fifty shades freed novel in Hindi
fifty shades freed novel in Hindi

fifty shades freed novel in Hindi: मैं बेचैन हूं। क्रिस्टियन पिछले एक घंटे से ऑनबोर्ड स्टडी में मग्न है। मैंने पढ़ने, टी वी देखने और पूरे कपड़ों में सनबाथ लेने की कोशिश की पर मैं रिलैक्स नहीं कर सकती। और मैं खुद को इस अजीब से एहसास से भी परे नहीं कर पा रही। मैंने शार्ट और टी-शर्ट पहनने के बाद हास्यास्पद रूप से महंगे कफ को उतार दिया और टेलर को खोजने चल दी।

“मिसेज ग्रे?” वह अपने एंथोनी बरगीज़ नॉवल से चौंका। वह क्रिस्टियन की स्टडी के बाहर छोटे से सैलून में बैठा था।

“मैं शॉपिंग के लिए जाना चाहूंगी।”

“जी मैम! ” वह उठ खड़ा हुआ।

“मैं जैट स्की ले जाना चाहूंगी।”

उसका मुंह खुला का खुला रह गया। कोई शब्द नहीं सूझे तो उसने एक भौं नचाई।

“मैं क्रिस्टियन को इस मामले में परेशान नहीं करना चाहती…”

उसने अपनी आह दबाई। “मिसेज ग्रे…उम्म…. मुझे नहीं लगता कि मि. ग्रे को ये बात इतनी अच्छी लगेगी और मैं चाहूंगा कि मेरी नौकरी भी बनी रहे।”

ओह! भगवान के लिए! मैं अपनी आंखें गोल घुमाना चाहती थी पर मैंने उन्हें सिकोड़ लिया और आह भरी। मुझे पता चल गया था कि अब मैं अपनी मर्जी की मालिक नहीं थी और वैसे भी मैं नहीं चाहती थी कि क्रिस्टियन का गुस्सा टेलर पर या मुझ पर उतरे। मैं उसके पास से निकली और जाकर स्टडी का दरवाजा खोल दिया।

भीतर क्रिस्टियन हाथ में अपना फोन लिए महोगनी डेस्क पर झुका था। उसने मुझे ताका- एंड्रिया होल्ड प्लीज़। उसने कहा और उसके चेहरे पर गंभीर से भाव थे। उसकी नज़र में हल्की-सी विनम्रता का पुट दिखा। शिट! मुझे ऐसा क्यों लग रहा था कि मैं किसी प्रिंसीपल के कमरे में आ गई हूं? कल इसी आदमी ने मुझे हथकड़ियां पहनाई थीं। मैंने तय किया कि उससे डरने की क्या बात है, वह तो मेरा पति है। मैंने कंधे झटके और उसे प्यारी-सी मुस्कान दी।

“मैं खरीददारी करने जा रही हूं। सिक्योरिटी साथ ले जाऊंगी।”

“जरूर। जोड़े में से एक और टेलर को भी साथ ले जाना।” उसने कहा और मैं जानती थी कि वहां कुछ गंभीर चर्चा चल रही थी क्योंकि उसने मुझसे कोई सवाल नहीं पूछा। मैं उसे वहां खड़ी घूर रही थी और सोच रही थी कि शायद मैं कोई मदद कर सकूं।

“कुछ और।” वह बोला। वह चाहता था कि मैं वहां से बाहर निकल जाऊं।

“क्या मैं तुम्हें कुछ ला कर दे सकती हूं?” मैंने पूछा। उसने अपनी लजीली-सी मुस्कान दी।

“नहीं बेबी, मैं ठीक हूं।” वह बोला। क्रू मेरी देखरेख कर लेगा।

“ओ के! ” मैं उसे किस करना चाहती थी। हद हो गई! मैं ऐसा कर सकती हूं । आखिरकार वह मेरा पति है। मैं यही सोचते हुए आगे आई और उसे चकित करते हुए उसके होठों पर एक चुंबन दे दिया।

“एंड्रिया! तुमसे बात में बाद करता हूं।” वह धीरे से बोला। उसने अपने पीछे पड़े डेस्क पर ब्लैकबैरी रख दिया और मुझे अपनी बांहों में ले कर दीवानों की तरह चूमने लगा। जब उसने मुझे छोड़ा तो मैं बेदम हो चली थी। उसकी गहरी आंखों की चमक कुछ चाह रही थी।

