marriage counselling

Marriage Counselling: मैरिज काउंसिलिंग को आज भी बहुत अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। अधिकतर लोगों को इसकी जरूरत ही महसूस नहीं होती है। शायद यही कारण है कि भारत में आज बड़ी संख्या में तलाक हो रहे हैं। अमूमन जब किसी कपल का रिश्ता टूटने तक की कगार पर आ पहुंचता है, तब वे अक्सर अपनी शादी को बचाने के लिए मैरिज काउंसलर की मदद लेते हैं।

लेकिन अगर शादी के बाद ही मैरिज काउंसलर के पास जाया जाए तो इससे व्यक्ति को एक खुशनुमा शादीशुदा जीवन बिताने में मदद मिलती है। अक्सर लोग शादी से पहले काउंसिलिंग की सलाह देते हैं, लेकिन शादी के बाद काउंसलर के पास आप विजिट करते हैं, तो इससे आप उन मुद्दों पर भी बात कर सकते हैं, जिन पर शादी से पहले चर्चा नहीं की जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको शादी के बाद काउंसिलिंग से मिलने वाले कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं-

1) एडजस्टमेंट प्रॉब्लम होती है दूर

MARRIAGE COUNSELLING

जब आप शादी करके नए घर में जाते हैं तो ऐसे में दोनों ही व्यक्ति एक-दूसरे के लिए नए होते हैं। उनके लिए एक-दूसरे को जानना-समझना इतना आसान नहीं होता है। ऐसे में उनके बीच अक्सर एडजस्टमेंट प्रॉब्लम होती है। जिसके चलते कपल्स के बीच का आपसी रिश्ता उतना अच्छा नहीं हो  पाता है। लेकिन जब वे मैरिज काउंसलर के पास जाकर अपनी बात रखते हैं तो इससे उन दोनों के बीच की एडजस्ट प्रॉब्लम काफी हद तक दूर हो जाती है।

2) कम्युनिकेशन होता है बेहतर

MARRIAGE COUNSELLING

शादी के बाद अक्सर व्यक्ति के मन में एक झिझक रहती है। उसे यह समझ ही नहीं आता है कि वह अपनी बात अपने पार्टनर के सामने किस तरह रखे। कभी उनके मन में एक झिझक होती है तो कभी वे अपनी बात अपने पार्टनर को सही ढंग से समझा नहीं पाते हैं। इस स्थिति में मैरिज काउंसलर उनकी काफी मदद कर सकते हैं। वे ना केवल दोनों को बेहतर तरीके से सुनते हैं, बल्कि उनके आपसी कम्युनिकेशन को भी इंप्रूव करने में उनकी मदद करते हैं।

3) गलतफहमी होती हैं दूर

MARRIAGE COUNSELLING

न्यू मैरिड कपल्स में दोनों पार्टनर के बीच अक्सर गलतफहमियां हो जाती हैं। ऐसे में जब उनके बीच एक इफेक्टिव कम्युनिकेशन नहीं होता है तो वे इन गलतफहमियों को दूर भी नहीं कर पाते हैं। लेकिन मैरिज काउंसलर इन कपल्स के बीच कम्युनिकेशन को इफेक्टिव बनाने में मदद करते हैं। जिससे ना केवल उनकी आपसी गलतफहमियां दूर होती हैं, बल्कि वे इस बात को भी समझ पाते हैं कि उनका पार्टनर उनसे क्या चाहता है। ऐसे में उन्हें अपने रिलेशन को अधिक बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

4) सोच में आता है बदलाव

MARRIAGE COUNSELLING

शादी के बाद अक्सर कपल को यह समझ ही नहीं आ पाता है कि उनके बीच की प्रॉब्लम क्या है। इसलिए उनके रिश्ते में हमेशा ही एक तनातनी का माहौल रहता है। लेकिन जब वे मैरिज काउंसलर की मदद लेते हैं तो उनकी सोच में काफी बदलाव आता है। वे ना केवल अपने पार्टनर की जरूरतों को समझ पाते हैं, बल्कि उन्हें अपनी गलती का भी अहसास होता है। इसके बाद वे अपने रिश्ते को अधिक प्यार व समझदारी से हैंडल करने की कोशिश करते हैं। जिससे उनका रिश्ता अधिक खुशनुमा बनता है।

5) खुलकर करते हैं एक्सप्रेस

MARRIAGE COUNSELLING

अमूमन कपल कभी-कभी अपनी शादी में नाखुश होते हैं, लेकिन वे अपनी फीलिंग्स को आसानी से जाहिर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उनकी भावनाएं उनके मन में ही रह जाती है और यह दबी हुई भावनाएं नाराजगी या गुस्से के रूप में उजागर होती है। लेकिन जब वे मैरिज काउंसलर के पास जाते हैं तो वे अपने मन की बात आसानी से काउंसलर के सामने रखते हैं। जिससे वे खुद को अधिक लाइट फील करते हैं। इसके बाद वे एक नए दृष्टिकोण के साथ समस्याओं पर चर्चा करते हैं। जिससे वे अपने पार्टनर के दृष्टिकोण और रिलेशन में उन्हें आने वाली समस्याओं को भी समझ पाते हैं। इस तरह यकीनन उनका रिश्ता अधिक बेहतर बनता है।

6) फाइनेंशियल मुद्दों को सुलझाने में मदद

शादी के बाद अपने रिलेशन में खुशी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि दोनों ही पार्टनर पैसों की बचत व खर्च को लेकर एकमत हों। हालांकि, अधिकतर कपल्स के बीच ऐसा नहीं होता है। जिसकी वजह से उनके बीच समस्या पैदा होती है। बहुत से कपल्स के अलग होने के पीछे की वजह उनकी आपसी फाइनेंशियल प्लानिंग ना हो पाना होता है। लेकिन जब वे मैरिज काउंसलर की मदद लेते हैं तो इससे वे एक-दूसरे के पक्ष को समझ पाते हैं, जिससे उनके बीच के फाइनेंशियल मुद्दे सुलझ पाते हैं।

7) बेहतर तरीके से कर पाते हैं फैमिली प्लानिंग

MARRIAGE COUNSELLING

फैमिली प्लानिंग करने के लिए अक्सर कपल्स के बीच अनबन हो जाती है। कभी एक पार्टनर जल्द ही अपनी फैमिली शुरू करना चाहता है तो दूसरा पहले खुद को फाइनेंशियली सेटल करना चाहता है। जब उनके बीच आपसी तालमेल नहीं बैठ पाता है तो इससे उनके रिलेशन में समस्या पैदा होने लगती है। लेकिन मैरिज काउंसलर के पास जाने से उनके बीच यह समस्या भी आसानी से सॉल्व हो जाती है। वे इस मुद्दे पर एक राय बनाने में सक्षम हो पाते हैं और बेहद ही सोच-समझकर अपना परिवार आगे बढ़ाते हैं।

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...