अगर आपकी मां की उम्र हो गई है 50, तो उनका रखें खास ख्याल: Mothers Health
Mothers Health After 50

Mothers Health: मां के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। बच्चे को जन्म देने के साथ जिसकी दुनिया बच्चे के इर्द-गिर्द सिमट कर रह जाती है। बच्चे की परवरिश करने और कामयाब इंसान बनाने में जुटी मां को कई बार खबर तक नहीं रहती कि कब उसकी जिंदगी का एक पड़ाव गुजर जाता है। उम्र के एक पड़ाव पर पहुंची मांएं अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान नहीं दे पाती। शरीर में हार्मोन में आए बदलावों की वजह से उन्हें कई शारीरिक-मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में अपनी व्यस्तता के बावजूद आपको अपनी मां की 50 की उम्र में स्वास्थ्य देखभाल करनी चाहिए। निश्चय ही आपके प्रेरणा और थोड़ी-सी देखभाल से आपकी मां लंबे समय तक स्वास्थ्य रहेंगी।

स्वास्थ्य के लिहाज से मध्य आयु में पहुंची किसी महिला के लिए पेरिमेनोपॉज का समय है जिसमें महावारी बंद होने वाली होती है और मेनोपॉज शुरू हो रहा होता है। महिलाओं का रिप्रोडक्टिव प्रणाली कमजोर पड़ने लगती है। शरीर में हार्मोन में बदलाव खासकर एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने की वजह से कई शारीरिक-मानसिक समस्याएं आने लगती हैं-

  • अक्सर महिलाओं को हॉट फ्लैशेज, नाइट स्वेंटिंग या बैठे-बैठे पसीने से भीग जाना, चेहरा लाल होना, रात को नींद न आना, बार-बार यूरिन जाने की इच्छा होना, यूरिनरी और वजाइनल समस्याएं, एनीमिया जैसी शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।
  • मासिक धर्म में अनियमितता की वजह से कई महिलाएं एनीमिया की भी शिकार हो जाती हैं। चिड़चिड़ापन, सुस्ती की शिकायत देखने को मिलती है।
  • कैल्शियम की कमी होने से बोन डेंसिटी होना, हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, थकावट रहना, काम करने की इच्छा न होना।
  • शारीरिक गतिविधियां अपेक्षाकृत कम होने और डाइट का ध्यान न रखने के कारण इस उम्र में महिलाएं मोटापे खासकर ट्रंकल मोटापे का शिकार हो जाती हैं। लाइफ स्टाइल संबंधी गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आने की आशंका भी बनी रहती है।
  • महिलाएं अकेलेपन का भी शिकार हो जाती हैं। जिसकी वजह से वे मूड स्विंग, डिप्रेशन, अकेलापन जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का भी सामना करती हैं।
  • ब्रेन की एजिंग प्रोसेस धीमा होने के कारण कई महिलाएं इस उम्र तक आते-आते भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) से ग्रस्त हो जाती हैं। फिजीकल-मेंटल डिसऑर्डर आ सकते हैं।

कैसे करें देखभाल

Mothers Health Tips
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स्वास्थ्य ही धन है’- यह उक्ति जिंदगी के हर मोड़ पर हम सभी को समझना जरूरी है। खासकर उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद मेनोपॉज की स्थिति से गुजर रही महिलाओं के लिए यह जरूरी है। कोशिश करनी चाहिए कि आपकी मां एक्टिव रहें, व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर अच्छा जीवनयापन कर सकें। अगर आपकी मां अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगी, तो वो बड़ी उम्र में भी फिट रहेंगी और बेहतर जीवन यापन कर सकती हैं। उनकी दुनिया सिमटने न लगे- इसके लिए कोशिश करनी चाहिए कि वो एक्टिव रहें। बीमारियों से ग्रस्त होने के बजाय स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।

कराएं हेल्थ-स्क्रीनिंग

अपनी मां के 50वें बर्थडे पर हेल्थ-स्क्रीनिंग या कम्प्लीट मेडिकल चैकअप कराने के लिए मोटिवेट करना चाहिए। इससे वे अपनी सेहत के प्रति सजग रहेंगी और किसी भी समस्या का पता चलने पर समुचित उपचार करा पाएंगी। अगर आपकी मां ने पहले कभी पैप स्मीयर टेस्ट या सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग नहीं कराई है, तो इस उम्र में यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। 50 साल के आसपास मेनोपॉज की स्थिति का पता लगाने के लिए फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन या एफएसएच टेस्ट कराया जाता है।

सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। उम्र बढ़ने पर ब्रेस्ट केंसर का रिस्क बना रहता है, ब्रेस्ट स्क्रीनिंग जरूरी है। कई बीमारियां ऐसी होती हैं जो पहले साइलेंट मोड में हो सकती है जो उम्र बढ़ने के साथ सिम्टेमैटिक हो सकती हैं। कई बार मेनोपॉज होने के काफी समय बाद ब्लीडिंग हो जाती है जिसे पोस्ट मेनोपॉजल ब्लीडिंग हो जाती है जो यूटराइन केंसर का संकेत देता है। अगर आपकी मां को अनहेल्दी डिस्चार्ज की समस्या हो, या अचानक से वजाइना में इचिंग, फाउल स्मैल आ रही हो, तो बिना देर किए चैकअप करवाना चाहिए।

हेल्थ चैकअप है जरूर

50 साल के बाद साल में एक बार हेल्थ चैकअप जरूर कराना चाहिए ताकि डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, ओबेसिटी, थायरॉयड जैसी नॉन-कम्यूनिकेबल लाइफ स्टाइल डिजीज का समय रहते पता चल जाए। जिनका समुचित उपचार और बचाव के उपायों को अपनाया जा सके। इसके अलावा उम्र के साथ अपनी मां की आंखों की रोशनी , दांतों संबंधी बदलावों के लिए साल-छः महीने पर चैकअप कराना चाहिए।

सेल्फ-केयर के लिए करें मोटिवेट

एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी का असर स्किन और बालों पर भी पड़ता है। स्किन में झुर्रियां आनी शुरू हो जाती हैं और बालों का कम होना और सफेद होने जैसे बदलाव होने लगते हैं। इसके लिए महिलाओं को सेल्फ-केयर के लिए मोटिवेट करना चाहिए ताकि इनमें आने वाले बदलावों से उनके मन में डिप्रेशन पैदा न हो।

डाइट का रखें ध्यान

50 की उम्र में खानपान का सेहत पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए आप कोशिश करें कि आपकी मां दिन में कोई भी मील स्किप न करें। उनमे संतुलित मात्रा में भोजन करने की आदत डालें। उनके आहार में जरुरत के हिसाब से सभी पोषक तत्व मौजूद हों। हड्डियों की मजबूती के लिए उनकी डाइट में कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। चाय-कॉफी, एल्कोहल, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, मिर्च-मसालेदार, शर्करायुक्त भोजन बड़ी उम्र में कई शारीरिक समस्याओं को ट्रिगर करते हैं। अपनी मां को इन चीजों से परहेज रखने के लिए समझाना चाहिए।

मादक पदार्थों से दूरी

Mother's Health

आजकल सोसाइटी में स्मोकिंग और एल्कोहल के सेवन के बढ़ते ट्रेंड से अपनी मां को दूर रखने की पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। क्योकि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हार्ट डिजीज का रिस्क महिलाओं में पुरूषों के बराबर हो जाता है।

लाइफ स्टाइल में बदलाव

मां को अपने स्वास्थ्य के लिए खुश रहने, समय पर खानपान और दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। भले ही आप अपने कामकाज में व्यस्त हों, दिन में कुछ समय मां के साथ बिताना चाहिए और उनके कामों में मदद करनी चाहिए। और अगर आप घर से दूर हों तो भी आप फोन या सोशल मीडिया की मदद से उनसे रोजाना संपर्क बनाए रखें। उन्हें नियमित तौर पर वॉक, मन-पसंद काम, सोशल सर्कल इम्प्रूव करने, हमउम्र दोस्तों से मिलने-जुलने लिए तैयार करना चाहिए। इससे वे अवसाद या तनाव से बची रहेंगी।

स्वस्थ के प्रति रहें सचेत

स्वस्थ रहने के लिए अपनी मां को रोजाना कम से कम एक घंटा अपनी मनपंसद एक्सरसाइज करने के लिए मोटिवेट करें। अगर एक ही सिटिंग में एक्सरसाइज न कर पाएं, तो सुबह-शाम आधा-आधा घंटा जरूर करें। वो घर पर भी आसानी से अपनी सुविधानुसार योगा, एक्सरसाइज, मेडिटेशन, प्राणायाम जैसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज, वॉक कर सकती हैं।

(डॉ भारती कालरा, वरिष्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ, भारती अस्पताल, करनाल)