“तुम मेरा ध्यान बंटा रही हो। मुझे ये परेशानी सुलझानी है ताकि फिर से अपने हनीमून पर लौट सकूं।” उसने अपनी तर्जनी अंगुली मेरे चेहरे पर फिराई और चेहरे को नीचे करते हुए ठुड्डी को छुआ।

“ओ के! सॉरी।”

“प्लीज़! माफी मत मांगो मिसेज ग्रे। मुझे अच्छा लगता है, जब तुम इस तरह मेरा ध्यान बंटाती हो।”

“जाओ, कुछ नोट खर्च कर आओ।”

“ऐसा ही करूंगी।” मैंने स्टडी से जाते हुए कहा। मेरे अवचेतन ने सिर हिलाया और मैंने अपने होंठ दबा लिए। तुमने उसे बताया नहीं कि तुम उसके जैट स्की पर जा रही हो । उसने मुझे आगाह भी किया पर मैंने उसकी आवाज़ को अनसुना कर दिया। जा बड़ी आई….!

टेलर बड़े धीरज से इंतज़ार कर रहा है।

“हाई कमांड से इजाजत मिल गई है……क्या हम जा सकते हैं?” मैं मुस्कुराईं और अपने व्यंग्य को छिपाने की पूरी कोशिश की। टेलर! अपनी प्रशंसात्मक मुस्कान को छिपा नहीं सका।

“मिसेज ग्रे! पहले आप चलें।”

उसने बड़े ही आराम से मुझे जैट स्की के सारे कंट्रोल समझाए। वह एक अच्छा अध्यापक था। उसने मुझे स्की पर सवारी करना सिखाया। हम मोटर लांच में थे, जो फेयर लेडी के पास बंदरगाह के पानी पर उछलती-कूदती जा रही थी। गेस्टन ने हमें देखा पर उसके चश्मे के नीचे चेहरे के भाव छिप गए। एक और फेयर लेडी का क्रू मोटर लांच का कंट्रोल संभाल रहा था। हे भगवान! वे तीन लोग सिर्फ इसलिए मेरे साथ थे क्योंकि मैं शॉपिंग के लिए जाना चाहती थी। कितनी मज़ाकिया बात है न!

मैंने अपनी लाइफ जैकेट पहनते हुए टेलर को दगदगाती हुई मुस्कान दी। जब मैं जैट स्की में सवार होने लगी तो उसने मुझे हाथ का सहारा दिया।

“मिसेज ग्रे! इग्निशन की के फीते को अपनी कमर से बांध लीजिए। यदि आप गिर गईं तो इंजिन अपने-आप बंद हो जाएगा।” उसने समझाया।

“ओ के! ”

“तैयार?”

मैंने उत्सुकता से हामी भरी।

“जब आप बोट से करीब चार फीट दूर हो जाएं तो इंजिन का बटन दबाए। हम आपके पीछे होंगे।”

“ओ के! ”

उसने जैट स्की को मोटर लांच से धकेला और वह प्रमुख बंदरगाह में तैरने लगी। जब उसने मुझे ओ के का साइन दिया तो मैंने इंजिन का बटन दबाया और उसमें जान आ गई।

“ओ के! मिसेज ग्रे! आराम से चलाईएगा।” टेलर चिल्लाया। मैंने एसीलिरेटर को दबाया। जैट स्की आगे की तरफ उछली। हे भगवान! क्रिस्टियन इसे इतने आराम से कैसे चला रहा था? मैंने फिर से कोशिश की पर बेकार!

“मिसेज ग्रे! गैस लगातार दबाएं।” टेलर बोला

“हां, हां, हां।” इस बार मेरा इरादा मजबूत था। मैंने एक बार फिर से कोशिश की और लीवर को हल्के से दबाया, जिससे जैट स्की आगे जाने लगी। इस बार वह सही तरीके से चल रही थी। वाह! ये तो अब भी चलती जा रही थी। मैंने जोश और उमंग में आ कर चिल्लाना चाहा पर चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाई। मैं बड़े आराम से, यॉट से दूर मेन बंदरगाह तक जा रही थी। मुझे अपने पीछे मोटर लांच की आवाज़ भी सुनाई दे रही थी। जैसे ही मैंने और गैस छोड़ी तो स्की हवा से बातें करने लगी। बालों और शरीर को समुद्र से आती गरम हवा के झोंके सहलाने लगे तो मुझे अच्छा लगा। ये आइडिया तो काम आ गया वरना क्रिस्टियन से पूछती तो कभी न चलाने देेता।

