सबसे कम समय में बनने वाली फिल्म है सरबजीत

सरबजीत की पूरी टीम वाकई कमाल की है। यह मेरे अब तक के कैरियर की सबसे कम समय में बनने वाली फिल्म है, तकनीकी दृष्टि से देखें तो ‘रेनकोट’ ‘चोखेरबाली’ या ‘प्रवोक्ड’ भी फास्टेटेस्ट फिल्म थी लेकिन ‘सरबजीत’ बड़े पैमाने पर बनी इमोशनल फिल्म है, इसका क्रेडिट पूरी टीम को जाता है जिसने अद्भुत काम दिखाया है।

चुनौति से ज्यादा जिम्मेदारी

मेरे लिए यह फिल्म चुनौती से ज्यादा जिम्मेदारी थी। क्यों कि यह एक रियल लाइफ पर आधारित फिल्म है। साथ ही यह सब्जेक्ट बहुत ही सेन्सिटिव है। मैंने फिल्म ‘प्रोवोक्ड’ में भी रियल लाइफ किरदार निभाया था इसलिये मैं जानती हूॅं कि किसी किरदार को बहुत सेंसेटिव तरीके से पेश करना चाहिए। इसमें आप पर कैरेक्टर की जिम्मेदारी आ जाती है। मैं अपने हर किरदार को सरस्वती का रूप मानती हूं और उसकी इज्जत करती हूॅं। फिल्म का हर शाॅट मेरी अन्तरात्मा से निकल कर आया है।

 

फिल्म ‘सरबजीत’ का एक दृश्य

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  

दलबीर कौर से पहली मुलाकात

दलबीर जी से मेरी पहली मुलाकात पहले दिन की शूटिगं के दौरान हुई। उसके पहले मैंने उनसे मिलना ठीक नहीं समझा क्योंकि अपने रोल के लिये किसी को सामने बिठा कर आब्जर्व करना मुझे बेहद रूड, सेलफिश और इनसेंसिटिव एटिट्यूड लगता है। मैंने अपने किरदार के लिये राइटिंग पर ज्यादा फोकस किया। हाॅं, जब मैं दलबीर जी से मिली तो आश्चर्य चकित रह गई कि उनकी आंखों में अभी भी एक चमक है। उनमें एक अन्दरूनी प्रकाश है जो सहज ही आकर्षित करता है।

बेस्ट कॉम्पलीमेन्ट- स्टैंडिंग ओवेशन

जब सरबजीत कान फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई गई, तो वहां इस फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन मिला। यह हम सब के लिये गर्व और खुशी की बात थी। यहां मुम्बई में भी सबका रिएक्शन बहुत अच्छा था किन्तु इस फिल्म के लिये वन्डरफुल, आॅसम, या खुशी का इजहार करना गलत होगा क्योंकि यह सब्जेक्ट बहुत इमोशनल है और एक परिवार की सच्ची घटना है । हो सकता है कि इस तरह के हजारों लाखों सबरजीत कहीं अंधेरे में गुम होंगे।

ऐक्टर के साथ मैं माॅम भी हूं

देखिए अराध्या अब थोड़ा-थोड़ा समझदार हो रही है उसके लिये उसकी माॅम काम करने के लिए आॅफिस जाती हैं। शूटिगं के दौरान भी अराध्या को प्ले स्कूल छोड़ने और लेने का काम मैं स्वयं करना चाहती हूॅं। अक्सर मैं उसे अपने साथ सेट पर भी ले जाती हूं। जब मुझे ब्रेक मिलता है उस समय मैं उसके होमवर्क करवाती हूं और फिर ट्रैवेलिंग के समय कार में बातें करते, खेलते हुए हम घर आ जाते हैं। हमारे देश में हजारों महिलाएं पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन बनाकर काम करती हैं। मैं भी खुद को उनमें से एक समझती हूं। हां, कभी-कभी बहुत इमोशनल सीन शूट करने के बाद आप ट्रांस जोन में चले जाते हैं। लेकिन एक्ट्रेस होने के साथ ही मैं अराध्या की मॉम भी हूं, मेरी अपने परिवार के प्रति भी जिम्मेदारी है, तो वह बैगेज लेकर आप घर नहीं जा सकते।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पर्पल लिपस्टिक और सोशल मिडिया

देखिए कान फिल्म फेस्टिवल में मैं लाॅरियल को रिप्रेजेन्ट कर रही थी। कोई भी मेकअप से जुड़ा ब्रांड हर तरह के एक्सपेरिमेन्ट करना चाहता है, कभी-कभी वह मेकअप सबको पसन्द आता है और कभी नहीं। लेकिन मैं पर्पल लिपस्टिक को लेकर बहुत कूल हूं, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग सोशल मिडिया में क्या लिख रहे हैं।

 

ये भी पढ़े-

रियल दलबीर कौर से जब मिली ‘सरबजीत’ की दलबीर

कान्स में ऐश्वर्या का गोल्डन जलवा

ऐसे की रणदीप ने ‘सरबजीत’ की तैयारी

 

आप हमें  फेसबुक , ट्विटर और यू ट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकते हैं।