टेलीपैथी का रिश्ता
Author Views: गृहलक्ष्मी पत्रिका का हर गृहणी से टेलीपैथी का रिश्ता प्रतीत होता है। सर्दियां शुरू होते ही जब हम गृहणियों को अपने और परिवार के स्वास्थ्य, स्वाद, सौंदर्य की चिंता सताने लगी तो पत्रिका तुरंत दिसंबर अंक लेकर उपस्थित हो गई। त्वचा को रूखी और बेजान होने से बचाने के नुस्खे, सर्दी-खांसी से बचने के सुपर फूड्स, सर्दियों में स्टाइलिस्ट देखने के लिए पैकिंग, रोजाना स्किन केयर से सॢदयां बनाएं आसान जैसे आलेखों ने हमारी समस्त समस्याओं का समाधान कर दिया। बुनाई के नमूनो ने सोने में सुहागा का काम किया। स्वादिष्ट, लजीज सूप, वेज कबाब ने स्वादेन्द्रिय और घाणेइंद्रिय को शांत किया तो हम किसी से कम नहीं जैसे आलेख ने मन मस्तिष्क को ऊर्जा से भर दिया। ‘शारदा सिन्हा से है छठ गीतों की महक जैसे समसामयिक लेख न केवल हमें अपडेटेड रखते हैं वरन जिंदगी में कुछ करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
- अरणिम, जोधपुर (राजस्थान)
विंटर स्पेशल- सर्दियों का इंश्योरेंस
सर्दियों के मौसम में अक्सर हम बीमार पड़ जाते हैं। हमारी सेहत का ध्यान रखते हुए गृहलक्ष्मी दिसंबर अंक में
मेडिटेशन, योग और अच्छी नींद से स्वस्थ रहना सिखाया। आजकल जहां ब्यूटी प्रोडक्ट्स की भरमार है मार्केट में, वहां घरेलू नुस्खे आज भी कितने किफायती और असरदार हैं यह विंटर स्पेशल ने बताया। सर्दियों में अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट लड्डू, सूप, कबाब और चटनियां सिखा के विंटर का पूरा आनंद लेना सिखाया। इन
शॉर्ट विंटर स्पेशल स्वास्थ्य का इंश्योरेंस साबित हुआ।
- लक्ष्मी आहूजा, कोल्हापुर (महाराष्ट्र)
पसंदीदा पत्रिका है गृहलक्ष्मी
दिसंबर का गृहलक्ष्मी का अंक विंटर स्पेशल मनोरंजन से भरपूर था। सर्दियों में पैरों की देखभाल व त्वचा की देखभाल के नुस्खे बेहद कारगर थे। कहानी अहेरी और पटकथा ठीक-ठाक थी। सर्दी में दादी मां के नुस्खे से त्वचा की देखभाल काफी फायदेमंद रही, बच्चों के लिए बुनाई डिजाइन भी आकर्षक थे। मैं कई सालों से
गृहलक्ष्मी पढ़ती आ रही हूं, मुझे याद है पहले इस पत्रिका में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं हुआ करती थीं। मैंने एक दो बार पुरस्कार भी जीता है। मेरा सुझाव है कि अगर यह प्रतियोगिताएं दोबारा शुरू की जाए तो और भी रुचि कर रहेगा। आज की युवा पीढ़ी जिस तरह भयावह तरीके से नशे के दलदल में धंसती जा रही है वह
राष्ट्र के हित के लिए चुनौती है। मेरा सुझाव है कि युवाओं को नशे से दूर करने/दूर रहने के लिए भी लेख पत्रिका में प्रकाशित किए जाएं क्योंकि बच्चे को नशे से दूर रखने और शिक्षित करने में महिलाओं का भी बड़ा योगदान हो सकता है। नशे के नश्तर से सबसे ज्यादा मानसिक पीड़ा महिलाओं को ही झेलनी पड़ती है। अब
चाहे पति हो या बेटा नशे की लत लगने से पूरा परिवार संकट में आ जाता है। इसके लिए नशे की आपूर्ति रोकने से लेकर प्रयोग तक में नियंत्रण की राष्ट्रव्यापी मुहिम की जरूरत है।
- डॉ. पूनम कश्यप, नई दिल्ली
दिसंबर का एडिशन अच्छा लगा
मैंने अक्टूबर माह से गृहलक्ष्मी मैगजीन पढ़ना शुरू किया है। हालांकि शादी से पहले मैं मैगजीन पढ़ने की बहुत शौकीन हुआ करती थी, पर शादी के बाद बढ़ती जिम्मेदारियों में यह शौक कहां दब गया पता ही नहीं चला। पर अब वह समय आ गया है जब अपने लिए वक्त मिल जाता है तो सोचा गृहलक्ष्मी मैगजीन से ही क्यों शुरुआत
की जाए। दिसंबर का एडिशन अच्छा लगा, इसमें सर्दी के व्यंजन, मेकअप, ड्रेसिंग सेंस, बुनाई, शरीर की देखभाल, स्किन केयर, होममेड टोर आदि लगभग सारे ह्रश्ववाइंट्स कवर किए हैं। अधिकतर सब कुछ ही पसंद
आया। अगर एक लेख अध्यात्म पर आधारित हर अंक में शामिल किया जाए तो इस मैगजीन की शान और बढ़ जाएगी।

- साक्षी अग्रवाल
पत्रिका का हर अंक है अनोखा
गृहलक्ष्मी मैगजीन में छपे हुए सभी लेख उपयोगी होते हैं। मैं मैगजीन में लिखे हुए सभी लेखों को पूरे चाव से पढ़ती हूं। मुझे लगता है कि ये सभी लेख रिसर्च आधारित होते हैं जिन पर हम आंख मूंद कर विश्वास कर सकते हैं। घर में आए मेहमानों को मैंने रवा लड्डू चखाया जो उनको बेहद पसंद आया। मैंने अपने रिश्तेदारों को भी गृहलक्ष्मी खरीद कर पढ़ने का सुझाव दिया है। शारदा सिन्हा की एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें कोई नहीं भूला सकता है। अहेरी और पटकथा दोनों ही कहानियां रोचक और शिक्षाप्रद हैं।’हाय मैं शर्म से लाल हुई’ में जो लोगों ने अपने वाकया शेयर किए हैं उन्हें पढ़कर मैं अपनी हंसी नहीं रोक पाईं। आशा करती हूं
कि पत्रिका का हर अंक हमें कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करें।
- ज्योति चौधरी, भिवाड़ी (राजस्थान)
स्वास्थ्य के घरेलू उपचार हैं कारगर
गृहलक्ष्मी पत्रिका केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार की पत्रिका है। भारत के कई शहरों में प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण से बचने के लिए हंसाजी योगेन्द्र ने कई योगा बताएं हैं जिन्हें
आप घर में कर कर प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं। महिलाओं कौन से खाद्य प्रदार्थ अपने खानपान में शामिल करें जिससे उनके शरीर में खून की कमी ना हो। इसके साथ ही बच्चों के लिए स्टाइलिश
स्वेटर डिजाइन भी बेहद अच्छे हैं।
- कंचन मिश्रा, उत्तम नगर (दिल्ली)
पुरस्कृत पत्र
अरणिम, जोधपुर (राजस्थान)
