Live in Relationship Fight: लिव इन रिलेशनशिप एक वेस्टर्न कांसेप्ट है, जो इंडिया में भी बहुत तेजी से फैल रहा है लेकिन लिव इन रिलेशनशिप को अभी भी समाज में पूरे तरीके से एक्सेप्ट नही किया गया है। जैसा कि हम जानते हैं हमारा भारतीय समाज कुछ परंपराओं और रीति रिवाज पर आधारित है। भारतीय समाज के अनुसार एक लड़का और लड़की एक साथ सिर्फ शादी के बाद ही साथ रह सकते हैं लेकिन लिव इन रिलेशनशिप में लड़का और लड़की बिना शादी के अपनी मर्जी से एक साथ एक घर में रह सकते हैं। बशर्ते वह दोनों ही नाबालिक नहीं होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने लिव इन रिलेशनशिप को मान्य घोषित किया हुआ है। 2003 में मलिमथ समिति की सिफारिश पर इसे उच्च न्यायालय द्वारा मान्यता प्रदान की गई।
दिल्ली और मुंबई जैसे मॉडर्न शहरों में लिव इन रिलेशनशिप एक आम बात है लेकिन गांव और छोटे शहरों में इनके केसेस बहुत कम देखने को मिलते हैं। जब दो लोग साथ होते हैं तो लड़ाई झगड़े तो आम बात है और लिव इन रिलेशनशिप में भी पॉजिटिव के साथ-साथ नेगेटिव एस्पेक्ट्स भी हैं। शादी के बाद एक साथ रहने पर पति और पति में भी झगड़े और हिंसा के बहुत सारे मामले देखने को मिलते हैं। लड़ाई, झगड़ा, हिंसा बहुत ऊंचे दर्जे पर भारत में व्याप्त है। लिव इन रिलेशनशिप में भी लड़ाई और झगड़े के बहुत सारे केसेस देखने को मिले हैं। श्रद्धा और साहिल की कहानी से तो कोई भी अनजान नहीं है जहां साहिल ने श्रद्धा के कई टुकड़े कर दिल्ली के कोने कोने में फेंक दिया था। तो आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे तरीके जिन्हें अपनाकर आप लिव इन रिलेशनशिप मे लड़ाई झगड़ों से बच पाएंगे और आपकी जिंदगी स्मूथली एक दूसरे के सहयोग से प्रेम पूर्वक चलेगी।
जरूरी है आपसी समझदारी

किसी भी रिश्ते में समझ का होना सबसे जरूरी होता है। म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग स्ट्रॉन्ग होने से ही कोई भी रिश्ता अच्छे से चल पाता है। वरना किसी रिश्ते में आप दूर तक नहीं जा सकते। लिव इन रिलेशनशिप में स्ट्रेस भी रहता है क्योंकि आप किसी दूसरे इंसान के साथ रह रहे हैं, जिससे आपने अभी शादी नहीं की है। तो वहीं समाज और घर वालों का प्रेशर तो रहता ही है साथ ही साथ दो अलग-अलग पर्सनालिटी के कारण लड़ाई झगड़े भी होने लगते हैं। कोशिश करें कि दोनों पार्टनर्स बैठकर एक दूसरे की बातें समझ और एक दूसरे को सपोर्ट करें। सिर्फ अपनी बात पर ही जोर ना दें बल्कि सामने वाले की बात पर भी ध्यान दें और दोनों तरफ से कोऑर्डिनेशन होना जरूरी है।
एक दूसरे को दें वक्त
जब पार्टनर्स एक साथ रहने का फैसला ले लेते हैं तो दोनों पार्टनर्स की जिम्मेदारी होती है कि कोई भी उनमें से अकेला फील ना करें। जिसके साथ हम रहते हैं वही हमारी फैमिली होती है। इसलिए एक दूसरे को समय जरूर दें। कहीं ऐसा ना हो कि आप दोनों में से कोई अकेला महसूस करने लगे। एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए आप वीकेंड पर आउटिंग कर सकते हैं। मूवी प्लान कर सकते हैं और इंडोर गेम्स भी खेल सकते हैं। एक साथ रहकर एक दूसरे को समझने की कोशिश करें और एक दूसरे को समय दें वरना रिलेशनशिप में लड़ाई झगड़े बहुत ज्यादा होने लगते हैं।