मैंने किनारे पर जाने की बजाए थोड़ी और मस्ती करने की ठानी और फेयर लेडी का चक्कर लगाने लगी। इस बार तो मैंने टेलर और उसके दल को भी पछाड़ दिया। जैसे ही मैंने चक्कर पूरा किया, डैक पर क्रिस्टियन को खड़ा पाया। मुझे लगा कि वह मुझे ही देख रहा था हालांकि इस बारे में पक्के तौर पर कुछ कहना मुश्किल था मैंने पूरी बहादुरी के साथ हैंडलबार से एक हाथ हटाया और बड़े जोश से उसे देख कर हाथ हिलाने लगी। पहले तो ऐसा लगा कि वह पत्थर का बना था पर फिर उसने भी हाथ लहरा कर जवाब दे ही दिया। मैंने उसके भावों की परवाह नहीं की और भीतर से किसी ने कहा कि मुझे परवाह करनी भी नहीं चाहिए। इस तरह मैं ढलते दोपहर की धूप में जगमगाते सागर में घूप में घूमने लगी।

डॉक पर पहुंची तो माहौल थोड़ा गंभीर दिखा। फिर समझ आया कि यह सब मेरी वजह से है। मैंने जैट स्की को कोने में खड़ा किया तो टेलर आ कर बोला, “मिसेज ग्रे! मि. ग्रे आपके इस काम से बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं। बेहतर होगा कि हम वापिस चलें।”

मैंने बेलौस कहा, “हम लौट कर देखेंगे कि उन्हें क्या पसंद है या नहीं? अभी तो अपना काम करना चाहिए।”

टेलर बेचारा सकुचा गया। बेशक उसे मेरे खब्ती पति ने फोन पर फटकारा होगा। अब मैं इस बंदे का क्या करूं? इसे चौबीस घंटे मेरी सुरक्षा की इतनी चिंता क्यों रहती है? मैं कोई छोटी बच्ची तो नहीं।

फिर मैंने टेलर को देख कर एक मुस्कान दी। मुझे ये बंदा अच्छा लगता है पर मुझे ये पसंद नहीं कि वह मुझे डांटे। वह मेरा पापा या पति नहीं है।

मैंने आह भरी। क्रिस्टियन नाराज है और अपनी चिंता के बीच उसकी बेचैनी और भी बढ़ गई होगी। तभी मेरे फोन की घंटी बजी। ‘यूअर लव इज किंग’ की धुन तो मैंने अपने पति के लिए रखी हुई है।

हाय!

हाय!

“मैं बोट पर वापिस आ जाऊंगी। चिंता मत करो।”

“उम्म”

“सच बड़ा मजा आ रहा है।”

“मिसेज ग्रे! इस मौज-मस्ती के बीच थोड़ी सावधानी भी जरूरी है।”

ओह माई गॉड! मौज-मस्ती की इजाजत मिल गई।

“बस साबुत वापिस आना”

“पूरी कोशिश रहेगी।”

“रखता हूं। कोई फोन आ रहा है।”

“मिलते हैं क्रिस्टियन!”

उसने फोन रख दिया। कार इंतजार में है। टेलर ने मेरे लिए कार का दरवाजा खोला। मैंने उसे देख कर आंख दबाई और उसने मुझे कौतुक से देखा। कार में, मैंने मेल बॉक्स खोल दिया।

फ्रॉम: एनेस्टेसिया ग्रे

सब्जैक्ट: धन्यवाद

डेट: 17 अगस्त 2011 16: 55

टू: क्रिस्टियन ग्रे

चिड़चिड़ापन न दिखाने के लिए शुक्रिया

तुम्हारी प्रिय पत्नी

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: शांत रहने की कोशिश

डेट: 17 अगस्त 2011 16:59

टू: एनेस्टेसिया ग्रे

तुम्हारा स्वागत है।

साबुत वापिस आना

यह कोई आग्रह नहीं है।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ तथा आवश्यकता से अधिक बचाव करने वाला पति

ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैं खरीददारी करने क्यों जाना चाहती थी? मुझे इससे नफरत थी पर मुझे अपने भीतर ही भीतर पता था कि मैं क्यों जाना चाहती थी। मैंने गुक्की और डाओर जैसे बड़े व नामी शोरूम पार किए और एक छोटी-सी दुकान में चली गई। जहां से मैं अपने हिसाब से कुछ ले सकती थी। मुझे वहां से छोटी-सी पायल मिल गई जिसमें चांदी के दिल और घंटियां लगी थीं। वे जरा सा हिलाते ही टुनटुनाती थीं। वह पांच यूरो की थी। मैंने उसे लेते ही पहन लिया। ये मेरी पसंद है। मैंने खुद को आरामदेह महसूस किया। जब से उससे मिली हूं। उस लड़की से दूर होती जा रही हूं जो ऐसी चीजें पसंद करती है। दरअसल मैं उसकी दौलत की आदी नहीं हो पा रही। यह भी जानती कि कभी हो भी पाऊंगी या नहीं? मैं उसके लिए भी कुछ लेना चाहती थी ताकि सिएटल में घट रही घटनाओं से उसका थोड़ा ध्यान बंट सके। पर ऐसे आदमी को क्या ले कर दे सकते हैं, जिसके पास पहले से ही सब कुछ हो। मैं एक छोटे से आधुनिक स्क्वेयर में जा कर कर रुकी, जहां चारों ओर स्टोर ही स्टोर थे। जब मेरी नजर एक इलेक्ट्रानिक स्टोर पर गई तो मैं जान गई कि मुझे अपने पति के लिए क्या लेना था। मेरे कानों में उसके शब्द गूंज उठे हम सभी रूपों में नारी की देहा कृति की प्रशंसा कर सकते हैं। हम उसे देखना पसंद करते हैं। भले ही वह संगमरमर में हो या तैल चित्रों में, साटिन में हो या फिल्मों में!

यह याद करते ही मेरे दिमाग में एक तरकीब आ गई। माना वह दु:साहसी थी पर मैंने डरना कब सीखा है। बस मुझे उसे लेने के लिए थोड़ी मदद की जरूरत थी और इस काम के लिए एक जानकार से बात की जा सकती थी। मैंने झट से ब्लैकबैरी निकाला और जोस को फोन लगाया।

“कौन…” वह उनींदा होकर बड़बड़ाया।

“जोस! एना बोल रही हूं।”

“एना। हाय। कहां हो। ठीक तो हो?” वह थोड़े चौकन्ने सुर में बोला

“मैं साउथ ऑफ फ्रांस के केन्स में हूं और मजे में हूं।”

“वहां…किसी अच्छे होटल में होगी।”

“नहीं, हम एक बोट में ठहरे हैं।”

“बोट में”

“हां, हमने उसे कुछ समय के लिए किराए पर ले लिया है।”

“अच्छा”

हाय! मुझे उससे बात करनी ही नहीं चाहिए थी। वह कैसे सुर में बोल रहा है।

“जोस! तुम्हारी सलाह चाहिए।”

“मेरी सलाह? वह हैरान रह गया इस बार उसका सुर कुछ दोस्ताना लगा तो मैंने आगे बात की।

दो घंटे बाद, टेलर ने मुझे मोटर लांच से बाहर आने में मदद की। गेस्टन जैट स्की संभाल रहा है। क्रिस्टियन कहीं नहीं दिखा और मैं केबिन में लपकी ताकि उसका उपहार बांध सकूं। मुझे भी बच्चों जैसे उत्साह की छूत लग गई है।

“तुमने बड़ी देर लगा दी?” जैसे ही मैंने टेप का आखिरी टुकड़ा लगाया तो वह पीछे खड़ा दिखा। क्या अब भी जैट स्की के लिए नाराज है या आग वाली बात से परेशान है?

