शिवरात्रि का अर्थ वह रात्रि है जिसका शिवतत्व के साथ घनिष्ठ संबंध है। भगवान शिव जी की अतिप्रिय रात्रि को शिवरात्रि कहा गया है। शिवार्चन एवं जागरण ही इस व्रत की विशेषता है। इसमें रात्रि भर जागरण एवं शिवाभिषेक का विधान है। श्री पार्वती जी की जिज्ञासा पर भगवान शिव जी ने बताया कि फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी शिवरात्रि कहलाती है।
Tag: पार्वती जी
Posted inआध्यात्म
जानिए शिव के 18 रूप और नामों की कहानी
शिव की लीलाओं की तरह शिव की महिमा भी अपरंपार है, जिसकी वजह से शिव के नाम भी निराले और अनेक हैं। पुराणों में शिव को कई नामों से पुकारा गया है, जिसका संबंध किसी न किसी घटना या उद्वार से जुड़ा हुआ है। कौन से नाम शिव के क्यों व किन कारणों से पड़े? जानिए इस लेख से। शिव एक नाम अनेक