समाज लगाता है हर नए शादीशुदा जोड़े से ये 5 अजीब उम्मीदें
संपत्ति की उम्मीदें न केवल पैसों का बोझ बढ़ाती हैं, बल्कि नवविवाहित जोड़े के रिश्ते पर भी तनाव डालती हैं।
Tips for Newlyweds: शादी जीवन को एक नया मोड़ देती है, शादी का प्यारा बंधन ना सिर्फ दो लोगों के जीवन को एक साथ जोड़ता है बल्कि ये दो परिवारों को एक कर देता है। ऐसे में कई बार परिवार के सदस्य या करीबी रिश्तेदार यहाँ तक की आस पड़ोस वाले लोग भी नए शादीशुदा जोड़े से बहुत सारी अजीब उम्मीदें लगाएं रहते हैं, जिसकी वजह से कई बार नए जोड़े को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार इस तरह की परेशानी से शादी शुदा जोड़े और परिवार के बीच के रिश्ते ख़राब होने लगते हैं और इनकी वजह से घर का माहौल तनाव से भरा रहता है।
नए जोड़े का साथ दें और उनके रिश्ते को मजबूत बनाने में उनकी पूरी मदद करें।
नवविवाहित जोड़े से समाज की उम्मीदें
प्रेग्नेंसी के लिए दबाव बनाना

समाज की सबसे बड़ी अपेक्षाओं में से एक है कि शादी के तुरंत बाद पति-पत्नी का बच्चा हो। परिवार और रिश्तेदारों के बीच यह आम धारणा है कि शादी के बाद जल्दी से जल्दी संतान का आगमन होना चाहिए। यह न केवल परिवार की बढ़ती खुशी का प्रतीक होता है, बल्कि सामाजिक दबाव भी होता है। नवविवाहित जोड़े पर यह दबाव तब महसूस होता है, जब हर कोई उनकी निजी जीवन के फैसलों में हस्तक्षेप करने लगे।
सामाजिक होना है जरुरी
शादी के बाद, जोड़े से उम्मीद की जाती है कि वे अपने परिवार के साथ अच्छे से समय बिताएँ, परिवार के सभी तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लें और सामाजिक समारोहों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। ये अपेक्षाए कभी-कभी उस नए जीवन को कठिन बना देती हैं, जो नवविवाहित जोड़े ने शुरू किया है। कई बार नवविवाहित जोड़े अपनी निजी जरूरतों और खुशियों को छोड़कर परिवार और समाज की अपेक्षाओं को पूरा करने में लगे रहते हैं।
घर गृहस्थी

सालों से चली आ रही सोच है कि शादी के बाद पत्नी का सबसे जरुरी कर्तव्य घर के कामकाज और परिवार की देखभाल करना होता है। यह समाज की एक पुरानी सोच है, जिसमें महिला को घर और परिवार के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन जब महिला अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं और करियर को प्राथमिकता देती है, तो यह अपेक्षाए उसे मानसिक दबाव में डाल देती हैं। इससे पति-पत्नी के बीच तनाव उत्पन्न होता है।
दुल्हन क्या लाई
शादी के समय दहेज की मांग भी एक बड़ी समस्या बन जाती है। परिवार और रिश्तेदारों की ओर से दहेज के रूप में कई उपहारों और संपत्ति की उम्मीदें न केवल पैसों का बोझ बढ़ाती हैं, बल्कि नवविवाहित जोड़े के रिश्ते पर भी तनाव डालती हैं। इस उम्मीद के चलते पति और पत्नी दोनों को एक दूसरे से अधिक समय तक एक दूसरे को समझने का मौका नहीं मिलता, और दोनों के बीच शुरूवात में ही तकरार होने लगती है।
हर हाल में खुश रहो

रिश्तेदारों की यह उम्मीद होती है कि शादी के बाद लड़की को हर हाल में हमेशा खुश रहना चाहिए। वे यह नहीं समझते कि हर शादी में उतार-चढ़ाव आते हैं और दोनों पार्टनर्स को समय-समय पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी वे यह उम्मीद करते हैं कि जोड़ा हर समय खुश रहे, अगर कोई दुःख परेशानी या किसी तरह की समस्या आ रही है तब भी उम्मीद करी जाती है की अपनी तकलीफों को अपने तक ही सीमित रखा जाए।
