में रख रहा था। इसे देखकर दिनेश के जीभ से पानी टपक पड़ता था। इसे देखते-देखते साला मंटू से बात करते हुए मंडप की तरफ़ बढ़ रहा था। एकाएक दुल्हन की तरफ़ उसका ध्यान गया। वह शंभू से बोला, “अबे दिनेश! यह काली लड़की वही सपना है?” शंभू बोला, “हाँ, बिलकुल सही बोल रहे हो। […]
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पकड़उवा बियाह
Hindi kahani : मई महीने की चिलचिलाती धूप में दिनेश बैजनाथपुर रेलवे स्टेशन से अपनी पुरानी जंग लगी हुई साइकिल पर बैठकर कुछ सोचते हुए घर की तरफ़ जा रहा था। धूप से बचने के लिए सिर पर गमछी से पगड़ी बनाकर ढँक लिया, जिसका पिछला हिस्सा मंद हवा के झोंके में धीमी गति से […]
प्रेम की प्यासी – राजेन्द्र पाण्डेय
Hindi Hot story : पराए पुरूष से लगाव Hindi Hot story : मेरा गोरा रंग, बोलती आंखें, कंधों तक बलखाते बाल, चौड़ी छाती, पतली कमर और चिकनी सुडौल जांघे सभी को लुभाती थी। पुरुष मेरे सौंदर्य को देखकर कहते-‘यह लड़की तो किसी रसगुल्ले से कम मुलायम और रसदार नहीं है। इसे देखने मात्र से ही […]
दूसरी पारी – गृहलक्ष्मी कहानियां
मई महीने की ढेर गर्म दोपहरी में इंसानों के साथ- साथ इमारतें भी भट्टी बन गई थीं। मौसम की तल्खी यथावत जारी थी। दो-चार लोगों से पता पूछने के लिए गाड़ी का शीशा नीचे किया ही था उसी में विवेक के माथे का पसीना किसी बंद नल से रिसते पानी की बूंदो की तरह टप-टप […]
खालीपन – गृहलक्ष्मी कविता
एक अजीब सी बात हो गई, कुछ अलग सी बात हो गई। यूं तन्हा से जब कर गए, तो जिंदगी वीरान सी हो गई। मेरे ख्यालों को कर गए खाली, और खालीपन सी बात हो गई। अब सिर्फ ख्याल बाकी हैं, और सांस खयालों में खो गई। यह खालीपन रहा होगा कहीं न कहीं तुममें […]
कोरोना के कमाल – गृहलक्ष्मी कहानियां
इस कोरोना नाम के छोटे से वायरस ने ढेर सारे कमाल के काम किए हैं। अब इतने हजार संक्रमित हुए, इतनों की जांच हुई, इतने ठीक हो गए, मास्क, 2 गज की दूरी…
अरमानों की आहुति
शाम हो चुकीथी। ठंडी हवा चल रही थी। घर की खिड़कियों में पर लगे वो हल्के पीले रंग के पर्दे उड़ने लगे थे। बाहर बालकनी में लगे मनीप्लांट की बेल भी मानो हवा का आनंद ले रही हो। तुलसी का कोमल पौधा तेज़ हवा को सहन नहीं कर पा रहा था। तभी सुधाजी तेज क़दमों से आई और तुलसी के पौधे को भीतर ले गई।
बॉबी ….गुम हुई
बॉबी , एक ऐसा नाम जो दिल में कब से है मुझे याद नहीं । पर ये कहानी है एक दर्द की ,एक रिस्ते की ,एक अहसास की ,एक जिंदगी की ,एक तलास की…….निखिलसागर
मास्क लगाना है
उस दिन दवाई लेने मेडिकल स्टोर मास्क लगा कर गया तो देखा कि सामने बेंच पर कुछ बुजुर्ग मास्क पहने बिना हंसी-ठिठोली कर रहे हैं। संक्रमित होने पर यह ठिठोली रुला भी सकती है।