तुम जीना अपने लिए-गृहलक्ष्मी की कविता
Tum Jeena Apne Liye

Hindi Poem: सांत्वनाएँ सभी देंगे
मगर तुम्हारे संघर्ष मे तुम्हारा साथ कोई नहीं देगा
सब कहेंगे कि तुम बहुत सबल हो
मगर तुम्हारे टूटे  मन की व्यथा कोई नहीं सुनेगा
तुम्हारी हर मुस्कान पर सवाल उठेंगे
मगर जो आँसू जब्त किये है तुमने भीतर ही उनका हिसाब कोई नहीं पूछेगा
तुम हर दिन  बिखरोगी
मगर कोई तुम्हें नहीं समेटेगा
मगर फिर भी जीना तो है
तुम भी जीना अपने लिए
देखना फिर उन ख्वाबों को
जो तुम भूल गई थी
और सुनों! दुनियां केवल दर्द देखना चाहती है
तुम केवल उन्हें अपना हौसला दिखाना।

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