आखिर क्या है मीनाक्षी देवी के तीन स्तन का रहस्य, जानिए पूरी कहानी: Minakshi Devi Temple Mystery
Minakshi Devi Temple Mystery

Minakshi Devi Temple Mystery: मीनाक्षी देवी मंदिर तमिलनाडु के मदुरई जिले में स्थित है। इस मंदिर को किसी अजूबे से कम नहीं माना जाता है। केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने से पर्यटक मीनाक्षी देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।इस मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं एवं ऐतिहासिक कथाएं प्रसिद्ध है। 45 एकड़ में बना यह मंदिर स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है। इस परिसर में दो मंदिर स्थापित हैं। एक मीनाक्षी मंदिर एवं दूसरा प्रधान मंदिर। मीनाक्षी देवी मंदिर में माता मीनाक्षी की मूर्ति स्थापित है और प्रधान मंदिर में सुंदरेश्वर देव की मूर्ति बनी हुई है। कहा जाता है कि यह मंदिर 2500 साल पहले बना था। इस मंदिर परिसर में 12 भाव गोपुरम बनाए गए हैं। मंदिर के आठ खंभों पर माता लक्ष्मी की आकृतियां बनाई गई हैं।

Minakshi Devi Temple Mystery
Meenakshi Amman temple

सदियों पहले मदुरई के राजा मलयध्वज पांडया की कोई संतान नहीं थी। दोनों ही पति-पत्नी ने भगवान शिव की पूजा अर्चना करते और पुत्र प्रताप की कामना रखते थे। राजा मलय ध्वज के घर में पुत्री का जन्म हुआ। पैदा होने के समय उनकी पुत्री की उम्र 3 वर्ष थी। आम बच्चों से उम्र में बड़ी होने के साथ-साथ उनके पुत्री (मीनाक्षी)की आंखें मछली जैसी बड़ी-बड़ी और सुंदर थी, जिस पर उनका नाम मीनाक्षी पड़ामीनाक्षी। पौराणिक कहानियों के अनुसार मलयध्वज की पुत्री के बड़े-बड़े नैन के अलावा जन्म से उनके तीन स्तन थे, जिससे दोनों ही राजा और रानी अत्यंत दुखी थे।

कहा जाता है कि भगवान शिव ने राजा मलय ध्वज को दर्शन देकर कहा था कि जब यह पुत्री बड़ी होकर अपने वर से मिलेगी तो इसका तीसरा स्तन अपने आप ही गायब हो जाएगा। मीनाक्षी देवी को माता पार्वती का अवतार माना जाता है। मीनाक्षी देवी जब बड़ी हुई तो उनका सामना सुंदरेश्वर देव से हुआ। इसके बाद उनका तीसरा स्तन गायब हो गया तभी मीनाक्षी देवी ने जान लिया कि सुंदरेश्वर देव ही उनके वर हैं। सुंदरेश्वर देव से मिलने के बाद उन्हें यह पता चल गया कि वह कोई और नहीं बल्कि भगवान शिव का ही रूप है।

Meenakshi mandir madurai
Architecture of Meenakshi mandir madurai

मंदिर का वास्तुकला की बात करें तो यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला में बना हुआ है। इसे दक्षिण का मथुरा भी कहा जाता है। अगर आप मीनाक्षी देवी मंदिर में दर्शन करने जा रहे हैं तो मंदिर में बने हुए गोपुरम, मंदिर की दीवारों पर बने हुए नक्काशीदार आकृतियां और 12 मुख्य द्वार जरूर देखें ।

मीनाक्षी देवी मंदिर के गर्भ गृह में हर रात को भगवान शिव की छवि को प्रधान मंदिर से ढोल मंजीरा के साथ शोभा यात्रा निकाला जाता है। इस रात्रि समारोह में अवश्य भाग लें यह आपको बेहद पसंद आएगा और आपका मन झूम उठेगा।

मंदिर मीनाक्षी देवी मंदिर के गर्भ गृह में जाने से पहले श्रद्धालु स्वर्ण कमल तालाब में नहाते हैं। माना जाता है कि इंद्रदेव ने सुनहरे कमल के फूल को यहां पर माता पार्वती और शिव को अर्पित किए थे।