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एक दूसरे के प्राइवेसी का दें ध्यान
रिलेशनशिप में पार्टनर्स एक साथ ही रहते हैं और अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि पार्टनर्स को अपनी प्राइवेसी नहीं मिलती है। इस रिश्ते के अलावा भी आपके और आपके पार्टनर के दूसरे रिश्ते हैं, जिन्हें समय देना जरूरी है। आप हमेशा अगर उनसे चिपके रहेंगे तो उनकी प्राइवेसी भंग होगी और लड़ाई झगड़ा होने लगते हैं। इसलिए अगर आप लिव इन रिलेशनशिप में है तो एक दूसरे की प्राइवेसी का ध्यान रखें और एक दूसरे को पर्सनल स्पेस भी दे।
वित्तीय योगदान पर करें डिस्कसन
लिव इन रिलेशनशिप में सभी बातें पहले से ही क्लियर होनी चाहिए कि घर के खर्च, रेंट, बिजली बिल की पेमेंट इत्यादि खर्चों में दोनों का सहयोग कितना होगा। अगर आप यह बातें पहले ही नहीं कर लेते हैं तो बाद में एक साथ रहने पर अनबन होने लगती है और लड़ाई झगड़ा से रिश्ता खराब होने लगता है। इसलिए दोनों पार्टनर्स को वित्तीय भुगतान के बारे में खुलकर साफ-साफ बातचीत कर लेना चाहिए। ऐसा करने से आप आने वाले समय में झगड़ों से बच सकते हैं।
किसी भी प्रकार का दबाव न बनाएं

जैसा कि हम जानते हैं लिविंग रिलेशनशिप में दोनों ही पार्टनर्स में सेक्स एक बड़ा फीचर है। ऐसे में दोनों पार्टनर्स को यह समझना जरूरी है कि लिव इन रिलेशनशिप में रहकर आपको यह परमिशन नहीं मिल जाती कि आप किसी की सहमति के बिना उसके साथ किसी प्रकार की फिजिकल रिलेशनशिप में आएं। ऐसे रिलेशनशिप में किसी भी प्रकार का दबाव नहीं होना चाहिए। दोनों को एक दूसरे के मर्जी का रिस्पेक्ट करना चाहिए। ऐसा करने से आप लड़ाई झगड़ों से बच पाएंगे।
घर के कामों का करें डिविजन
इस रिलेशनशिप में सबसे ज्यादा लड़ाई झगड़ा काम के बंटवारे को लेकर होता है। अगर एक पार्टनर ज्यादा काम करता है तो वह दूसरे से भी उम्मीद करता है। जैसा कि पुरुष प्रधान समाज में आज भी महिलाएं अधिक काम करती हैं और लिव इन रिलेशनशिप में भी कई बार यह देखने को मिलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक का करती हैं। एक साथ रहने के बाद काम के बंटवारे को लेकर लड़ाइयां होती हैं। इसलिए लिव इन रिलेशनशिप में आने से पहले दोनों पार्टनर्स को आपस में पहले ही डिसाइड कर लेना चाहिए कि दोनों एक दूसरे के काम में सहायता करेंगे और जो भी आपत्तिजनक बातें हो उन्हें पहले ही डिस्कस कर लें।
बोलने के साथ सुनने की भी कोशिश करें
ज्यादातर रिलेशनशिप में पार्टनर्स बोलना तो पसंद करते हैं लेकिन सुनना कोई भी नहीं चाहता, जिसकी वजह से एक छोटा सा झगड़ा भी बड़ा फसाद बन जाता है तो कई बार बोलने से अधिक सुनना जरूरी होता है, जिससे लड़ाई और बहस को रोकने में सहायता मिलती है। यह गुण आपके संबंध की क्वालिटी को भी सुधार सकता है तो अगर आप भी लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं तो अपने साथी पर चिल्लाने या बोलने से अच्छा है कि आप उसकी बातों को सुनने का प्रयास करें और उन्हें यह दिखाएं कि आप उनकी परेशानियों को समझते हैं। अगर आपका साथी आपको कोई जरूरी बात बताता है तो उनसे छोटे-मोटे सवाल पूछें और एक्टिव होकर उनके मामले में शामिल होकर उनकी बातों को महत्व दें। यह टिप्स आपके रिश्ते को लड़ाई झगड़ा से बचाएगा।
