infertility treatment for female in ayurveda
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Overview:

निसंतानता का सबसे बड़ा कारण बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल है। इसके कारण हार्मोन बैलेंस बिगड़ जाता है और महिलाएं नेचुरल तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। हालांकि कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर आप प्राकृतिक तरीके से अपने हार्मोन को बैलेंस कर सकती हैं।

Natural Infertility: आज के समय में इनफर्टिलिटी कई कपल्स के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। छह में से लगभग हर एक कपल इसके कारण परेशान है। निसंतानता का सबसे बड़ा कारण बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल है। इसके कारण हार्मोन बैलेंस बिगड़ जाता है और महिलाएं नेचुरल तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। हालांकि कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर आप प्राकृतिक तरीके से अपने हार्मोन को बैलेंस कर सकती हैं। जिससे गर्भधारण की संभावना काफी बढ़ सकती है।

तीन हार्मोन्स को बैलेंस करना जरूरी

If you are facing difficulty in conceiving for a long time then focus on the 3 main hormones.
If you are facing difficulty in conceiving for a long time then focus on the 3 main hormones.

डायटीशियन और गट हेल्थ एक्सपर्ट मनप्रीत कालरा ने हाल ही में इस संबंध में एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि अगर आप लंबे समय से गर्भधारण करने में परेशानी महसूस कर रही हैं तो सबसे जरूरी है अपने 3 प्रमुख हार्मोन्स पर फोकस करना। ये तीनों ही हार्मोन गर्भधारण में मददगार होते हैं।
1. इंसुलिन
2. प्रोजेस्टेरोन
3. एस्ट्रोजन

इंसुलिन

नेचुरल तरीके से फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए इंसुलिन को बैलेंस करना बहुत जरूरी है। खासतौर पर जो महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस से जूझ रही हैं उनके लिए इंसुलिन बैलेंस जरूरी है। इंसुलिन रेजिस्टेंस और इंसुलिन का स्तर ज्यादा होने के कारण ओव्यूलेशन में रुकावट आ सकती है। जिससे गर्भधारण में परेशानी होती है। इसके कारण महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है। जिसके कारण अंडाशय में पॉलीसिस्टिक बनने की आशंका बढ़ जाती है। इंसुलिन का बढ़ा हुआ स्तर अंडों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।

ऐसे करें इंसुलिन बैलेंस

इंसुलिन बैलेंस करने के लिए आप एक टीस्पून रातभर भीगे हुए मेथी दाने लें। ये इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं। दालचीनी पाउडर लें, इससे ग्लूकोज का स्तर स्थिर रहता है। इसमें एक गिलास गर्म पानी डालें और हर सुबह इसका सेवन करें।

प्रोजेस्टेरोन

गर्भधारण में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह पीरियड सर्कल को रेगुलर करने में मददगार होता है। इससे ओव्यूलेशन ट्रिगर होता है। साथ ही ठीक समय पर ओव्यूलेशन का पता लग पाता है। यह गर्भाशय की परत यानी एंडोमेट्रियम को मोटा करता है, जिससे अंडे आसानी से विकसित हो पाते हैं।

प्रोजेस्टेरोन लेवल को ऐसे सुधारें

चेस्टबेरी टी की मदद से आप प्रोजेस्टेरोन लेवल में सुधार कर सकते हैं। इसके साथ ताजे नारियल का एक टुकड़ा जरूर खाएं। नारियल में प्राकृतिक तौर पर मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं। ये हार्मोन प्रोडक्शन में मददगार होता है।

एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन हार्मोन भी गर्भधारण के लिए बेहद जरूरी होता है। यह हार्मोन पीरियड सर्कल को रेगुलर करने में मददगार होता है। एक तरीके से यह गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करता है। इसके साथ ही भ्रूण के विकास में भी योगदान करता है। यह हार्मोन अंडों के विकसित और रिलीज होने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही ओव्यूलेशन में भी मददगार होता है।

सूप से बढ़ाएं एस्ट्रोजन लेवल

आप एक टेस्टी सूप के सेवन से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ा सकते हैं। इसे बनाना बेहद आसान है।

सामग्री
फूलगोभी – 50 ग्राम
घी – 1 टीस्पून
प्याज – 30 ग्राम
मशरूम – 50 ग्राम
गाजर – 30 ग्राम
नमक – स्वादानुसार
काली मिर्च – एक चुटकी
सूरजमुखी के बीज – 1 टीस्पून
तिल – 1 टीस्पून

ऐसे बनाएं : प्रेशर कुकर लें। उसमें घी, सारी सब्जियां, नमक और काली मिर्च डालें। अब तीन से चार सीटी लें। ठंडा होने पर सभी को ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसमें सूरजमुखी के बीज और तिल डालें। इसके नियमित सेवन से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ेगा।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...