Posted inजरा हट के

पश्चिम बंगाल का अद्भुत पूजा पंडाल: डॉक्टर के रूप में दिखीं मां दुर्गा, कोरोनासुर का कर रही हैं, संहार

कोलकाता की दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद्ध है. यहां हर साल भव्य दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं और नये-नये प्रयोग के साथ मां दुर्गा का श्रृंगार किया जाता है. ऐसे में सोशल मीडिया पर इस बार मां दुर्गा की एक अनोखी मूर्ति काफी सुर्खियां बटोर रही है. मूर्ति में देवी दुर्गा की जगह एक डॉक्टर को हाथ में इंजेक्शन लिए दिखाया गया है.

Posted inधर्म, लाइफस्टाइल

नवरात्र तो कर लिए हैं लेकिन क्या सीखीं हैं मां दुर्गा से ये 5 बातें

ज्यादातर महिलाएं नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन उपवास करके माँ दुर्गा के तमाम रूपों की पूजा-अर्चना करती हैं। जैसे मां दुर्गा दुष्टों का नाश करने के लिए जानी जाती हैं, वैसे ही अगर महिलाएं चाहती हैं कि वे अपने जीवन की हर कठिनाई से आसानी से लड़ सके, तो महिलाओं को मां दुर्गा से जुड़ी कुछ बातों को अपने जीवन में ज़रूर उतारना चाहिए। मां दुर्गा से जुड़ी सीखें ये 5 अहम बातें-

Posted inधर्म

भक्तों की हर चिंता को दूर करती हैं माता चिंतपूर्णी

  माता चिंतपूर्णी देवी का मंदिर होशियारपुर से कुछ दूर भरवई नामक स्थान पर स्थित है। यह देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि यहां देवी सती के चरण गिरे थे। यह मंदिर उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है। यहां श्रद्धालु अपने छोटे बच्चों के मुंडन के लिए भी […]

Posted inट्रेवल

भक्तों की हर मन्शा पूरी करती हैं मां मनसा देवी

  पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में स्थित मां मनसा देवी का भव्य मंदिर बेहद ही प्राचीन है। यह मंदिर देवी के शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां देवी सती का मस्तक गिरा था। ये मां का ऐसा धाम है, जहां दर्शन मात्र से और जिनका नाम लेने […]

Posted inधर्म

जानिए मां दुर्गा को यह दिव्यास्त्र कहां से प्राप्त हुए

जिस काम को और कोई संपन्न नहीं करता, उसे सर्वशक्ति संपन्न देवी दुर्गा कर सकती है। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी की संरचना तमाम देवी-देवताओं की संचित शक्ति के द्वारा हुई है। जिस तरह तमाम नदियों के संचित जल से समुद्र बनता है, उसी तरह भगवती दुर्गा विभिन्न देवी-देवताओं के शक्ति समर्थन से महान बनी हैं।

Posted inधर्म

मैया चली ससुराल – ऐसे होती है मां दुर्गा की विदाई

मां दुर्गा भी अपने बच्चों, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक और गणेश के साथ इस पर चार दिन के लिए खुशी बिखेरने अपने मायके यानी धरती आती हैं और फिर वह अपने ससुराल भगवान शिव के पास चली जाती हैं।

Gift this article