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बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, हार्मोनल इंबैलेंस के साथ ही कई बार इंफेक्शन के कारण भी महिलाओं को इनफर्टिलिटी का शिकार होना पड़ता है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश महिलाओं को इस इंफेक्शन और इनफर्टिलिटी के बीच के कनेक्शन के बारे में पता नहीं होता है।
Reason of Infertility in Female: आज के समय में इनफर्टिलिटी महिलाओं के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। लाख कोशिशों के बावजूद कई बार महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, हार्मोनल इंबैलेंस के साथ ही कई बार इंफेक्शन के कारण भी महिलाओं को इनफर्टिलिटी का शिकार होना पड़ता है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश महिलाओं को इस इंफेक्शन और इनफर्टिलिटी के बीच के कनेक्शन के बारे में पता नहीं होता है।
जानिए इस खतरनाक बीमारी के बारे में

इस खतरनाक इंफेक्शन का नाम है पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज यानी पीआईडी। पीआईडी महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। इस डिजीज के कारण महिलाओं के प्रजनन अंगों में गंभीर संक्रमण होने लगता है, जिसका सीधा असर फर्टिलिटी पर पड़ता है। दरअसल, यह संक्रमण विशेष रूप से गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को प्रभावित करता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो इसके कारण गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। पीआईडी मुख्य रूप से बैक्टीरिया के कारण होता है, जो अक्सर सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन यानी यौन संचारित संक्रमण के कारण होता है। यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने या फिर साफ सफाई का ध्यान नहीं रखने के कारण ज्यादा फैलता है। समय पर इस डिजीज का इलाज नहीं करवाने पर महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती हैं।
हो सकती हैं कई परेशानियां
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण महिलाओं को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जिसमें सबसे प्रमुख और गंभीर है इनफर्टिलिटी। इसी के साथ क्रॉनिक पेल्विक पेन और एक्टोपिक प्रेगनेंसी जैसी जटिलताएं भी हो सकती हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी एक गंभीर समस्या है जिसमें भ्रूण गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगता है। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के ज्यादा फैलने का कारण यह है कि शुरुआती चरण में इसके लक्षण साफ नजर नहीं आते हैं या महिलाएं इसे अनदेखा कर देती हैं। ऐसे में समस्या गंभीर होती चली जाती है।
पहचानें पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज लक्षण
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के गंभीर होने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इसके लक्षण सामान्य होते हैं। जैसे पेट के निचले हिस्से में दर्द, योनि से असामान्य स्राव, बुखार आना और पेल्विक में दर्द महसूस होना। हालांकि इंफेक्शन बढ़ने पर कई बार सेक्स के दौरान तेज दर्द होता है, सफेद या म्यूकोसिस योनि स्राव होने लगता है। इसका सीधा मतलब है कि आपको इंफेक्शन बढ़ गया है। चिंता की बात यह है कि अगर इस डिजीज का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह प्रजनन अंगों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए उपर दिए गए लक्षण नजर आने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बचा सकती हैं कुछ सावधानियां
कुछ सावधानियां आपको पीआईडी से बचा सकती हैं। असुरक्षित यौन संबंध और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण इसका जोखिम बढ़ता है। अगर महिला पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाती है तो क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे इंफेक्शन के कारण बैक्टीरिया प्रजनन तंत्र में प्रवेश कर जाता है। इसलिए हमेशा सेफ सेक्स करना चाहिए। कंडोम का उपयोग करके आप इस इंफेक्शन से काफी हद तक बच सकते हैं। इसी के साथ प्रजनन अंगों की सफाई रखना भी जरूरी है। सेक्स से पहले और बाद में हमेशा खुद की और पार्टनर की सफाई का ध्यान रखें।
