kal kare so aaj kar
kal kare so aaj kar

Hindi Story: मुसद्दी लाल जी ने बेटे से कहा कि आज तेरा नतीजा आने वाला था, उसका क्या हुआ? बेटे ने कहा- ‘जी पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी का बेटा फेल हो गया है, और तो और हमारे इलाके के नेता जी का बेटा भी फेल हो गया है। मुसद्दी लाल जी ने कहा- ‘मैं तेरे परिणाम की बात कर रहा हूं और तू मुझे न जाने क्या कहानियां सुनाये जा रहा है।’ अब मुसद्दी लाल जी ने थोड़े तेवर टेढ़े करते हुए कहा कि मुझे ठीक से अपने नतीजे के बारे में बताता है कि डंडा उठाऊं। बेटे ने बेशर्मी से हंसते हुए कहा कि आप कोई देश के प्रधानमंत्री तो है नहीं जो आपका बेटा पास हो जाता, आपका बेटा भी फेल हो गया है।

इससे पहले कि मुसद्दी लाल जी बेटे को कुछ और कहते उसके मोबाइल फोन की घंटी बज उठी, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मुसद्दी लाल जी उससे बोले कि तेरे फोन की घंटी बज रही है, उसे उठाता क्यूं नहीं? बेटे ने कहा- ‘यह फोन नहीं है किसी का कोई सन्देश आया है। इसी के साथ मुसद्दी लाल जी ने जब फोन पर नज़र डाली तो देखा कि यह उनके बेटे के साथ पढ़ने वाली एक लड़की का सन्देश था। मुसद्दी लाल जी ने बेटे के मोबाइल फोन पर जब सन्देश पढ़ना शुरू किया तो वो कुछ इस प्रकार से था- आज करे सो कल कर, कल करे सो परसों, ऐसी भी क्या जल्दी है प्यारे अभी तो जीना है बरसों।यह सन्देश पढ़ते ही मुसद्दी लाल जी अपने गुस्से पर काबू न रख पाये और बेटे को डांटते हुए बोले कि अगर तुम्हारी और तुम्हारे दोस्तों की ऐसी ही सोच रही तो जिंदगी में हवाई किले बनाने के अलावा कुछ नहीं कर पाओगे। मां-बाप बेटे को अच्छा आदमी बनाने के लिये बीस बरस लगा देते हैं और ऐसी लड़कियां उसे कुछ मिनटों में बेवकूफ बना देती है।

हम लोगों ने तो बचपन से आज तक यही सुना और सीखा है कि किसी भी आवश्यक काम को कभी भी कल पर न छोड़ो। न जाने कल कौन-सा नया काम आ जाये कि फिर हम आज का काम कर ही न पाये। वैसे भी जिस तरह नदी का पानी जो जब एक बार आगे निकल जाता है उसे दुबारा वापिस नहीं लाया जा सकता। इसी तरह बीता हुआ समय भी कभी वापिस नहीं आता। वक्त जब हमारे सामने होता है तो उस समय हम उसकी कद्र नहीं करते, जब वो रेत की तरह हमारे हाथ से फिसलने लगता है तो उस समय हम उसे रोकने की नाकाम कोशिश करते हैं, लेकिन उस समय वो नहीं रुकता। ऐसे में इंसान सिर्फ हाथ मलने और पछताने के अलावा कुछ नहीं कर पाता। बाप-बेटे की तकरार सुनते-सुनते मुसद्दी लाल जी की पत्नी उनसे बोली कि आप तो न जाने किस जमाने की बात कर रहे हो। आपके टाइम पर पढ़ाई बहुत ही सीधी-सादी होती थी, टीचर भी अच्छे होते थे। आजकल के बच्चों पर पढ़ाई का कितना अधिक बोझ है, यह आप क्या जानो? हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ लगी हुई है। दिन-रात मेहनत करके इन्हें हर किसी से बराबरी का मुकाबला करना पड़ता है।

मुसद्दी लाल जी ने पत्नी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी तक तो मैं यही समझता था कि तुम्हारे जैसी अनपढ़ औरतें अपनी उम्र को आधा करके बताने, अपने कपड़े, गहनों की कीमत को दुगना करके और सहेली की उम्र में पांच साल जोड़कर बताने का गणित ही जानती है। लेकिन तुम तो इससे भी बहुत अधिक जानती हो। किसी भी आदमी को महान कार्य करने की प्रेरणा देने वाली भी औरत ही होती है। जबकि तेरे जैसी औरतें किसी को कुछ भी करने नहीं देती। क्या तुम जानती हो कि इस तरह के फालतू किस्म के बहाने बना कर हम किसी और को नहीं बल्कि स्वयं को ही नुकसान पहुंचाते हैं। जो लोग अपने काम से दिल चुराते हैं, समय उनका इंतजार नहीं करता बल्कि उन्हें पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाता है। तुम्हारे बेटे जैसे बेवकूफ लोग सिर्फ योजनाएं ही बना सकते हैं, कुछ काम नहीं कर सकते। ऐसे लोग फिर सारी जिंदगी दुःख उठाते हैं।

मां-बाप की बहस को बढ़ते देख मुसद्दी लाल के बेटे ने कहा कि मैं अपनी तरफ से हर तरह मेहनत करता हूं। अब उसमें कामयाबी नहीं मिलती तो मैं क्या कर सकता हूं। मुसद्दी लाल जी ने बेटे को समझाते हुए कहा कि मेरे सामने भाग्य की बात तो करना मत। सिर्फ किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होता, जबकि मेहनत करने वाले अपनी किस्मत तक को बदल डालते हैं। तुम हर काम को हमेशा कल पर टालने की कोशिश करते हो, जबकि कर्म करने व सभी समस्यायें हल करने का समय ’अब’ है, अतः इसे बहानेबाजी में मत गंवाओं। यह माना कि हर दिन अच्छा नहीं होता, लेकिन हर दिन कुछ न कुछ जरूर अच्छा होता है। यदि किसी भूल के कारण तुम्हारा कल का दिन दुःख में बीता है तो उसे याद करके आज का दिन व्यर्थ में गंवाने से कुछ फायदा नहीं होता? अपने मार्ग में आने वाले किसी भी विघ्न से घबराने की बजाए, हर विघ्न को उन्नति की ओर ले जाने वाली सीढ़ी समझें। यदि किसी कारणवश आप किसी काम में पहली बार सफल नहीं हो पाते तो अपनी असफलता के सारे चिह्न मिटा दो। इंसान को चाहिये कि अपनी हर कोशिश को सदा पहली कोशिश माननी चाहिये आखिरी नहीं।

मुसद्दी लाल जी की बातों को सुन कर तो यही सच लगता है कि विजेता बनने के लिये जब भी मौका मिले उसी समय कुछ कर के दिखाने की जरूरत होती है। अच्छे कर्मों का फल चाहे थोड़ी देर ही मिले, लेकिन मिलता जरूर है। बेटा एक बात कभी मत भूलना कि कामयाब व्यक्तियों की जिंदगी का केवल एक ही खास रहस्य होता है और वो यह है कि वो निद्रा और थकान जैसे दुश्मनों को दूर करके आज के काम को कभी भी कल पर नहीं टालते। समय के प्रति मुसद्दी लाल जी के आदर-सम्मान को ग्रहण करते हुए जौली अंकल किसी को कुछ भी पाठ पढ़ाने से पहले उसे खुद अमल में लाते हुए यह संकल्प लेते हैं कि कल करे सो आज कर।बीते हुए पल किसी भी कीमत पर वापिस नहीं मिल सकते।

ये कहानी ‘कहानियां जो राह दिखाएं’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानियां पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं

Kahaniyan Jo Raah Dikhaye : (कहानियां जो राह दिखाएं)