Emotional Connection: भावनात्मक संबंध वो चाभी है, जो रिश्तों के दरवाजे खोलती है। किसी भी स्वस्थ रिश्ते की नींव ही भावनात्मक संबंध होता है। भले ही हमारे पास बहुत कुछ हो, यदि भावनात्मक संबंध न हो तो यह रिश्ते में बैरियर का काम करता है। इसलिए जरूरी है कि किसी भी रिश्ते में भावनात्मक लगाव जरूर हो। और बात जब पति और पत्नी के बीच भावनात्मक संबंध की आती है, तो इसका पता चलना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन नीचे बताए गए 10 लक्षणों से पता चल सकता है कि आपका आपके पार्टनर के साथ इमोशनल कनेक्शन है या नहीं है।
क्या है भावनात्मक संबंध

हर व्यक्ति अलग-अलग तरीके से भावनात्मक संबंध के बारे में बताता और समझता है। भावनात्मक संबंध में अमूमन निम्न बातें होनी चाहिए –
- शारीरिक आकर्षण से अलग एक रिश्ता
- अन्य व्यक्ति के साथ गहरा रिश्ता जोड़ने की क्षमता
- अपने इमोशनल पक्ष को शेयर करते हुए सामने वाले के साथ सुरक्षित महसूस करना
- दूसरे व्यक्ति के साथ खुद को भरपूर मानना
क्यों जरूरी है रिश्ते में भावनात्मक संबंध

जो जोड़े एक दूसरे के साथ इमोशनल कनेक्शन महसूस करते हैं, वे अपने साथ को लेकर ज्यादा आत्मविश्वासी होते हैं। ये जोड़े एक दूसरे के प्रति अधिक पारदर्शी रहते हैं और सुरक्षित भी महसूस करते हैं। ये असल में एक दूसरे की इज्जत करते हैं और इनके दूर जाने की आशंका कम से कम रहती है। ये एक दूसरे के प्रति संवेदनशील रहते हुए अपनी चाहतों और गलतियों को भी जानते हैं।
10 लक्षण जिनसे पता चल सकता है आपका अपने पार्टनर के साथ है भावनात्मक संबंध

इमोशनल रिश्ता हो तो शारीरिक तौर पर भले ही कितनी दूरी हो, यह रिश्ता लंबे समय तक अपनी गति से चलता रहता है। आइए नजर डालते हैं उन प्राथमिक संकेतों पर, जिससे दो लोगों के बीच इमोशनल कनेक्शन का पता चल सकता है।
1. एक दूसरे की केयर करना
जब आप अपने पार्टनर का बेस्ट चाहते हैं, तो यही सबसे पहला लक्षण है कि आप उनके साथ इमोशनली कनेक्टेड हैं। कहने का मतलब है जब उनकी खवाहिश पूरी होती है, तो आपको बहुत खुशी मिलती है।
2. एक दूसरे का सपोर्ट करना
एक मजबूत इमोशनल कनेक्शन बनाने में एक दूसरे के लिए सपोर्ट अहम भूमिका निभाता है। एक दूसरे की जरूरतों पर निर्भर होना, भले ही यह सपोर्ट शारीरिक हो, मानसिक हो या भावनात्मक।
3. ईमानदारी भरी गहरी बातचीत
अलग-अलग राय रखने के बावजूद यदि आप दोनों रिश्ते और आम बातों को लेकर खुली बहस करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप दोनों का इमोशनल कनेक्शन मजबूत है।
4. समय-समय पर रिश्ते का पुनर्मूल्यांकन
एक रिश्ते में यदि दो लोग इमोशनली कनेक्टेड होते हैं, तो वे अक्सर अपने रिश्ते का मूल्यांकन करते रहते हैं और ध्यान देते हैं कि कहां सुधार की जरूरत है। अपने मन की बात नि:संकोच होकर करते हैं।
5. एक दूसरे की सुनते हैं

ये दो लोग एक दूसरे की सुनते हैं। यहां सुनने का मतलब सिर्फ अच्छी बातें या खुशी वाली बातें सुनने से नहीं है, बल्कि यहां सुनने का मतलब अपनी चिंता और परेशानी शेयर करना भी है। बिना यह सोचे हुए कि सामने वाला क्या बोलेगा, या आलोचना करेगा या निगेटिव सोचेगा। वहीं दूसरा ईमानदारी से सामने वाले की बात सुनेगा और पूरा ध्यान देगा। पूरी बात सुनने के बाद ही अपनी राय देगा। सामने वाले की बात सुनते हुए मुंह से कुछ नहीं बोलते हुए सिर हिलाता रहता है और आंखों से संपर्क बनाए रखता है।
6. एक दूसरे के बारे में सब कुछ जानना
जो लोग एक दूसरे से इमोशनली अटैच्ड होते हैं, वे अपने पार्टनर की यूनिक आदतों को बेहतर से जानते हैं और इम्पर्फेक्शन को एकसेप्ट भी करते हैं। इस तरह के पार्टनर एक दूसरे की चिंता, ड्राइविंग फोर्स, लक्ष्यों और कमजोरी को बेहतर जानते हैं।
7. एक दूसरे की हॉबी में हिस्सा लेना
पार्टनर के बीच मजबूत इमोशनल कनेक्शन हो, तो दोनों एक दूसरे की आगे बढ़ने में मदद करते हैं। अपने शेड्यूल में बदलाव लाकर दूसरे की रुचि और हॉबी के लिए समय निकालते हैं ताकि इसी बहाने एक दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिल जाए।
8. डीटेल पर देते हैं ध्यान
आपके इमोशनल सम्बन्ध का इससे भी पता चलता है कि आपके रिलेशनशिप में छोटी-छोटी खुशियों को शेयर करने के लिए भी जगह है। आप इस बात को अच्छे से समझते और मानते हैं कि खुशियां छोटी छोटी चीजों और बातों से ही मिलती हैं। इसमें साथ भोजन करना, एक दूसरे की लाइफ की छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करना, मुश्किल समय पर एक दूसरे का ध्यान देना और डेट नाइट की प्लानिंग करना शामिल है। यदि आप दोनों एक दूसरे की जिंदगी में रुचि लेते हैं, तो यह एक सकारात्मक कदम है।
9. आप दोनों का ध्यान एक दूसरे को फिक्स करने पर नहीं रहता
जो जोड़े इमोशनल तौर पर मैच्योर रहते हैं, उन्हें एक दूसरे को फिक्स करने की जरूरत नहीं पड़ती। यहां फिक्स करने का मतलब समस्या को सुलझाने के लिए एक दूसरे से मुंह फुलाने और बात को बढ़ाने है। सामने वाले को सुरक्षित स्पेस देना ताकि वह अपनी बात खुलकर कह सके और उनकी परेशानियों को सिर्फ सुनना ही काफी है। इस समय सामने वाले को बिल्कुल भी जज नहीं करना भी शामिल है।
10. आप दोनों एक दूसरे के प्रति सहानुभूति रखते हैं
भले ही आप दोनों एक दूसरे के बिलकुल विपरीत हों, लेकिन एक दूसरे की बातों और पक्ष को समझना भावनात्मक संबंध ही तो है। एक दूसरे का असल में ख्याल रखना इमोशनली कनेक्टेड लोगों की निशानी है। सबसे जरूरी बात यदि आप दोनों अपने रिश्ते को मेंटेन करने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो यही मजबूत इमोशनल कनेक्शन की निशानी है।