हमारे सामने वाले घर में नए पड़ोसी रहने आए। उस परिवार में मेरी बेटी की उम्र की एक 6 वर्षीय बच्ची थी। एक दिन उस बच्ची के साथ उसकी मम्मी मेरे घर आई और बोली, ‘आंटी, आज तान्या का जन्मदिन है। शाम को सात बजे रोशनी को भेज दीजिएगा। उनके द्वारा मुझे आंटी संबोधन किए जाने पर मैं दंग रह गई और बुरा भी लगा क्योंकि वह मेरी हम उम्र ही थी। पर अपने को ज्यादा स्मार्ट समझती थी और खूब बन-ठन कर रहती थी। एक बार मैं कुछ काम से उनके घर गई। उन्होंने बालों में मेहंदी लगा रखी थी। मैंने तपाक से कहा, ‘अरे, आंटीजी आपने बालों में मेहंदी लगाई है। यह सुनते ही उनका चेहरा शर्म से लाल हो गया। उस दिन से वह मुझे दीदी कहने लगी।