Diwali Celebration 2023: सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। हर त्यौहार अपने आप में खास है। लेकिन लोगों को दिवाली के त्योहार का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है। दिवाली को साल भर का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसको लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में अलग ही उत्साह और उल्लास देखने को मिलता है।
साल भर की सबसे बड़ी अमावस्या पर दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार 12 नवंबर 2023 को दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा। दिवाली के त्योहार को इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि इस दिन चारों ओर अंधेरा छाया रहता है, शहर का हर कोना, हर घर जब दीयों और रंग बिरंगी लाइटों से जगमगाता है तो अलग ही नजारा देखने को मिलता है।
पूरे देश भर में दिवाली का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में कुछ शहर ऐसे भी है जहां दिवाली पर अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इसके चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा उन शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दिवाली पर अलग ही रोमांचक माहौल देखने को मिलता है, तो चलिए जानते है।
Also read : अपनों की दिवाली बनाएं खास इन खूबसूरत उपहारों से: Diwali Gifts Idea
इन शहरों की जगमगाती दिवाली होती हैं बहुत खास
अयोध्या नगरी

दिवाली मनाने की शुरुआत ही भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या से हुई थी। जब भगवान श्री राम 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। तब अयोध्या वासियों ने भगवान श्री राम के स्वागत में पूरी अयोध्या नगरी को हजारों दीयों से सजाकर रोशन किया था। इसलिए यह स्वाभाविक सी बात है की दिवाली के अवसर पर अयोध्या का रंग रूप अलग ही देखने को मिलता है। श्री राम की जन्म भूमि को दिवाली पर इस तरह सजाया जाता है कि दूसरे देशों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं, और धूम धाम से दिवाली का त्योहार मनाते है।
पंजाब अमृतसर

अगर बात करें पंजाब के अमृतसर की तो दिवाली पर गोल्डन टेंपल को इतने अद्भुत तरीके से सजाया जाता है, कि देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह जाती है। दिवाली के दिन अमृतसर जिस तरह रंग बिरंगी लाइटों में डूबा रहता है। यह नजारा देखने लायक रहता है। दिवाली की रात को अमृतसर की खूबसूरती से नजर हटाए नहीं हटती है।
वाराणसी

उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा लोकप्रिय शहर वाराणसी जो पवित्र नदी गंगा के किनारे बसा हुआ है। दिवाली पर इस शहर का अपना अलग महत्व है। दिवाली पर नदी के किनारे धार्मिक प्रदर्शन और मंत्रोच्चार की पृष्ठभूमि में चमकते लैंप बहुत ही सुंदर लगते हैं। दिवाली पर गंगा के घाटों पर सैकड़ो की संख्या में मोमबत्तियां जलाई।। जाती है। रात में गंगा नदी में दीयों को बहाया जाता है। इस वजह से दिवाली की रात गंगा नदी सुनहरी दिखने लगती है। यह नजारा बहुत अद्भुत और देखने लायक होता है।
कोलकाता

कोलकाता में दिवाली का त्योहार बहुत खास तरीके से मनाया जाता है। कोलकाता में दिवाली की रात को काली पूजा का आयोजन किया। दिवाली पर अपने घरों की साफ सफाई कर, सजावट कर लोग माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता काली की पूजा करते हैं। कोलकाता की सारे देवी मंदिरों को दीयों और जगमगाती लाइटों से सजाया जाता है। खास बात यह है कि कोलकाता में दिवाली के दिन पूरी रात जागरण किया जाता है, क्योंकि मां काली की पूजा रात को करीब 10 बजे के बाद ही शुरू होती है और यह पूजा पूरी रात चलने के बाद अगले दिन सुबह 3-4 संपन्न होती है।
