diwali 2024
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Diwali 2024 Vastu Upay: दीपावली, जिसे दीयों का त्योहार माना जाता है, में घर के विभिन्न स्थानों पर दीप जलाने का विशेष महत्व है। इस दिन दीये जलाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि यह सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक भी है। दीयों की रोशनी से घर का वातावरण रोशन हो जाता है, जो सभी के लिए खुशी और उमंग लेकर आता है। अगर आप दिवाली के दिन सही स्थानों पर दीप जलाते हैं, तो यह आपके लिए और भी शुभ साबित हो सकता है। इसलिए, आइए जानते हैं कि इस खास मौके पर किन-किन स्थानों पर दीप जलाना चाहिए।

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मुख्य द्वार

दिवाली के दिन सबसे पहले दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए, क्योंकि यही वह स्थान है जहां से मां लक्ष्मी का आगमन होता है। मुख्य द्वार पर दीप जलाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि यह लक्ष्मी माता को भी आकर्षित करता है। इसलिए, दरवाजे के दोनों तरफ सरसों तेल के दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। यह परंपरा नकारात्मकता को दूर करने और समृद्धि के वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करती है। इस प्रकार, मुख्य द्वार पर जलाए गए दीपक से घर में सुख-शांति और धन का वास होता है।

पूजन स्थल

दिवाली के दिन पूजन स्थल पर मां लक्ष्मी के समक्ष अखंड दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। इस दीपक का जलता रहना मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद को दर्शाता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि दीपक बुझना न चाहिए; इसके लिए आप ध्यान रखें कि इसकी देखभाल समय-समय पर की जाए। अखंड दीपक न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि यह सुख, समृद्धि और कल्याण का भी संदेश लाता है। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दीपक को जलाए रखना विशेष महत्व रखता है।

आसपास के किसी मंदिर

दिवाली के अवसर पर अपने आसपास के किसी मंदिर में पांच या सात घी के दीपक ले जाकर अपने कुल देवता को स्मरण करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। इन दीपकों को जलाकर आप न केवल अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित करते हैं, बल्कि उनका आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही, शिव मंदिर या अन्य देवताओं के पास दीपक जलाने से आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाती है। दीप जलाने का यह धार्मिक क्रिया न केवल आपके मन को शांति देती है, बल्कि आपके और आपके परिवार के लिए अच्छे भाग्य का द्वार भी खोलती है। इस प्रकार, दिवाली पर मंदिर में दीप जलाना आपकी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जो आपके जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

रसोई घर

दिवाली के पावन अवसर पर अपने रसोई घर में दो दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मां अन्नपूर्णा की कृपा और आशीर्वाद को आकर्षित करता है। मां अन्नपूर्णा खाद्य सामग्री और समृद्धि की देवी हैं, और उनके प्रति यह आस्था प्रकट करने से घर के भंडार में कभी भी कमी नहीं होती। रसोई घर में दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में कोई भी कठिनाई या समस्या नहीं आती। यह दीपक न केवल रसोई को रोशन करते हैं, बल्कि आपके परिवार के लिए हमेशा भरपूर अन्न और समृद्धि की कामना करते हैं। इस प्रकार, मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न रखने के लिए दिवाली पर रसोई में दीप जलाना एक शुभ और आवश्यक परंपरा है।

तिजोरी के नजदीक

दिवाली के इस शुभ अवसर पर भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि वह धन के देवता माने जाते हैं। इस दिन, अपनी तिजोरी के नजदीक भगवान कुबेर की आराधना करना और तिल के दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। तिल के दीपक जलाने से न केवल तिजोरी में धन का योग बना रहता है, बल्कि यह समृद्धि और ऐश्वर्य को भी आकर्षित करता है। भगवान कुबेर की कृपा से आपके धन संबंधी मामलों में सुधार होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इस प्रकार, भगवान कुबेर की पूजा करके आप अपनी तिजोरी को धन से भरपूर रखने की प्रार्थना करते हैं, जो आपके परिवार के लिए सुख और समृद्धि का प्रतीक है।

