दफ्तर की दोस्ती को ऐसे बनायें स्ट्रांग
अगर आपको भी दफ्तर की दोस्ती निभाने में दिक्कत आती है, तो आप इन बातों का ध्यान रख कर अपनी दोस्ती को स्ट्रांग बना सकती हैं।
Workplace Friendship: दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता हैI ये रिश्ता ‘नो सॉरी नो थैंक यू’ वाले फॉर्मूला पर आधारित होता हैI लेकिन जब बात दफ्तर की दोस्ती की आती है तो ये स्कूल व कॉलेज की दोस्ती से काफी अलग होता हैI स्कूल कॉलेज में हम जहाँ दोस्तों के बीच बैठ कर एक-दूसरे का मजाक बना कर हंसते हैं, एक-दूसरे की टांग खिंचाई करते हैं, वहीं दफ्तर की दोस्ती में समझदारी व मैच्योरिटी की जरूरत होती हैI
अगर आपको भी दफ्तर की दोस्ती निभाने में दिक्कत आती है, तो आप इन बातों का ध्यान रख कर अपनी दोस्ती को स्ट्रांग बना सकती हैंI
थोड़ा केयर-थोड़ा शेयर का फंडा फॉलो करें

आपकी दोस्ती की बॉन्डिंग स्ट्रांग हो इसके लिए आप थोड़ा केयर और थोड़ा शेयर वाला फंडा जरूर अपनाएंI इसमें इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि आप अपनी सारी पर्सनल बातें शेयर न करें, जितनी जरूरत हो उतनी ही शेयर करें I कई बार जरूरत से ज्यादा शेयर करने पर खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ता हैI
किसी के सामने दोस्त की बुराई ना करें

दोस्ती में ये सबसे जरूरी है कि आप पीठ पीछे किसी दूसरे के सामने सहेली की बुराई बिलकुल भी ना करेंI अगर आपको लगता है कि आपकी सहेली ने कुछ गलत किया है या उनके व्यवहार में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है तो आप खुद से पहल करके अपनी सहेली को बताएं, क्योंकि अगर आप ऐसा ना करके किसी दूसरे के सामने बुराई करती हैं और आपकी सहेली को ये बात पता चलती है तो आप दोनों की दोस्ती में मनमुटाव आने लगेगा और दोस्ती की डोर कमजोर होगीI
मदद करें लेकिन एक लिमिट तक

दोस्ती में एकदूसरे की मदद करना बहुत अच्छी बात है लेकिन कई बार हद से ज्यादा मदद करना आपके लिए ही नुकसानदायक होता हैI कई बार ऐसा भी होता है कि आपकी सहेली का काम करने का मन नहीं होता है और उसे आपके मदद वाले नेचर के बारे में पता होता है जिसका वो गलत फायदा भी उठाने लगती हैI इसलिए जरूरी है कि मदद एक लिमिट तक ही करेंI
बातचीत का एक समय व जगह तय करें

कई लोगों की आदत होती है कि वे आस पास नहीं देखते कि कौन क्या कर रहा है, बस बात करना शुरू कर देते हैंI कई तो ऐसे भी होते हैं जो अपनी सीट छोड़ कर आपके पास आ कर बैठ जाते हैं और घंटों बातें करते हैंI आप दोस्त को बुरा लगने के डर से मना भी नहीं करतीI इस प्रॉब्लम का आप सिंपल सॉल्यूशन ये निकाल सकती हैं कि बातचीत करने के लिए एक जगह और समय तय कर लें और उसी तय समय पर एक दूसरे से खुल कर बात करेंI
पैसे के लेनदेन से बचें

ऑफिस की दोस्ती में पैसों का लेनदेन बहुत सोच समझ कर करेंI अगर कभी आपकी सहेली ने आपसे पैसे उधार लिए हो तो जरूरत पढ़ने पर मांगने में हिचक महसूस बिलकुल भी न करें, क्योंकि कई बार पैसों के इसी लेनदेन के कारण छोटे-मोटे झगड़े भी हो जाते हैंI इसलिए जरूरी है कि आप अपने बीच की अंडरस्टैंडिंग सही रखें.
