Hindi Poem: बन रही स्मार्ट सिटी
तोप रही दिखती मिट्टी
क्या होगा प्रतिफल इसका
कौन करे इस पर ड्यूटी
गाँव बने स्मार्ट अगर
पक्का होना है बेहतर
पर जहाँ पर पत्थर ईंट
पत्थर लगना कैसे बेहतर
दुर्दशा है जीव जंतु की
कल मानव तेरी होगी
कोरोना के काल से भी
सीख तूने न ली होगी
माटी के है पुतले हम सब
माटी में मिलना इक दिन
पर माटी से दूरी इतनी
खा जायेगी सबका जीवन
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