तुलसी के पौधे के नीचे

दिवाली के इस पावन पर्व पर माता लक्ष्मी की पूजा के बाद घर के आंगन में मौजूद तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। तुलसी का पौधा पवित्रता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, और इस पर दीपक जलाने से भगवान नारायण की कृपा बनी रहती है। यह दीपक न केवल वातावरण को रोशन करता है, बल्कि मां लक्ष्मी को भी प्रसन्न करता है, जिससे घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। इस प्रकार, तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाने से आपके परिवार को स्वास्थ्य, खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो कि दिवाली की इस विशेष रात को और भी शुभ बनाता है।

पीपल के पेड़ के नीचे

दिवाली की रात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे विशेष रूप से धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह माना जाता है कि पीपल का पेड़ पवित्र और रहस्यमय शक्तियों से भरा होता है, और इस पर दीपक जलाने से आपके जीवन में धन और समृद्धि का संचार होता है। हालांकि, इस दीपक को जलाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह एक शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा करने से आपकी सकारात्मक ऊर्जा और आशा बनी रहती है, और आपके द्वारा किए गए सभी अच्छे कार्य सफल होते हैं। इस प्रकार, पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से न केवल धन संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं, बल्कि यह आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि का आगमन भी सुनिश्चित करता है।

नल और कुएं के पास

घर में मौजूद नल और कुएं के पास दीपक जलाना दिवाली की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे विशेष रूप से मां लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए किया जाता है। मान्यता के अनुसार, मां लक्ष्मी को प्रकृति का रूप माना जाता है, और जल के स्रोतों के पास दीपक जलाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। यह दीपक न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि यह धन और समृद्धि के लिए भी शुभ माना जाता है। जब आप नल या कुएं के पास दीपक जलाते हैं, तो यह आपके घर के वातावरण को रोशन करता है और मां लक्ष्मी से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन बनता है। इस परंपरा का पालन करने से आपके घर में हमेशा धन और समृद्धि बनी रहती है।

सुनसान जगह या चौराहे पर

घर के आसपास किसी सुनसान जगह या चौराहे पर दीपक जलाना भी दिवाली की एक महत्वपूर्ण रस्म है, जो विशेष रूप से धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए की जाती है। यह मान्यता है कि इस प्रकार दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और इससे धन के स्रोतों में वृद्धि होती है। जब आप चौराहे पर दीपक जलाते हैं, तो यह न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि समग्र समुदाय के लिए भी शुभ होता है। यह दीपक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक माध्यम है, जिससे आपके घर में हमेशा धन और समृद्धि बनी रहे। इस परंपरा का पालन करने से न केवल आपके निजी जीवन में धन संबंधी बाधाएं समाप्त होती हैं, बल्कि यह समाज में भी खुशहाली का संचार करता है।

बेलपत्र के पेड़ के नीचे

दिवाली के दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना एक विशेष धार्मिक प्रथा है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। मान्यता है कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और इस पेड़ के नीचे दीपक जलाने से न केवल उनकी कृपा प्राप्त होती है, बल्कि यह आर्थिक और अन्य समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है। जब आप इस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं, तो यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करता है। इस क्रिया से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और भगवान शिव की आशीर्वाद से हर प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं। इस परंपरा का पालन करके, आप अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं।

शयनकक्ष में घी का दीपक

दिवाली की रात शयनकक्ष में घी का दीपक जलाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जो दांपत्य जीवन में सुख और शांति लाने के लिए की जाती है। मान्यता है कि इस दिन दीपक जलाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्यार और समझ को भी बढ़ाता है। घी का दीपक विशेष रूप से इसीलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका प्रकाश और सुगंध वातावरण को शुद्ध करने में मदद करता है। इस दीपक को जलाने से घर में मधुरता का वास होता है और दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं, जिससे संबंधों में नयापन और आनंद का अनुभव होता है। इस सरल लेकिन प्रभावी उपाय से आप अपने संबंधों को और भी मजबूत बना सकते हैं और घर में सुख-शांति का वातावरण बना सकते हैं।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...