“ऑफिस में सब ठीक है न?” मैंने पूछा

“हां, काफी हद तक।” चेहरे पर अब भी खीझ के भाव हैं।

“मैंने कुछ लिया है।” मैंने हौले से कहा ताकि उसका मूड कुछ बदल जाए।

मैं चाह रही थी कि वह अपनी खीझ मुझ पर न उतारे पर शुक्र है कि उसका मूड बदल गया। चेहरे पर प्यारी-सी मुस्कान देख कर मुझे तसल्ली हो गई।

मैंने अपना पांव पलंग पर रखा और उसे पायल दिखाई।

“बहुत अच्छी!” उसने कहा। वह प्यार से उन घंटियों को सहलाने लगा पर ज्यों ही निशानों पर नजर गई तो उसके चेहरे के भाव बदल गए।

“और ये भी।” मैंने उसका ध्यान बंटाने के लिए झट से बॉक्स थमा दिया।

“मेरे लिए?” उसने हैरानी से कहा। मैंने लजा कर हामी दी। उसने बॉक्स को हौले से हिला कर देखा। फिर वह बच्चों की तरह मुस्कुराया और पलंग पर मेरे पास ही बैठ गया। वह नीचे झुका और मुझे चूम लिया।

“धन्यवाद!” उसने हल्की लजीली मुस्कान के साथ कहा

“अभी तक खोला भी नहीं?”

“इसमें जो भी होगा। मुझे पसंद आएगा। मुझे कोई बहुत ज्यादा उपहार नहीं मिलते।”

“तुम्हारे लिए कुछ लेना आसान नहीं है। ऐसे आदमी के लिए क्या लिया जा सकता है। जिसके पास पहले से ही सब कुछ हो।”

“मेरे पास तुम हो।”

“अच्छा जी!”

“उसने झट से बॉक्स खोला। निकॉन का कैमरा?

“मैं जानती हूं कि तुम्हारे पास पहले से ही एक कांपैक्ट डिजीटिल कैमरा है पर ये खास तौर पर पोट्रेट लेने के लिए है। इसमें दो लैंस होते हैं।”

उसने मुझे देख कर पलकें झपकाईं पर बात नहीं समझा।

“आज गैलरी में तुम्हें फ्लोरेंस डेल के फोटो पसंद आ रहे थे। और मुझे याद है कि तुमने दूसरे फोटो देख कर भी क्या कहा था।” मैंने थूक निगला और दिमाग से उन तस्वीरों को निकालना चाहा जो मैंने उस दिन उसकी अल्मारी में देखी थीं।

उसकी सांसें थम सी गईं और मुझे अपनी बात को तेजी से बढ़ाना पड़ा ताकि वह कहीं गलत ही न समझ ले।

“मैंने सोचा कि शायद तुम मेरी तस्वीरें लेना चाहो?”

“तुम्हारी तस्वीरें….क्यों?”

वह कैमरे पर हाथ फिराने लगा पर ये समझ नहीं आ रहा कि वह चाहता क्या है।

वह क्या सोच रहा था? मैंने कम-से-कम ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद तो नहीं की थी। उसने मुझे देखा तो आंखों में दर्द के साए लहराते दिखे।

“तुम्हें ऐसा क्यों लगा कि मैं तुम्हारी तस्वीरें लेना चाहूंगा?” उसने हैरानी से कहा

“नहीं, नहीं, नहीं। तुमने कहा कि तुम्हें ऐसा करना पसंद है?”

“क्या तुम्हें पसंद नहीं है?”

मैंने अपने भीतर बैठी सयानी लड़की को झट से चुप कर दिया जो बार-बार एक ही सवाल कर रही थी कि भला तेरी जैसी लड़की की कामोत्तेजक तस्वीरें कोई क्यों लेना चाहेगा?

उसने बालों में हाथ फिराया और गहरी उलझन में दिखा।

“मेरे लिए वे तस्वीरें किसी बीमा पॉलिसी की तरह थीं, एना। मैं जानता हूं कि मैं आज तक औरतों का एक सामान या उपभोग की वस्तु के रूप में देखता आया हूं पर मेरा यकीन मानो। अब ऐसा बिल्कुल नहीं है।”

“और तुम्हें लगता है कि मेरी तस्वीरें ले कर तुम मुझे भी किसी सामान की श्रेणी में ले आओगे?” मेरे चेहरे का रंग ही उतर गया।

उसने पलकें झपकाईं, वह बहुत ही गहरी उलझन में और परेशान दिखा। ये मैंने क्या कर दिया था।

पहले उसकी मां के बारे में बात हुई। फिर ऑफिस में आग और अब ये सब?

