टोनी बहुत देर से टाले जा रहा था। उसे लेट्रिन जाने की तीव्र इच्छा हो रही थी। जब उससे न रहा गया तो उसने एन्डी से कहा –
‘मैं जरा बाथरूम जाना चाहता हूं।’
एन्डी ने क्रोधित नजरों से उसे देखा – ‘ऐसे नाजुक मौके पर तुम्हें … खैर जल्दी जाकर निबट आओ।’ वह तीखे स्वर में बोला।
टोनी ने राइफल नीचे रख दी और तेजी से मसीनो के टायलेट की ओर लपका। ठीक उसी समय जौनी की कार बस स्टेशन की पार्किंग में जाकर रुकी।
दौलत आई मौत लाई नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1
‘हम पहुंच गये हैं बेबी।’ जौनी ने मुस्कराकर कहा – ‘सुनो, अगर कोई दुर्घटना हो जाये तो तुम तुरन्त कार लेकर भाग जाना। एक क्षण भी यहां मत रुकना-समझ गईं।’ उसने अपनी जेब से सैमी के यहां से चुराई गई शेष राशि सीट पर डाल दी – ‘उम्मीद है सब ठीक हो जाएगा – फिर भी कोई हादसा हो जाने की हालत में तुम वापस होटल वैलकम में पहुंच जाना-समझ गयीं।’
फ्रैडा सिहर उठी। उसने अपना कंपित हाथ जौनी के हाथ पर रख दिया।
‘तुम घबराना नहीं। मैं रकम हासिल करके सीधा यहीं वापस आऊंगा – जैसे ही मैं अंदर पहुंचूं तुम चल देना। रास्ता देख ही लिया तुमने, इसलिए कोई परेशानी नहीं होगी परन्तु एक बात का विशेष ध्यान रखना – गाड़ी बहुत तेज मत चलाना।’
‘ओह जौनी!’
जौनी ने खींचकर उसका मुख चूम लिया। वह बोला – ‘हम कामयाब हो जाएंगे – हमारा सपना पूरा होकर रहेगा। मौत के इस खेल में जीत हमारी ही होगी।’
‘मैं तुम्हें प्यार करती हूं।’ वह आहत स्वर में बोली।
‘मैं भी तुम्हें उतना ही जी-जान से चाहता हूं बेबी।’ जौनी ने कहा तथा आलोकित बिजली के प्रकाश में लगेज लॉकरों की ओर बढ़ गया।
एन्डी ने उसे तुरन्त पहचान लिया – सफाचट घुटे सिर के जरिये उस जैसे घाघ को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता था। उसने जौनी के भारी शरीर और उसकी चाल के द्वारा उसे पहचान लिया था।
‘टोनी!’ एन्डी ने तेज स्वर में पुकारा। स्टेयरिंग व्हील पर बैठी फ्रैडा ने बेचैनी से पहलू बदला। कार के धूल से अटे विंड स्क्रीन से उसने जौनी को अंदर घुसकर गायब होते देखा। उसे न जाने कैसे खतरे का आभास हो गया था। उसका मस्तिष्क तेजी के साथ क्रियाशील हो उठा। उसकी उंगलियां स्टेयरिंग व्हील पर कस गईं।
जौनी ने लॉकर के नजदीक पहुंचकर दाएं-बाएं देखा, मगर वहां कोई नहीं था, उसने अपनी जेब से चाबी निकालकर लॉकर के ताले में फंसाई – ताला खुलते ही उसने दोनों बैग बाहर घसीट लिये। उन्हें फर्श पर रखते ही जौनी मुस्करा उठा। उसकी मनचाही मुराद उसके सामने थी – मौत के इस खेल में उसकी विजय निश्चित थी। उसने सोचा – अब मेरा सपना जरूर साकार होकर रहेगा।
परन्तु इस सीन में फ्रैडा के लिए कोई स्थान नहीं था – न जाने कब और कैसे वह इस दृश्यपट से विलीन हो गई थी।
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उसने थैले उठाए और तेज रफ्तार से उस ओर लपक लिया जहां उसने कार पार्क की थी। कुछ दूर पहुंचने पर उसने स्टेयरिंग व्हील पर तैयार बैठी फ्रैडा को स्पष्ट रूप से देख लिया। उसके कदमों में और तेजी आ गई।
मगर तभी मौत के इस खेल में उसकी जीत हार में बदल गई। उसका सुहाना सपना साकार होने की जगह खूनी आकार में तब्दील हो गय। मौत ने उसे अपनी बांहों में समेट लिया।
फ्रैडा ने उसे अपनी ओर आते देखा और वह सांसें रोककर उसकी प्रतीक्षा करने लगी। तभी उसने देखा – जौनी के घुटे सिर पर एक लाल धब्बा प्रगट हुआ। थैले उसके हाथ से छूटकर नीचे जा गिरे। उसका भारी जिस्म हवा में लहराया और फिर भरभराकर नीचे फर्श पर गिर गया।
जौनी के सिर से खून का फव्वारा छूटता देखकर फ्रैडा के होश फाख्ता हो गए। वह मूर्ति की तरह स्थिर होकर रह गई – उसका मस्तिष्क विचार-शून्य हो गया – तभी एक औरत की चीख ने उसके विचार-शून्य मस्तिष्क को क्रियाशील कर दिया। उसने देखा – तीन आदमी न जाने कहां से भूत की तरह प्रगट हुए – उन्होंने थैले उठाये और तुरन्त गायब हो गये।

सब-कुछ पलक झपकते ही हो गया।
फ्रैडा तुरन्त समझ गई कि क्या हो चुका था – उसने तुरन्त कार स्टार्ट की और बंदूक से छूटी गोली के समान स्टेशन से बाहर की ओर दौड़ा दी।
दौलत आई मौत लाई भाग-40 दिनांक 27 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा

