जन्म, विवाह आदि मांगलिक कार्यों में कुलदेवी या देवताओं के स्थान पर जाकर उनकी पूजा की जाती है या उनके नाम से स्तुति की जाती है। ऐसी मान्यता है कि बिना कुलदेवी कृपा के किसी के कुल का वंश और यश आगे बढ़ नहीं सकता। कुल देवी और देवता के लिए प्रतिदिन सुबह और शाम को भोग निकालें और उनके नाम का उच्चारण करें।
