बात उस समय की है जब मेरी शादी हुई थी घर में बेठे सभी रिश्तेदारों में हंसी मजाक चल रहा था। मेरा मायका बरेली उत्तर प्रदेश में है। बातों ही बातों में मेरी एक रिश्ते की ननद ने मुझसे पूछा भाभी जी आप कहां की है़ं। मैंने कहा बरेली की। तभी उन्होनें मजाकिया अंदाज में […]
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हम तो रोज पीते हैं
बात कुछ दिन पहले की है, मेरी ननद के देवर की शादी थी। शॉपिंग की वजह से दीदी के देवर भी हमारे घर आए थे, उनके साथ उनके दोस्त भी थे। रात को हंसी मजाक चल रहा था। मेरे पति जो जीपीआई कंपनी में काम करते हैं, तभी वो भी ऑफिस से घर आ गए […]
गृहलक्ष्मी की कहानियां – पहने या ना पहने
गृहलक्ष्मी की कहानियां – जब मेरी शादी हुई तो मुझे ठीक से साड़ी बांधनी आती नहीं थी। ससुराल आई तो वहां साड़ी शादी के बाद साड़ी ही पहनने का रिवाज़ था। ऐसे में मैं परेशान हो गई। एक रोज मेरी परेशानी मेरी ननद ने भांप ली। उसने कहा, ‘भाभी हैरान ना हो, मैं त्वानू साड़ी […]
गृहलक्ष्मी की कहानियां : जब मुंह फूल गया
गृहलक्ष्मी की कहानियां : मेरी शादी को 2 महीने ही हुए थे। मुझे मीठा खाने का बहुत शौक है, पर मेरे पति को मीठा बिल्कुल भी पसंद नहीं है। खाना खाने के बाद बिना मीठा खाए मैं रह नहीं पाती। बात कुछ दिन पहले की है। रात को डिनर करने के बाद आदतानुसार मैंने पति से पूछा […]
चादर की सिलवटें
भतीजी की शादी थी। हम सब लोग शादी में गए हुए थे। मेरे दूसरे नंबर वाले जीजाजी बहुत ही बातूनी हैं। भाभी शादी के काम में व्यस्त थी। मैंने दीदी से कहा कि भाभी दूसरा काम कर रही हैं। अत: आप नाश्ता बना लें, मैं कमरा साफ कर लेती हूं। दीदी ने कहा, ‘ठीक है। […]
दो-दो बधाइयां
मेरी मैरिज एनीवर्सरी 13 फरवरी को थी। सुबह से सब लोग शाम की पार्टी की तैयारी में व्यस्त थे। मेरी शादी को सोलह वर्ष पूरे हो गए थे। पार्टी में मैंने काफी दोस्तों को बुलाया था। सुबह से मेरी दोनों बेटियां कृति व छवि बहुत उत्साहित थीं। दौड़-दौड़ कर दोनों घर को सजाने में व्यस्त थीं। शाम […]
मूंगफली खानी आती है क्या?
मैं रेलगाड़ी में सफर कर रही थी। मेरे सामने की बर्थ पर एक संभ्रांत परिवार बैठा था। थोड़ी देर में ही हम आपस में घुलमिल गए। एक स्टेशन पर मैंने मूंगफली खरीदी और सामने बैठे बच्चों को भी दी। मैं मूंगफली छीलकर छिलकों को रेल के फर्श पर ही फेंकने लगी। सामने बैठे एक […]
गृहलक्ष्मी की कहानियां – मुझे पता नहीं था कि तुम इसके हो…
गृहलक्ष्मी की कहानियां – कुछ दिनों पहले मैं अपनी दीदी के यहां गई हुई थी। एक दिन शाम को जीजाजी अपने एक मित्र राज को साथ लेकर घर आए, दीदी बाहर गई हुई थी। मैंने किचन में जाकर उन दोनों के लिए चाय बनाई। वे दोनों जिस कमरे में बैठ कर चाय पी रहे थे, […]
आंटीजी बनी दीदी
हमारे सामने वाले घर में नए पड़ोसी रहने आए। उस परिवार में मेरी बेटी की उम्र की एक 6 वर्षीय बच्ची थी। एक दिन उस बच्ची के साथ उसकी मम्मी मेरे घर आई और बोली, ‘आंटी, आज तान्या का जन्मदिन है। शाम को सात बजे रोशनी को भेज दीजिएगा। उनके द्वारा मुझे आंटी संबोधन किए […]
लैपटॉप के सामने रोमांस
मेरे पति रोमांस में जितने आगे हैं, तकनीक में उतने ही पीछे। वे व्हाट्स एप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया को फालतू लोगों का काम कहकर इन्हें अपनाने में भी परहेज करते हैं। मैं प्रतिदिन रात्रि में अपनी ससुराल में फोन पर बात करती हूं। कुछ दिनों पूर्व की बात है, मैं अपने ससुराल में […]