“तुमने ऐसा क्यों कहा।” मुझे लगा कि हम खुश थे। मुझे लगा कि मैं उसे खुश रख रही थी। मैं उसे परेशान नहीं करना चाहती। मेरा दिमाग तेजी से दौड़ने लगा। वह पिछले तीन सप्ताह से डॉक्टर से नहीं मिला है। क्या मुझे उसके डॉक्टर से बात करनी चाहिए? तभी मुझे सब समझ आने लगा- आग, चार्ली टैंगो, जैट स्की…वह डर गया है। वह मेरे लिए भयभीत है। और मेरी त्वचा पर ये निशान देख कर उसे सारी पिछली बातें याद आ रही हैं। वह सारा दिन इसी बात के साथ परेशान रहा है। वह उलझन में है क्योंकि उसने कभी दर्द को महसूस नहीं किया। यह सोच ही मुझे जड़ कर देने के लिए काफी थी। उसने कंधे झटके और एक बार फिर उसकी नजरें मेरी कलाई पर आ टिकीं, जहां उसने मुझे ब्रेसलेट पहनाया था।

“क्रिस्टियन! ये बात इतने मायने नहीं रखती। तुमने मुझे सेफवर्ल्ड दिया था और कल कितना मजा आया। मैंने उसका पूरा आनंद लिया। इस बारे में सोचना बंद करो। मुझे ऐसा सेक्स पसंद है और मैं तुम्हें ये बात पहले भी बता चुकी हूं।” मैं यह कहते-कहते ही लजा गई।

उसने मुझे गहराई से देखा। कह नहीं सकते कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। वह मेरे शब्दों को नाप तौल रहा है।

“क्या तुम्हें आग के लिए चिंता है। क्या ये बात चार्ली टैंगो से संबंध रखती है? क्रिस्टियन! मुझसे बात करो, प्लीज! ”

वह मुझे घूरता रहा और हमारे बीच खामोशी पसरी रही। दोपहर को भी तो यही हुआ था। ओह! शायद वह अब मुझसे बात नहीं करेगा।

“क्रिस्टियन! इस बारे में ज्यादा मत सोचो।” अचानक ही दिमाग में उसके अनुबंध की छवियां तैर गईं। मैंने उसे अनदेखा किया और उसकी गोद से कैमरा ले कर खोल लिया। वह कुछ इस तरह देखता रहा मानो मैं किसी दूसरे ग्रह से आया हुआ कोई जीव हूं। मैं कैमरे को दुकान से ही चलाना सीख कर आई थी इसलिए लैंस हटाते ही कैमरा इस्तेमाल के लिए तैयार था। मैंने बटन दबाया और कुछ ही देर में क्रिस्टियन की दस तस्वीरें खिंच गईं जो अलग-अलग भावों में थीं।

“अब मैं तुम्हें एक वस्तु मान कर तस्वीरें लेने जा रही हूं।” और फिर उसके चेहरे पर मुस्कान आ ही गई। एक छोटी सी मुस्कान, पर मेरे लिए तो वही किसी जन्नत से कम नहीं थी। मैंने एक और तस्वीर ली और इस बार मेरा आनंदी पति लौट आया था। ओह जीसस! उसे आज वापिस आया देखकर इतनी खुशी हुई कि बता नहीं सकती।

“मुझे लगा कि ये मेरा उपहार था।” उसने कहा पर मुझे ऐसा लगा कि यह मुझे चिढ़ाने का बहाना था।

“हां, वैसे औरतों को दबाने का अच्छा तरीका है।” मैंने भी चुटकी ली। उसके चेहरे के भावों को बदलते देर नहीं लगी।

“तुम चाहती हो कि तुम्हारे साथ अत्याचार किया जाए? ”

“जी नहीं जनाब, बिल्कुल नहीं”

“मिसेज ग्रे! मैं यह काम बहुत अच्छी तरह से कर सकता हूं।”

“मुझे पता है मि. ग्रे! और आप करते भी हैं।”

उसका चेहरा उतर गया। ओह! मैंने अपना कैमरा नीचे रखा और उसे देखा।

उसने कुछ नहीं कहा। ओह! हद हो गई। कैसा इंसान है? पल में तोला, पल में माशा

“कुछ तो कहो।”

“कुछ नहीं! ”

उसने झट से कैमरा ले कर नीचे रखा और और मुझे पलंग पर लिटा दिया। फिर साथ आ कर लेट गया।

