Relationship Astrology: हमारे जीवन में ग्रहों का बहुत ही महत्व है। ग्रहों की दशा खराब होने पर जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। इसका असर आपकी पढ़ाई, नौकरी आपके बिजनेस और हर तरफ पड़ता है। इसके अलावा ग्रहों की दशा कमजोर होने पर आपके रिलेशनशिप पर भी असर पड़ता है। आपके जीवन में घटने वाली हर घटना का सीधा संबंध ग्रहों से होता है।
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इसी की वजह से कई लोग रिश्तों के मामले में बहुत ही कमजोर होते हैं। कुछ ग्रहों के कमजोर होने पर आपकी लव लाइफ पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। ऐसे में आप कितने भी जतन कर लें आपका रिश्ता टिक ही नहीं पाता।
ऐसे लोग अपने रिश्ते में कभी कामयाब नहीं हो पाते। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही ग्रह के बारे में बताएंगे, जिसकी वजह से आप रिश्ते के मामले में कमजोर हो जाते हैं। इसकी वजह से आपका रिलेशनशिप कभी भी टिक नहीं पाता।
मंगल ग्रह है रिश्तों का कारक

वैदिक ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मंगल ग्रह को रिश्तों का कारक माना गया है। इसी तरह केतु को भी रिश्तों के लिए कारक माना गया है। अगर केतु आपकी कुंडली में नीचे के स्थान पर है, तो ये आपके रिश्ते में तबाही ला सकता है। कुंडली में केतु की गलत स्थिति आपके रिश्ते में बर्बादी की भी वजह बन सकता है।
अगर आप किसी के साथ प्यार के बंधन में आते हैं, तो आपके रिश्ते का नाता केतु से होता है। अगर आपकी कुंडली में केतु खराब स्थान पर है, तो ऐसी स्थिति में आपकी लव लाइफ बहुत ही मुश्किलों भरी हो सकती है।
इसके प्रभावी होने पर दो प्रेमी जोड़ों में दूरी तक बनने लगती है। केतु के प्रभावी होने पर रिश्ते में गलतफहमियां, मतभेद और लड़ाईयां बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। इस स्थिति में कई बार रिश्ता टूटने के भी योग बनने लगते हैं। वहीं कई मामलों में तो रिश्ता टूट भी जाता है।
प्यार का दुश्मन केतु

कुंडली में मंगल भारी होने पर केतु प्रवेश कर जाए, तो इस स्थिति में रिश्ता बिगड़ने लगता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो केतु के प्रभाव से भारी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति होने पर जातक को प्रेम में तो विफलता मिलती ही है, इसके साथ ही उसका धार्मिक कार्यों से भी विश्वास खत्म होने लगता है और वो धार्मिक कार्यों से दूरी बनाने लगता है।
लक्ष्यहीन हो जाता है व्यक्ति
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल के भारी होने के साथ केतु घर कर लेता है, तो वह व्यक्ति अपने जीवन से लक्ष्यहीन हो जाता है। वह अपने मकसद से भटक जाता है। इस तरह के लोग पूरी तरह से निराशा से भरने लगते हैं। ऐसी स्थिति बनने पर आप प्रेम के साथ-साथ अपने जीवन के अन्य मामलों में भी असफल होने लगते हैं।
केतु की खराब दशा का कैसे पता लगाएं

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में केतु खराब है या नहीं, तो इसका पता आप अपने पैरों से लगा सकते हैं। जी हां, अगर आपको बार-बार बिना किसी वजह के पैर में चोट लगे जा रही है, तो इसका अर्थ है कि आपकी कुंडली में केतु भारी है। अपने रिश्ते को केतु के बुरे प्रभाव से बचाने के लिए आपको रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।