेकिन स्ट्रक्चर्ड अप्रोच में दिया है, जिसे ‘21-21-21 रूल’ कहा जाता है।
फराह खान और सोनू सूद जैसे सेलिब्रिटीज को ट्रेन कर चुके योगेश भाटेजा ने कपिल की इस जर्नी के बारे में यूट्यूब चैनल गुंजनशाउट्स पर दिए गए एक इंटरव्यू में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि फिटनेस सिर्फ जिम में पसीना बहाने से नहीं आती, बल्कि यह जागरूकता और मानसिक संतुलन से शुरू होती है।
जीवनशैली की आदतों को पहचानना
भाटेजा ने बताया कि ज्यादातर लोग बिना सोचे-समझे अनहेल्दी खाने की आदतें अपना लेते हैं, जैसे मक्खन लगे ब्रेड और चाय का नाश्ता करना या बिना सोचे सड़क किनारे का खाना खा लेना। उन्होंने कहा, असली समस्या इस बात की जानकारी ना होने में है कि हम क्या खा रहे हैं और यह हमारी रोज़मर्रा की एक्टिविटी को कैसे प्रभावित करता है। भाटेजा ने समझाया, “जब हम यह नोट करना शुरू करते हैं कि हम क्या खा रहे हैं, कितना पानी पी रहे हैं, हमारी सांस लेने की आदतें कैसी हैं और अन्य लाइफस्टाइल डीटेल्स क्या हैं, तब असली बदलाव की शुरुआत होती है।” जब कपिल ने अपनी फिटनेस जर्नी को सावधानी से शुरू किया, तब भाटेजा ने उन्हें भारी-भरकम वर्कआउट देने के बजाय जेंटल स्ट्रेचेस करवाईं और यह देखा कि शरीर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है, न कि सीमा से ज्यादा दबाव डाला।
‘21-21-21 रूल’ क्या है?
कपिल शर्मा की ट्रांसफॉर्मेशन के सेंटर में योगेश भाटेजा का यह तीन-चरणीय फिटनेस फॉर्मूला है, जिसे ‘21-21-21 रूल’ कहा जाता है। इसमें तीन अलग-अलग 21 दिनों के फेज होते हैं, जो धीरे-धीरे एक स्थायी और संपूर्ण बदलाव की ओर ले जाते हैं।
पहला फेज: 21 दिन मूवमेंट के लिए

पहले तीन हफ्ते सिर्फ शरीर को मूव कराने पर फोकस करते हैं। भाटेजा ने सलाह दी कि स्कूल के पीटी सेशन जैसे सिंपल फिजिकल ट्रेनिंग एक्सरसाइज करें। इस दौरान डाइट में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं होती। “बस रोज़ मूव करें, शरीर के सभी हिस्सों को स्ट्रेच करें, और आप बेहतरीन शुरुआत कर लेंगे,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस दौरान आप बिना किसी अपराधबोध के जलेबी भी खा सकते हैं।
दूसरा फेज: 21 दिन डाइट में छोटे बदलाव के लिए
जब मूवमेंट आदत बन जाए, तब खाने की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा, “मैं कार्ब्स या कैलोरी काटने की बात नहीं कर रहा, सिर्फ आसान बदलाव।” जैसे रात में दूध पीने की जगह सुबह पीना ताकि पाचन में समस्या ना हो, या चाय में चीनी और दूध की मात्रा पर ध्यान देना। उनका फोकस खाने को पूरी तरह हटाने की जगह उसमें छोटे सुधार करने पर था ताकि बदलाव टिकाऊ बन सके।
तीसरा फेज: 21 दिन इमोशनल डिपेंडेंसी कम करने के लिए
अंतिम 21 दिनों में उन आदतों पर काम करना होता है जो भावनात्मक रूप से खाने-पीने से जुड़ी होती हैं। भाटेजा ने धूम्रपान, शराब और कैफीन पर निर्भरता को नियंत्रित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य सुधारता है बल्कि भावनात्मक अनुशासन और आत्म-नियंत्रण भी मजबूत करता है।
यह तरीका क्यों काम करता है?

भाटेजा ने बताया कि इस रूटीन की ताकत इसकी सादगी और चरणबद्ध कमिटमेंट में है। वे कहते हैं, “ये 62 दिन आपको बिना दर्द के सही एटीट्यूड बनाने में मदद करेंगे। जब आप हर 21 दिन का फेज पूरा करते हैं, तो आप खुद को वंचित महसूस नहीं करते, बल्कि अपनी लाइफस्टाइल को छोटे-छोटे हिस्सों में बदलते रहते हैं।” तीसरे फेज तक आते-आते, कपिल शर्मा जैसे लोग पहले से ही साफ अंतर महसूस करने लगते हैं। भाटेजा के अनुसार, इसके बाद व्यक्ति में खुद से आगे बढ़ने और जारी रखने की इच्छा पैदा होती है, बिना बाहरी मोटिवेशन के।
शुरुआती लोगों के लिए बेहतरीन तरीका
भाटेजा ने कहा, “यह तरीका शुरुआती लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करता है।” उनके मुताबिक, यह रूल उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो फिटनेस की सोच से घबरा जाते हैं या जिन्होंने क्रैश डाइट और कड़े जिम रूटीन में असफलता पाई है। एक बार में एक लक्ष्य पर ध्यान देने और धीरे-धीरे प्रगति करने से, यह तरीका लंबे समय तक चलने वाले और स्थायी बदलाव की नींव रखता है।
इसलिए अगर आप सोच रहे हैं कि कपिल शर्मा ने इतनी शानदार ट्रांसफॉर्मेशन कैसे कर ली, तो इसका जवाब सिर्फ सेलिब्रिटी ट्रेनर या महंगे जिम में नहीं छिपा, बल्कि एक साधारण रूल, धैर्य और बदलाव के लिए चरणबद्ध कमिटमेंट में छिपा है।
