Solar and Lunar Eclipse 2025: साल 2024 समाप्ति की ओर है और नए साल 2025 की शुरुआत होने वाली है। हर साल सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगते हैं। खगोल विज्ञानी ग्रहण को खगोलीय घटना के रूप में देखते हैं। लेकिन ज्योतिष और हिंदू धर्म में ग्रहण लगने की घटना अशुभ मानी जाती है। मान्यता है कि ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया और लोगों के जीवन पर पड़ता है। वहीं पौराणिक व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने की घटना राहु-केतु से जुड़ी होती है। आइये जानते हैं कैसे लगता है ग्रहण और नए साल 2025 में कितने सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं। ग्रहण की तिथि और समय क्या है और क्या ये ग्रहण भारत में दृश्यमान होंगे या नहीं। इन सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे।
कब लगता है ग्रहण
हम सभी जानते हैं कि ग्रहण दो तरह के होते हैं सूर्य और चंद्र। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगता है। विज्ञान के अनुसार, सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है तो सूर्य ग्रहण लगता है। क्योंकि जहां चंद्रमा की छाया पड़ती है वहां या तो सूर्य दिखाई नहीं देता या फिर सूर्य का बड़ा हिस्सा काला दिखाई देने लगता है। इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। वहीं चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी घूमते हुए चांद और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ने लगती है और चांद छिप जाता है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
साल 2025 में कितने ग्रहण लगेंगे

साल 2025 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे, जिसमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे। हालांकि भारत में केवल 1 ग्रहण ही दिखाई देगा और बाकी 3 ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होंगे। आइये जानते हैं 2025 में लगने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण की तिथि, समय और सूतक काल के बारे में।
साल 2025 का पहला ग्रहण: साल 2025 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा, जोकि हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को लगेगा। इस दिन होलिका दहन का पर्व भी मनाया जाएगा। हालांकि साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण को अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा। ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 मार्च सुबह 10:39 से शुरू होगा और 2:18 पर समाप्त हो जाएगा।
साल 2025 का दूसरा ग्रहण: नए साल का दूसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा। जोकि चंद्र ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद यानी 29 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन बरमूडा, बारबाडोस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, पूर्वी कनाडा,उत्तरी ब्राजील, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और पूर्वी अमेरिका में इसे देखा जा सकेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा जो भारतीय समय के मुताबिक 29 मार्च दोपहर 2:20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6:13 पर समाप्त हो जाएगा।
साल 2025 का तीसरा ग्रहण: 7 सितंबर 2025 को तीसरा ग्रहण लगेगा, जोकि चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य होगा। ग्रहण की शुरुआत रात 09:55 पर होगी और मध्यरात्रि 1:30 पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। भारत के साथ ही इस चंद्र ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका जैसे देशों में भी देखा जा सकेगा।
साल 2025 का चौथा ग्रहण: साल 2025 का चौथा और आखिर ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा जो 21 सितंबर को लगेगा। हालांकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए न ही इस ग्रहण का दुष्प्रभाव भारत पर पड़ेगा और ना ही इसका सूतक मान्य होगा। लेकिन न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया व पश्चिमी अंटार्कटिका देशों में ग्रहण को देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 10:59 पर लगेगा और तड़के 3:23 पर समाप्त होगा।
ग्रहण का सूतक काल और सावधानियां

ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है, जिसे हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। सूतक काल में कई कार्य वर्जित माने गए हैं। सूतक काल के दुष्प्रभाव और अशुभता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ जैसे कार्य वर्जित हो जाते हैं। यहां तक कि देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही होती है। सूतक काल में खाना पकाना, खाना, सोना, बाहर निकलना, शौचालय जाना, सिलाई-बुनाई जैसे काम, पेड़-पौधों को छूना आदि जैसे कार्य करने की मनाही होती है।
