भावनाओं पर रखें काबू, सकारात्मकता का रास्ता चुनें
अपने प्रति लापरवाही बरतना कहीं से भी बुद्धिमानी वाली बात नहीं है। ये आदत आपको भावनात्मक रूप से पूरी तरह कमज़ोर बना देती है।
Bad Habits of Emotional People: क्या आपने कभी सोचा है कि हमें ज़्यादातर लोगों में क्या चीज़ सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है? उनकी भावनात्मक या मानसिक शक्ति। सरल भाषा में कहूं तो मुश्किलों से पार पाने के लिए उनका आत्मबल और कठोर स्थितियों में भी अपने सिद्धांतों पर बने रहकर ख़ुद की पहचान क़ायम रखने की हिम्मत। ग़लतियों पर ध्यान देकर उनसे सीख लेना और विनम्रता बनाए रखना और डर के माहौल में भी विश्वास बनाए रखना हर किसी के बस की बात नहीं।
कई बार आपकी कुछ ग़लत आदतें भावनात्मक शक्ति को कम भी कर सकती हैं।
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अपनी अहमियत न समझना

क्या ज़रुरत पड़ने पर भी आपको ब्रेक लेने में दिक़्क़त होती है? हमारे काम के प्रति समर्पित समाज में कभी-कभी ख़ुद को एक हद से ज़्यादा झोंक देने से ज़्यादा मुश्किल है आराम करना। भावनात्मक रुप से कमज़ोर लोग अपनी अहमियत अपने उसूलों के बजाय स्टेटस, पैसों, और उपलब्धियों पर मापते हैं। ध्यान रखें कि ‘ख़ुद को प्यार करें’ सिर्फ़ कहने में ही नहीं, बल्कि करने में भी लागू हो।
ख़ुद से वादा न निभाना

ख़ुद को प्रोत्साहित करने के लिए यह कहना बहुत आसान है कि ‘आज से मैं रोज़ सुबह 6 बजे जिम जाऊंगा/जाऊंगी’ , लेकिन अगर आप रात के 2 बजे तक बिस्तर पर फ़ोन पर बात कर रहे हैं, तो ऐसा होना मुश्किल है। ऐसे में आपका ख़ुद से किया वादा न निभा पाना क़मज़ोर भावनात्मक शक्ति को दिखाता है।
छोटी मुश्किलों पर हाथ खड़े करना

मनचाहा साथी पाने के लिए ख़राब रिश्तों से होकर ग़ुज़रना पड़ सकता है। बार-बार कोशिश करने के बाद ही आप सही बॉडी शेप में आ पाएंगे। हमेशा ध्यान रखें कि ज़िंदगी में कोई भी बड़ी चीज़ पाने के लिए आपको हार, त्याग, और रिजेक्शन का सामना करना ही पड़ेगा। यह उम्मीद न रखें कि सबकुछ चांदी की थाली में सजा हुआ मिलेगा।
अपना ध्यान ना रखना

आपकी लाइफस्टाइल चाहे कितनी भी व्यस्त हो, लेकिन ऐसा कभी हो नहीं सकता की आपके पास अपने लिए समय न हो। अपने आप का ख्याल ना रखना, खुद को तवज्जो ना देना ये साड़ी आदतें आज ही छोड़ दीजिये। अगर आप एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे पहले आपको अपना ख्याल रखना होगा। अपने प्रति लापरवाही बरतना कहीं से भी बुद्धिमानी वाली बात नहीं है। ये आदत आपको भावनात्मक रूप से पूरी तरह कमज़ोर बना देती है।
खुद को गलत ठहराना

सबकी जिंदगी में कुछ न कुछ उतार चढ़ाव आते रहते हैं। इसके लिए किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता है। कभी कभी हालातों की वजह से और कभी किसी चीज को नज़रअंदाज़ करने से हमारे जीवन में मुश्किलें आ खड़ी होती हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको समस्या की जड़ तक जाना होगा। ऐसा क्यों हुआ और भविष्य में इसे कैसे रोका जा सकता है। इस तरह की बातों पर गौर करने की जगह अगर आप खुद पर ही गलत होने का इल्जाम लगा देंगे तो ऐसा कर के आप खुद की भावनाओं को ठेस पंहुचा रहे हैं।