“हे।” मैंने कैमरा उठा कर उसकी कुछ और तस्वीरें लीं पर अब बाजी उसके हाथ थी।

“तो मिसेज ग्रे! आप चाहती थीं कि मैं आपकी तस्वीरें लूं।” मैं उसके चेहरे पर उड़ते बालों और किशोरों जैसी मुस्कान को देख खिल उठी।

“अच्छा! शुरूआत के लिए बेहतर होगा कि तुम हंस कर दिखाओ।” वह मुझे गुदगुदाने लगा। ओह मां! मेरी तो हालत ही खराब हो गई। उसे रोकना भारी पड़ रहा था। वह फिर से तस्वीरें लेने लगा।

“नहीं! रूको।”

“क्या तुम मजाक कर रही हो।” उसने अपने दोनों हाथ खाली कर लिए ताकि मुझे फिर से गुदगदा सके।

“क्रिस्टियन मत करो।” उसने आज से पहले तो ऐसा कभी नहीं किया था। मैं अपना सिर यहां-वहां पटक रही थी। अपने-आप को बचाने की नाकाम कोशिश कर रही थी पर वह बाज़ नहीं आ रहा था। उसे मेरी हंसी सुन कर मजा आ रहा था। फिर उसने मेरे दोनों हाथ अपने हाथों से दबा लिए और अजीब सी निगाहों से देखने लगा। उन नजरों में क्या था

मेरे लिए प्यार, मान-सम्मान, आश्चर्य! ओह जीसस!

एना. तुम .बहुत. सुंदर. हो.

मैं उसके खूबसूरत चेहरे को देखती रह गई। ऐसा लग रहा था मानो वह मुझे पहली बार देख रहा हो। उसने मेरी पलकें चूम लीं और मैं भी उसके साथ रौ में बह गई। मानो हम दोनों पहली बार मिल रहे हों। उसने मेरे हाथ छोड़े और मेरे बालों में अपने हाथ घुमाने लगा। मेरा पूरा शरीर उसके चुंबन की प्रतिक्रिया में तड़प रहा था। अंदर ही अंदर जैसे कोई आग सुलग उठी थी।

ओह फिफ्टी! तुमने मुझे ये क्या कर दिया है?

वह मेरे ऊपर आ गया और बांहों में भर लिया। वह मेरे एक-एक अंग को अपने हाथों से सहलाने लगा। बदन पर उसके उभार को भी महसूस कर सकती थी। पता नहीं क्यों, दिमाग में एक ही बात बार-बार आ रही थी कहीं कुछ गलत हो रहा है। पर मैंने उस अंदेशे को दूर भटका दिया क्योंकि उस समय उसे मेरी और मुझे उसकी जरूरत थी। मैंने खुद को उसके जुनून के हवाले कर दिया। जब भी वह मुझसे अपने दिल की बात कहना चाहता है तो यह उसका सबसे प्यारा तरीका होता है। मैंने भी उसके बालों को कस कर थामा और एक जोरदार चुंबन से प्रत्युत्तर दिया। उसका स्वाद कितना अच्छा और मेरे क्रिस्टियन की गंध भी कितनी मीठी है।

अचानक ही उसने मुझे पलंग से उठा कर अपने सामने खड़ा कर दिया। मेरे शॉर्टस के बटन खोले और झट से उन्हें उतार दिया। इससे पहले कि मैं सांस ले पाती। मैं एक बार फिर उसके नीचे दबी, पलंग पर पड़ी थी। उसने अपनी पैंट की जिप खोली पर मेरी टी-शर्ट नहीं उतारी। इसके बाद उसने मेरे भीतर उतरने में एक पल की भी देरी नहीं की। मैं अब भी उसके भिंचे दांतों से आते सांसों के स्वर सुन सकती हूं।

“हां” वह मेरे कान के पास आ कर बोला। फिर उसने मेरे भीतर गहराई से जाना चाहा और मैं चिहुंक उठी।

