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क्या सच में हमें रिश्ते में ईगो को पोटली बांधकर कहीं रख देनी चाहिए और उसे भूल जाना चाहिए। या फिर इसे साथ में रखकर सकारात्मकता से देखना चाहिए और सीमाओं में रहना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं है कि ईगो को भूल जाने से आप अपने आपको ही भूल जाते हैं।
Healthy Ego in Relationship:अक्सर कहा जाता है कि रिश्ते में ‘ईगो’ यानी अहंकार नहीं होना चाहिए। ईगो आपके रिश्ते को कमजोर कर देता है। इससे रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं। यही कारण है कि सभी ईगो को नेगेटिव नजरिए से देखते हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा ही है। क्या सच में हमें रिश्ते में ईगो को पोटली बांधकर कहीं रख देनी चाहिए और उसे भूल जाना चाहिए। या फिर इसे साथ में रखकर सकारात्मकता से देखना चाहिए और सीमाओं में रहना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं है कि ईगो को भूल जाने से आप अपने आपको ही भूल जाते हैं। और आपका आत्मसम्मान चकनाचूर हो जाता है। हेल्दी ईगो और रिश्ते के इस कनेक्शन को जानना सभी के जरूरी है।
जानिए आखिर क्या है हेल्दी ईगो

अहंकार को अक्सर लोग बुरा मानते हैं। लेकिन असल में यह आत्म महत्व की भावना है। इसमें इंसान खुद के बारे में पहले विचार करता है। उसे अपनी क्षमताओं, सीमाओं और बुद्धिमत्ता का ज्ञान अच्छे से होता है। हालांकि जब यह भावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो यह नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए हेल्दी ईगो होना चाहिए, लेकिन इस पर कंट्रोल होना भी जरूरी है।
सीमाएं तय करता है ईगो
रिश्ते में ईगो को अगर आप सकारात्मक तरीके से शामिल करते हैं तो यह आपके लिए मददगार हो सकता है। इससे आप रिश्ते में सीमाएं तय कर पाएंगे। ऐसा करने से आपको न सिर्फ पर्सनल स्पेस मिलेगा, बल्कि मानसिक शांति भी मिलेगी। इससे आपके रिश्ते स्वस्थ बने रहेंगे। आप रिलेशनशिप में होते हुए भी अपनी जिंदगी खुलकर जी पाएंगे।
बना रहता है आत्मसम्मान
कोई भी रिश्ता तब ही सफल होता है, जब उसमें आत्मसम्मान होता है। पार्टनर्स जब एक दूसरे का सम्मान करते हैं तो रिश्ते की नींव मजबूत होती है। ऐसे में जब आप ईगो को सीमित रखते हैं तो यह आपकी पार्टनरशिप में बैलेंस बनाता है। इससे कोई आप पर हावी नहीं हो पाता और रिश्ते में खुलापन रहता है। यह जिंदगी को सही तरीके से जीने का मंत्र सिखाता है।
लेते हैं सही फैसला
ईगो आपको खुद पर भरोसा करना भी सिखाता है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। ऐसे में आप हमेशा सही फैसला ले पाते हैं। आप जानते हैं कि स्थितियां कैसी भी क्यों न हो, आप उसका सामना आसानी से कर लेंगे और उससे उभर भी जाएंगे। इतना ही नहीं आप रिश्तों पर भी भरोसा कर पाते हैं।
नहीं करेंगे ठगा सा महसूस
कभी कभी लोग रिश्ते में अपना इतना कुछ दे देते हैं कि आखिर में खुद को ठगा सा महसूस करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि जिस रिलेशनशिप के लिए सब कुछ छोड़ दिया, आखिर में वो सिर्फ एक छलावा ही निकला। किसी भी रिलेशनशिप में ऐसी स्थिति न आए, इसके लिए आपका ईगो में रहना भी जरूरी है। जब आप खुद को लेकर सतर्क होते हैं तो ऐसे छलावे की आशंकाएं कम हो जाती हैं। क्योंकि आपको पता होता है कि रिश्ते में आपको कितना आगे बढ़ना है और क्या करना है।
खुलकर कर पाते हैं बात
कई बार रिश्तों में लोग आत्मसम्मान को पूरी तरह से भुला बैठते हैं। वे पार्टनर की खुशी में ही अपनी खुशियां खोजने लगते हैं। ऐसे में पार्टनरशिप में होते हुए भी आप खुलकर सामने वाले से अपनी बात नहीं बोल पाते हैं। आपको हमेशा यही डर रहता है कि उसे बुरा न लग जाए। लेकिन जब आपका ईगो एक बैलेंस लेवल पर होता है तो आप बेझिझक खुलकर अपनी बातें बोल पाते हैं। इससे उलझने सुलझती हैं। नए रास्ते खुलते हैं।
