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सपनों की उड़ान – गृहलक्ष्मी कहानियां

बचपन से एक सपना था, आईआईटी में एडमिशन लेने का, एक विश्वास कि- हां! कुछ करना है। इस विश्वास ने कब जुनून का रूप ले लिया, इसका मुझे खुद भी पता नहीं चला।

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नम्मो की शादी – गृहलक्ष्मी कहानियां

जब भी मैं नम्रता की कहानी सुनाना चाहता हूं, कलेजा मुंह को आ जाता है यह भी समझ नहीं आता कि कहां से शुरू करूं पता नहीं वह ऊपर वाला ऐसी निष्ठुर कहानियां रचता कैसे है। क्या पत्थर का दिल है उसका ! आज मैंने मन कड़ा करके यह निश्चय कर लिया है कि आपको नम्मो की कथा सुनाकर ही रहूंगा।

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