Silent Divorce Signs: पिछले कुछ सालों में भारत में डिवोर्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। जिसके चलते ग्रे डिवोर्स, स्लीप डिवोर्स और सिल्वर डिवोर्स जैसे ट्रेंड अस्तित्व में आए हैं। इनदिनों युवाओं में साइलेंट डिवोर्स के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस प्रकार के डिवोर्स में कपल्स कानूनी तौर पर एक-दूसरे से अलग नहीं होते लेकिन प्यार की कमी और दूरी डिवोर्स जैसे हालात उत्पन्न कर देती है। साइलेंट डिवोर्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें कपल्स एक दूसरे के साथ रहते तो हैं लेकिन कपल्स की तरह भावात्मक रूप से जुड़ना पसंद नहीं करते। यदि आपका रिश्ता भी साइलेंट डिवोर्स की ओर जा रहा है तो इन लक्षणों से पहचान कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है साइलेंट डिवोर्स

साइलेंट डिवोर्स एक ऐसी वैवाहिक स्थिति है जिसमें पति और पत्नी कानूनी रूप से एक दूसरे के साथ होते हैं लेकिन उनके बीच भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक अलगाव होता है। वह एक घर में यहां तक कि एक कमरे में होते हुए भी एक-दूसरे की भावनाओं से अंजान होते हैं। उनके बीच कम्यूनिकेशन न के बराबर होता है।
शारीरिक और भावनात्मक जुड़ाव की कमी
यदि आप और आपके पार्टनर के बीच लंबे समय से शारीरिक और भावनात्मक अलगाव की स्थिति बनी हुई है तो ये साइलेंट डिवोर्स के लक्षण हो सकते हैं। इंटीमेसी की कमी रिश्ते के लिए रेड फ्लैग हो सकता है। इस स्थिति में पार्टनर एक कमरे में रहते हुए भी एक दूसरे से शारीरिक और भावनात्मक दूरी बना लेते हैं। वह केवल रूममेट की तरह एक साथ रहते हैं।
दोनों के बीच असहमति
जब दो लोग एक साथ रहते हैं तो उनके बीच असहमतियां होना सामान्य बात है। लेकिन हर बात पर असहमति जाहिर करना साइलेंट डिवोर्स की ओर इशारा करता है। पार्टनर्स के बीच चीजों को लेकर लड़ाई या झगड़े नहीं होते लेकिन साइलेंटली वह अपनी नाराजगी और असहमति जाहिर करते हैं। ऐसी स्थिति रिश्ते में साइलेंट किलर का काम कर सकती है।
झगड़े न होना
रिश्ता चाहे कोई भी हो उसमें झगड़े और मनमुटाव होना सामान्य बात है। लेकिन यदि लंबे समय तक पार्टनर्स के बीच झगड़ा या बहस नहीं हो रही है तो इसका मतलब है कि दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव की कमी है। वह साइलेंट डिवोर्स का सामना कर रहे हैं। उन्हें एक-दूसरे से कोई अपेक्षाएं नहीं होती इसलिए वह एक-दूसरे से लड़ना नहीं चाहते।
एक-दूसरे में रुचि न लेना

वैसे तो पार्टनर्स एक-दूसरे की हर बात और आदतों में टांग अड़ाते हैं या कमेंट करते हैं। लेकिन जब पार्टनर्स एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से अलग हो जाते हैं तो वह पार्टनर की हर बात को इग्नोर करते हैं। वह एक-दूसरे की बातों और काम में रुचि लेना बंद कर देते हैं। ऐसे रिश्ते में सामान्य पूछताछ का अभाव होता है।
प्लानिंग में शामिल न करना
जब पार्टनर्स के बीच साइलेंट डिवोर्स की स्थिति आ जाती है तो एक-दूसरे को अपनी फ्यूचर प्लानिंग का हिस्सा नहीं बनाते। वह घर, परिवार और बच्चों से संबंधित फैसले खुद लेते हैं। उन्हें अपने फैसले में किसी का बोलना या शामिल करना पसंद नहीं आता।
