प्यार में होना कितना सुंदर हो सकता है, ये तो प्यार करने वाले ही जानते हैं। लेकिन वो ये नहीं जानते हैं कि प्यार की अधिकता अच्छी नहीं होती है। हद से ज्यादा प्यार पर मानो प्यार का रंग चढ़ ही नहीं पाता है। याद रखिए, प्यार करना अच्छा है, रोमांस भी अच्छा है लेकिन सिर्फ इन्हीं के बारे में सोचते रहना और महसूस करना सही नहीं है। वो कहते हैं न ‘एक्सेस ऑफ एव्रिथिंग इज बैड’। बस यही फंडा प्यार और रोमांस पर भी फिट बैठता है। इनकी भी अधिकता जीवन में खुशियां नहीं लातीं बल्कि दिक्कत और चिढ़चिढ़ापन ले आती हैं। ऐसे में जरूरी है कि प्यार और रोमांस की जरूरत और अधिकता में अंतर समझा जाए। समझा जाए कि प्यार लिमिट में करेंगे तो ही अच्छा रहेगा। कैसे होगा ये, आइए जानें-
क्वालिटी हो क्वांटिटी नहीं-
वैसे ये बात कई चीजों के साथ सूट करती है कि उसमें क्वांटिटी से पहले क्वालिटी होनी चाहिए। रोमांस का भी यही हाल है। आपको समझना होगा कि रोमांस और प्यार दिखाने में क्वालिटी जरूरी होती है। मतलब आप दिल की गहराई से प्यार करते हैं या नहीं ये जरूरी है। ना कि आप दिनभर में कितनी बार पार्टनर पर प्यार न्योछावर करते हैं। इसलिए प्यार दिल की गहराइयों से करना ज्यादा जरूरी होता है। 
ज्यादा रोमांस, ज्यादा पजेसिव तो नहीं-
कई बार हर वक्त रोमांस में डूबे रहने का मतलब ज्यादा पजेसिव होने से भी लगाया जाता है। आपको लगता है, आपका प्यार किसी और के पास न चला जाए। इसलिए आप हमेशा रोमांस और प्यार में डूबे रहना चाहते हैं। साथ में चाहते हैं कि पार्टनर भी आपकी तरह ही सोचे और इस भावना को समझे भी। जबकि आपकी ये आदत पार्टनर को दिक्कत दे सकती है। हो सकता है कि वो आपके पास आने भर से चिढ़ने लगे। एक तरफ आप सोच रहे होते हैं कि आप उन्हें प्यार दिखा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ आपका पार्टनर आपसे दूर जा रहा होता है। उसको कह सकते हैं स्पेस मिल ही नहीं पाती है।
चीटिंग तो नहीं-
कई बार देखा गया है पार्टनर से चीटिंग करने और फिर इस बात का एहसास होने के बाद अक्सर लोग कुछ ज्यादा ही प्यार दिखाने लगते हैं। खुद को जांचिए कहीं ये सबकुछ इसी वजह से तो नहीं है। कुलमिलाकर बात ये है कि आप जो रोमांस और प्यार जता रहे हैं, वो सच्चा है भी या नहीं। कहीं एक्सट्रा लव खुद के झूठे एहसासों को छुपाने के लिए तो नहीं है।