Divorce in Love Marriage: विवाह को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। जब एक व्यक्ति किसी के साथ विवाह के बंधन में बंध जाता है तो उसकी सभी खूबियों व खामियों को अपना बना लेता है। कहते हैं कि अगर व्यक्ति को जीवन में सही लाइफ पार्टनर मिल जाए तो इससे उसका जीवन बहुत अधिक खुशहाल हो जाता है। शायद यही कारण है कि आज के समय में युवा अरेंज मैरिज से ज्यादा लव मैरिज को तवज्जो देने लगे हैं। उन्हें लगता है कि जब वे अपने पसंदीदा व्यक्ति को अपना पार्टनर बनाएंगे तो उनकी जिन्दगी बहुत अधिक सुखमय होगी।
यह बात काफी हद तक सही भी है। हालांकि, इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि लव मैरिज के कुछ सालों बाद कई बार कपल्स के बीच तलाक हो जाता है। ऐसे में मन में यह सवाल जरूर उठता है कि जब आपने अपने पसंदीदा व्यक्ति से विवाह किया तो ऐसे में तलाक या अलगाव की नौबत क्यों आ गई। दरअसल, इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से लव मैरिज में भी अक्सर तलाक हो जाता है-
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अवास्तविक अपेक्षाएं रखना

कहते हैं कि समय के साथ हर चीज बदल जाती है। ऐसा ही कुछ रिश्तों में भी होता है। जब आप शादी से पहले एक-दूसरे के प्रेम करते हैं तो उस समय व्यक्ति पर किसी तरह की पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं होती है। ऐसे में वे एक-दूसरे से सिर्फ और सिर्फ प्रेम व रोमांस ही महसूस करते हैं। लेकिन विवाह के बाद परिवार भी आपस में जुड़ जाते हैं। साथ ही, दोनों पार्टनर की जिम्मेदारियां भी काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में अगर आप अपने रिश्ते में शुरुआती रोमांस ही चाहते हैं तो यह वास्तव में संभव नहीं है। ऐसे में अवास्तविक अपेक्षाएं रखने से व्यक्ति को निराशा होती है। समय के साथ यह निराशा बढ़ती चली जाती है, जिससे व्यक्ति का मोहभंग हो सकता है और ऐसे में अलग होने की नौबत आ जाती है।
सही ढंग से कम्युनिकेशन ना हो पाना
किसी भी रिश्ते में कम्युनिकेशन का विशेष महत्व है। जब कपल्स एक-दूसरे से अपनी भावनाओं, अपेक्षाओं और चिंताओं के बारे में गहराई से बात करते हैं तो उनके बीच का प्रेम बढ़ता चला जाता है। हालांकि, कई बार यह देखने में आता है कि दोनों पार्टनर शादी के बाद अपनी पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करने या फिर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में इतना बिजी हो जाते हैं कि उनके पास एक-दूसरे से शांति से बैठकर बातचीत करने का भी समय नहीं होता है। कभी-कभी ज्वॉइंट फैमिली होने पर भी दोनों पार्टनर एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं। जिसकी वजह से उनके बीच की गलतफ़हमियां व नाराजगी बढ़ती चली जाती है। परिणामस्वरूप रिश्ते में दरार आ सकती है।
पैसों को लेकर बढ़ सकता है तनाव

लव मैरिज में आपसी तनाव बढ़ने की एक मुख्य वजह पैसा भी हो सकता है। जब आपकी शादी नहीं होती है, तब आप कुछ वक्त के लिए ही मिलते हैं और ऐसे में आपका पैसों की तरफ बहुत अधिक ध्यान नहीं होता है। लेकिन विवाह के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारियां दोनों के कंधों पर आ जाती हैं। ऐसे में खर्च, बचत या फाइनेंशियल गोल्स पर असहमति तनाव पैदा कर सकती है। इससे व्यक्ति की शादी भी खतरे में पड़ सकती है। इतना ही नहीं, यदि एक साथी दूसरे की तुलना में बहुत ज़्यादा या कम कमाता है, तो इससे भी रिश्ते में तनाव पैदा हो सकता है। विशेष रूप से, अगर एक लव मैरिज में महिला अधिक कमाती है तो ऐसे में अक्सर पुरूष इसे अपने आत्म-सम्मान से जोड़कर देखते हैं। जिससे उनके बीच लगभग हर दिन झगड़े होते हैं।
बेवफाई करना
कई बार लोग लव मैरिज करने के बाद भी अपने पार्टनर को धोखा दे देते हैं। जरूरी नहीं है कि वह बेवफाई सिर्फ शारीरिक रूप से ही हो। यह भावनात्मक भी हो सकता है। विश्वास किसी भी विवाह की नींव है। बेवफाई, चाहे भावनात्मक हो या शारीरिक, इस विश्वास को चकनाचूर कर सकती है। जिससे व्यक्ति में विश्वासघात की भावनाएं पैदा होती हैं और अंततः रिश्ता टूट जाता है।
आपसी तालमेल ना मिलना

जब दो लोग एक-दूसरे से प्रेम करते हैं तो वे केवल कुछ वक्त ही साथ बिताते हैं। इससे दोनों पार्टनर को ही काफी अच्छा लगता है। वे अपने पार्टनर के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताना चाहते हैं। लेकिन विवाह के बाद जब वही दो शख्स एक घर यहां तक कि एक कमरा भी शेयर करते हैं तो उन्हें अपने पार्टनर की खूबियां ही नहीं, खामियां भी नजर आने लगती हैं। किसी एक मुद्दे पर दोनों व्यक्ति के विचार अलग हो सकते हैं। जब लगातार ऐसा होता है तो इससे विवाह में दूरियां पैदा हो सकती है। जब दोनों पार्टनर को ऐसा लगने लगता है कि उनके व्यक्तित्व, रुचियां या लाइफ गोल्स का आपस में कोई तालमेल नहीं है तो ऐसे में उनके बीच बहस और असंतोष की भावना पैदा होती है। उदाहरण के तौर पर, यदि एक साथी बच्चा चाहता है और दूसरा नहीं चाहता है, या यदि उनके पास अलग-अलग कैरियर गोल्स हैं, तो इससे आपसी सामजस्य बिठा पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
