माता चिंतपूर्णी देवी का मंदिर होशियारपुर से कुछ दूर भरवई नामक स्थान पर स्थित है। यह देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि यहां देवी सती के चरण गिरे थे। यह मंदिर उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है। यहां श्रद्धालु अपने छोटे बच्चों के मुंडन के लिए भी आते हैं। माता चिंतपूर्णी मन की हर तरह की चिंता को दूर कर सुख प्रदान करती हैं।

देवी मां यहां पिंडी रूप में विराजती हैं जो भक्त यहां सच्चे मन से भक्ति के साथ आता है वह अपने समस्त दुखों और चिंताओं से मुक्त हो जाता है। नवरात्रों में और अगस्त के महीने में सावन के शुक्ल पक्ष में हजारों भक्त यहां एकत्रित होते हैं। मंदिर में मेला लगता है और लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। मंदिर के आसपास का इलाका बेहद ही रमणीक और दर्शनीय है।

इस मंदिर के पीछे का रहस्य

मंदिर की स्थापना के विषय में एक कथा प्रचलित है। एक भरत माई दास माता का अनन्य भक्त था। वह मां की पूजा में ही अपनी संपूर्ण दिनचर्या व्यतीत करता था। एक बार वह कहीं जाते हुए मार्ग में थककर बैठ गया और पेड़ के नीचे सो गया। उसे स्वप्न में एक कन्या दिखाई पड़ी। उसने भगत को आदेश दिया कि वह यहीं रहे और उसकी पूजा करे। भगत चौंक कर उठा और उसने मां का मंदिर बनाने का निश्चय किया।

कैसे पहुँचे – यहां पहुंचने के लिए पंजाब के होशियारपुर शहर से बसें मिल जाती हैं। यह पुनीत स्थल पंजाब के होशियारपुर रेलवे स्टेशन से 36 मील की दूरी पर है। वैसे यहां पठानकोट जोगिंदर नगर रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है। निकटम रेलवे स्टेशन ज्वालामुखी रोड है जो यहां से 21 किलोमीटर की दूरी पर है।