कौन हैं सद्गुरु जानिए पूरी कहानी
कौन हैं सद्गुरु
सद्गुरु के नाम से तो हम सभी परिचित हैं ,बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु और आध्यात्मिकता के अनुयाई l इनका वास्तविक नाम जगदीश वासुदेव है l यह जग्गू के नाम से भी जाने जाते हैं l इनका जन्म 3 सितंबर 1957 को दक्षिण भारत के मैसूर शहर में हुआ था l उनकी माता का नाम सुशीला वासुदेव था जो की एक ग्रहणी थी और पिता का नाम बी. वी. वासुदेव था जोकि मैसूर रेलवे अस्पताल में चिकित्सक थे l
सद्गुरु का प्रारंभिक जीवन
13 वर्ष की आयु में वासुदेव ने मल्लादिहल्ली राघवेंद्र से योग की कक्षाएं ली और किशोरावस्था से ही योग उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन गया l योग के प्रति रुचि ने ही उन्हें अध्यात्म से जोड़ दिया l वासुदेव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डेमोंस्ट्रेशन स्कूल मैसूर से ली और बाद में उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में बैचलर डिग्री प्राप्त की I
सद्गुरु का करियर
आरम्भ में सद्गुरु का पोल्ट्री फार्म का बिजनेस था तथा कुछ समय बाद उन्होंने कंस्ट्रक्शन बिजनेस में प्रवेश किया I बाद में उन्होंने अपने बिजनेस को किराए पर अपने एक मित्र को दे दिया और खुद 1 वर्ष की यात्रा पर चले गए l 1983 में उन्होंने योग कक्षाएं शुरू करी l
सद्गुरु द्वारा ईशा फाउंडेशन की स्थापना
सद्गुरु ने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की l इसके हेड क्वार्टरस् कोईमबटूर के पास हैं l यह एक संगठन के रूप में काम करता है l ईशा फाउंडेशन ने सतगुरु की आध्यात्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक मंच के रूप में काम किया l यह संगठन “ ईशा योग “ के नाम से योग कार्यक्रमों का आयोजन करता है l आज उनके छात्र और उनके अन्य अनुयायी इस फाउंडेशन का प्रबंधन कार्य संभालते हैं l यह संस्था लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक करने का काम करती है l
सद्गुरु के कार्य
सद्गुरु एक लेखक के रूप में भी कार्य करते हैं I उन्होंने कई किताबें लिखी हैं l उनके द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकें जैसे “ अ योगिज़ गाइड टू जॉय एंड कर्मा “ और “ अ योगिज़ गाइड टू क्राफ्टिंग योर डेस्टिनी “ द न्यूयोर्क टाइम्स की बेस्ट सैलर लिस्ट में लिस्टेड है l इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों में हीलिंग पावर है जो पढ़ने वाले को मानसिक रूप से स्वस्थ कर देती है व पाठकों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन देती है l उन्होंने मिसटिक्स म्यूजिग्स एंड डेथ : एन इनसाइड स्टोरी भी लिखी है l
जगदीश वासुदेव वैश्विक सम्मेलनों में नियमित वक्ता भी हैं। उन्होंने कई प्रतिष्ठित सम्मेलनों में भाग लिया और भाषण दिया। जगदीश ने 2007, 2017 और 2020 में एनुअल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपने को प्रस्तुत किया। इसके अलावा, वह दुनिया भर में कई और कॉन्फ्रेंसेस का हिस्सा बने, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र के मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट, द ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स और द मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी । साथ ही उनके वीडियो कई अनोखे विषयों पर लोगों को जानकारी देते हैं। लोग उन्हें एक परम मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं जहां वे हर तरह की समस्या का समाधान पा सकते हैं । 2017 में, उन्हें लोक कल्याण में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
Sadhguru Life: सद्गुरु के नाम से तो हम सभी परिचित हैं ,बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु और आध्यात्मिकता के अनुयाई l इनका वास्तविक नाम जगदीश वासुदेव है l यह जग्गू के नाम से भी जाने जाते हैं l इनका जन्म 3 सितंबर 1957 को दक्षिण भारत के मैसूर शहर में हुआ था l उनकी माता का नाम सुशीला वासुदेव था जो की एक ग्रहणी थी और पिता का नाम बी. वी. वासुदेव था जोकि मैसूर रेलवे अस्पताल में चिकित्सक थे l
Sadhguru Life: सद्गुरु का प्रारंभिक जीवन

13 वर्ष की आयु में वासुदेव ने मल्लादिहल्ली राघवेंद्र से योग की कक्षाएं ली और किशोरावस्था से ही योग उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन गया l योग के प्रति रुचि ने ही उन्हें अध्यात्म से जोड़ दिया l वासुदेव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डेमोंस्ट्रेशन स्कूल मैसूर से ली और बाद में उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में बैचलर डिग्री प्राप्त की I
सद्गुरु का केरियर
आरम्भ में सद्गुरु का पोल्ट्री फार्म का बिजनेस था तथा कुछ समय बाद उन्होंने कंस्ट्रक्शन बिजनेस में प्रवेश किया I बाद में उन्होंने अपने बिजनेस को किराए पर अपने एक मित्र को दे दिया और खुद 1 वर्ष की यात्रा पर चले गए l 1983 में उन्होंने योग कक्षाएं शुरू करी l
सद्गुरु द्वारा ईशा फाउंडेशन की स्थापना

सद्गुरु ने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की l इसके हेड क्वार्टरस् कोयमबटूर के पास हैं l यह एक संगठन के रूप में काम करता है l ईशा फाउंडेशन ने सतगुरु की आध्यात्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक मंच के रूप में काम किया l यह संगठन “ ईशा योग “ के नाम से योग कार्यक्रमों का आयोजन करता है l आज उनके छात्र और उनके अन्य अनुयायी इस फाउंडेशन का प्रबंधन कार्य संभालते हैं l यह संस्था लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक करने का काम करती है l
सद्गुरु के कार्य

सद्गुरु एक लेखक के रूप में भी कार्य करते हैं I उन्होंने कई किताबें लिखी हैं l उनके द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकें जैसे “ द योगिज़ गाइड टू जॉय एंड कर्मा “ और “ द योगिज़ गाइड टू क्राफ्टिंग योर डेस्टिनी “ द न्यूयोर्क टाइम्स की बेस्ट सैलर लिस्ट में लिस्टेड है l इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों में हीलिंग पावर है जो पढ़ने वाले को मानसिक रूप से स्वस्थ कर देती है व पाठकों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन देती है l उन्होंने मिसटिक्स म्यूजिग्स एंड डेथ : एन इनसाइड स्टोरी भी लिखी है l
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जगदीश वासुदेव वैश्विक सम्मेलनों में नियमित वक्ता भी हैं। उन्होंने कई प्रतिष्ठित सम्मेलनों में भाग लिया और भाषण दिया। जगदीश ने 2007, 2017 और 2020 में एनुअल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपने को प्रस्तुत किया। इसके अलावा, वह दुनिया भर में कई और कॉन्फ्रेंसेस का हिस्सा बने, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र के ” मिलेनियम वर्ल्ड पीस समिट”,” द ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स” और” द मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” ।
साथ ही उनके वीडियो कई अनोखे विषयों पर लोगों को जानकारी देते हैं। लोग उन्हें एक परम मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं जहां वे हर तरह की समस्या का समाधान पा सकते हैं । 2017 में, उन्हें लोक कल्याण में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
