रिलेशन शिप में प्यार और सम्मान होना बहुत ज़रूरी है.जहाँ ये दोनों चीज़ें नहीं मिलतीं वहाँ घुटन होने लगती है. पार्ट्नर के ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त न करें,क्योंकि ,यदि आप हर समय पार्ट्नर का ऐसा व्यवहार बर्दाश्त करते रहेंगे  तो उसकी हिम्मत और बढ़ती जायगी और वो हर समय आप पर हावी होने की कोशिश करेगा. वर्चस्व पर आधारित रिश्ते जीवन भर रह सकते हैं,लेकिन वे सच्चे प्यार और रोमांस के अभाव में परिपक्व होने में विफल होते हैं.प्रस्तुत हैं कुछ सुझाव-

१-अपनी बात समझाएँ- आजकल के समय में कपल्स के बीच में ट्रस्ट इशू बहुत नज़र आते हैं,कभी कभी इन इशूज़ का लेवल इतना बढ़ जाता है कि वो ख़ुद को मानसिक तथा शारीरिक रूप से कष्ट पहुँचाने लगते हैं,यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो पार्ट्नर को विश्वास दिलाने और समझाने की ज़रूरत है

२-आपका पर्सनल स्पेस भी ज़रूरी है- रिश्ते को बनाए रखने के लिए प्रयास आपको ही करना होगा,पार्ट्नर के साथ स्पष्ट और मुखर होना होगा,कि आप दोनों ,अलग अलग शख़्स हैं और आप दोनों की इस रिश्ते के अलावा भी ज़िंदगी है,इसीलिए पर्सनल स्पेस ज़रूरी है. उन्हें समझाएँ कि आपकी निजी चीज़ों को बदलने का प्रयास न करें

३-आपकी पसंद को भी दें अहमियत-यदि आपका पार्ट्नर हर बात में ख़ुद को सुप्रीम’ समझता है,और हर निर्णय स्वयं लेना चाहता है तो उसे समझाएँ कि ज़रूरी नहीं आप हर समय उसकी हाँ में हाँ मिलाती रहेंगी,कुछ फ़ैसले आप को भी लेने का हक़ है.

४-लें काउंसलर की भी मदद-यदि साम दाम,दंड भेद जैसी कोई भी नीती अपनाने के बाद भी हालात नहीं सुधरते और रिश्ता,तलाक़ की कगार तक पहुँचने वाला है तो काउंसलर की मदद लें.कोशिश करें किसी भी तरह आपका रिश्ता बना रहे.

५-स्थिति हाथ से निकलने लगे तो क्या करें-यदि पार्ट्नर के शक्की,और क्रोधी स्वभाव के कारण आपको शारीरिक,या मानसिक परेशानी पहुँच रही है तो रिश्ता तोड़ने में ही भलाई है.आप अपने पार्ट्नर की इन आदतों के बारे में उसके माता पिता और क़रीबी दोस्तों के बारे में बताएँ.कभी कभी बॉस से बात करके भी हालात सुधर जाते हैं. यदि स्थिति अनियंत्रित हो जाती है तो पुलिस की मदद लेने से भी पीछे न हटें

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