Hugs Types: गले लगना यानी हग करना प्यार की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति है, जो सुरक्षा और प्यार का एहसास कराती है। हग करना दूसरों के प्रति स्नेह और अपनापन दिखाने का एक बेहद आसान तरीका भी है। ये एक भरोसा होता है जिसे हर किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता। यदि आप सोच रहे हैं कि क्या हग करना हमेशा रोमांटिक होता है, तो आप गलत हैं।
हग न केवल रोमांटिक होते हैं बल्कि फ्रेंडली, थेरेप्यूटिक और इंटिमेट भी हो सकते हैं, जो सुरक्षा का एहसास देते हैं। 12 फरवरी को विशेष रूप से हग डे मनाया जाता है ताकि लोगों में अपनापन और करीबी बनी रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं हग कई प्रकार के होते हैं और हर हग का मतलब अलग होता है। इसका एक विशेष अर्थ होता है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
Hugs Types:साइड हग

साइड हग में दो लोग एक-दूसरे की कमर पर बाहें डालकर गले लगते हैं। कंधे पर हाथ भी रख सकते हैं। इस प्रकार का हग तब होता है जब आमतौर पर दो लोग एक साथ खड़े या बैठे होते है। यह हग डिफाइन करता है कि ये एक आकस्मिक और फ्रेंडली है। जो लोग एक-दूसरे के परिचित हैं या बस फ्रेंड है, वह इस प्रकार के हग का प्रयोग करते हैं। रोमांटिक भावनाओं के मामले में किसी व्यक्ति को अवॉइड करने के लिए भी साइड हग किया जा सकता है।
फ्रेंड हग

ये एक ट्रेडिशनल हग है जिसमें दो बाहें और छाती टच होती है। इस तरह के हग को करते समय सामान्यतौर पर लोग अपने हिप्स को एक-दूसरे के करीब जाने के बजाय दूर ले जाते हैं। हिप्स के बीच का स्थान यह संकेत दे सकता है कि दो लोगों के बीच कोई रोमांटिक या सेक्सुअल फीलिंग नहीं है। ये हग लंबे नहीं बल्कि काफी छोटे होते हैं। इस प्रकार का हग केवल दोस्ताना इशारा देता है।
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पीछे से हग करना

इसे आमतौर पर एक रोमांटिक इशारे के रूप में समझा जाता है। इसमें पार्टनर्स एक-दूसरे से निकटता से गले लगते हैं। इसमें एक व्यक्ति पीछे से खड़ा होता है या गले लगने के लिए पीछे बैठता है। आमतौर पर लड़के ऐसे हग करना पसंद करते हैं। इससे सामने वाले को सुरक्षा मिलती है। इस प्रकार के हग को माता-पिता या बच्चे के रिश्तेदार भी करते हैं। ये एक बेहद ही सहायक और सुरक्षा की भावना देता है जिसका मतलब है कि ‘मैं यहां आपके लिए हमेशा हूं’ ।
कमर के चारों ओर हग करना

ये एक पूरी तरह से रोमांटिक हग होता है। जहां दोनों पार्टनर्स के शरीर एक-दूसरे की ओर झुके होते हैं और उनका एक हाथ कमर के चारों ओर होता है। इस तरह के हग में पार्टनर एक-दूसरे को प्यार से देखते हैं और आई कॉन्टेक्ट बनाते हैं। यह हग रोमांटिक हो सकता है और सेक्स फीलिंग्स को भी बढ़ावा दे सकता है। ये हग आमतौर पर कपल्स या फ्रेंड्स करते हैं। शहरों में ये काफी आम हग माना जाता है।
टाइट हग

ये हग आमतौर पर तब किया जाता है जब दो लोग खड़े होते हैं। ये सामान्य हग की तुलना में कहीं अधिक इंटिमेट हग होता है। इसमें दोनों साथ बहुत लंबे समय तक एक-दूसरे के करीब रहते हैं और कसकर पकड़ते हैं। कई बार इसमें पार्टनर्स एक-दूसरे को स्क्वीज भी करते हैं। जिसका संकेत है कि दोनों एक-दूसरे के लिए कितने लालायित हैं। लंबे समय के अंतराल के बाद मिलने पर भी दो लोग इस प्रकार का हग करते हैं। एक-दूसरे को समीप होने का एहसास कराते हैं।
एक तरफा हग

इस प्रकार का हग एक फ्रेंडली जेस्टर माना जाता है, जिसमें दो लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं। एक आमतौर पर हग दे रहा है और दूसरो उसे प्राप्त कर रहा है। सामान्यतौर पर गले लगाने वाला ज्यादा उत्सुकता नहीं दिखाता जबकि गले लगाने वाला दूसरे व्यक्ति को हल्का सा स्क्वीज भी कर सकता है। इसे एक तरफ से रोमांटिक इशारा भी माना जा सकता है। क्योंकि दोनों में से केवल एक व्यक्ति को हग करने में इंट्रेस्ट होता है।
हार्ट-टू-हार्ट हग

इस तरह के हग में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को गले लगाते हैं। वे एक-दूसरे को कसकर गले लगाते हैं ताकि उनकी छाती एक-दूसरे को छू सके। यदि आप बैठकर हग करते हैं तो दो लोग अपने पैरों को आपस में जोड़ सकते हैं। यह दो पार्टनर्स के लिए एक बहुत ही इंटिमेट हग है। इस तरह का हग काफी आरामदायक, प्यारा और इंटिमेट अहसास देता है, जो दो लोगों को बांधता है। इस प्रकार का हग अधिकतर कपल्स करते हैं।
क्यों 12 हग हैं जरूरी

ऐसे कई अध्ययन हैं जिसमें बताया गया है कि गले लगाने से भावनात्मक चोट और दर्द को कम किया जा सकता है। इसमें चिंता और तनाव को ठीक करने की शक्ति होती है। किसी से इमोशनली अटैच्ड होने के लिए कम से कम एक दिन में 12 बार हग किया जा सकता है। आपको बता दें कि लगभग 20 सेकेंड का हग वास्तव में दिल और शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
20 सेकेंड का हग तनाव और चिंता को कम करने और अच्छा महसूस कराने में मदद करता है। हग करने से ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है, जिसे लव हार्मोन के रूप में जाना जाता है। ये तब रिलीज होता हैं जब दो लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं या गले मिलते हैं। चिकित्सकों का मानना है कि गले लगने से बीमार होने का चांस कम हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे अवश्य लगे लगाना चाहिए इससे उसके मेंटल स्ट्रैस को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