“मुझे तुम्हारी जरूरत है।” मैं उसकी इस इच्छा, इस लालसा को समझ सकती थी। उसने मेरे होठों व गालों को प्यार से काटा और बहुत ही गहराई से चूम लिया। मैंने अपनी टांगें उसके आसपास लपेट लीं। मैं उसके भीतर से चिंता के एक-एक कतरे को धो-पोंछ कर बहा देना चाहती हूं। वह इस तरह हिल रहा है मानो अपने-आप को मेरे भीतर बसा देना चाहता है। बार-बार एक आदिम भाव से बढ़ रही इस गति के बीच मानो मैं भी कहीं झूमने लगी हूं। पल भर के लिए फिर से चिंता हुई कि ऐसा क्या है जो उसे खाए जा रहा है पर मेरा शरीर मन पर हावी हो गया और मैं भी उसके साथ इस सुख की लालसा में बहती चली गई। उसके तीखी सांसें बार-बार मेरे कानों से टकरा रही हैं। मैं जानती हूं कि वह मेरे भीतर बहुत गहराई तक उतर गया है और इसके साथ ही मेरे मुंह से एक सिसकारी निकली। ये सब कितना कामोत्तेजक है। वह मुझे चाहता है। मैं पहुंच रही हूं….मैं भी पहुंच रही हूं…वह मुझे अपने साथ लिए जा रहा है….. वह मुझे अपने साथ कहीं दूर लिए जा रहा है…. मैं यह सब चाहती हूं….मुझे ये बहुत भाता है…क्योंकि यह उसके व मेरे आनंद के लिए है।

“मेरे साथ ही डूब कर उतरो।” उसने कहा और हम दोनों एक साथ उन अंधी गलियों से बाहर आए।

“आंखें खोलो। मैं तुम्हें देखना चाहता हूं।” मेरी पलकें झपकीं और फिर मैं उसे देखने लगी।

“ओह एना! हम दोनों एक साथ चरम सुख तक पहुंचे।” वह पलट गया और मैं उसके ऊपर आ गई। इसके बाद मैं अभी उपभोग और शोषण वाले मसले पर अपने विचार रखना चाहती थी पर कह नहीं सकते कि उसका मूड कैसा था। उसने अपनी बांहों में मुझे कस कर थाम लिया। मैंने पतली कमीज से झांकती छाती को चूम लिया।

“क्रिस्टियन! मुझे बताओ कि हुआ क्या है?”

मुझे लगा कि सेक्स के बाद शायद वह बताना चाहे पर उसने बांहें और कस लीं पर मुंह नहीं खोला।

“मैंने शादी के समय कसम खाई थी कि दुख और सुख में तुम्हार साथ दूंगी। हर अच्छे और बुरे वक्त में साथ रहूंगी।” मैंने धीरे से कहा

“मैंने वादा किया था कि मैं तुम्हें बिना किसी शर्त के प्यार दूंगी। तुम्हारे सपनों व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करूंगी। तुम्हें मान-सम्मान दूंगी। जरूरत के समय दिलासा दूंगी।” मैंने उम्मीद की कि शायद
अब वह बोलेगा पर उसने कुछ नहीं कहा

“ओह एना! ” वह मेरे साथ लेट गया और हाथ से मेरा गाल सहलाने लगा।

“मैंने कसम खाई थी कि मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा। तुम्हें हमेशा अपने दिल में सहेज कररखूंगा। तुम्हें पूरे दिल से प्यार करूंगा। अच्छे-बुरे वक्त और हर सुख-दुख में साथ निभाऊंगा। तुम पर भरोसा करते हुए, पूरा मान-सम्मान दूंगा। जरूरत पड़ने पर तुम्हें दिलासा दूंगा। तुम्हारा सहारा बनूंगा। तुम्हारे सपनों व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हुए, हमेशा तुम्हारी सलामती का ध्यान रखूंगा।”

मेरी आंखों से आंसू झरने लगे। वह मुझे ही ताक रहा था

“रोना बंद करो।” उसने मेरे आंसू पोंछ दिए।

“तुम मुझे कुछ बताते क्यों नहीं, क्रिस्टियन?”

उसने आंखें बंद की लीं मानो गहरी पीड़ा में हो।

“मैंने कसम खाई थी कि सुख-दुख में तुम्हारा साथ दूंगी। कम-से-कम मेरी कसम तो मत टूटने दो।” मैंने विनती की।

उसने आह भरी। आखें खोलीं और बोला। “वह आरसन है।”

“ओह! ”

मेरी सबसे बड़ी चिंता ही सामने आ गई । दरअसल उसे मेरे लिए डर है। उसे डर है कि कहीं उसके कारण मुझे कुछ न हो जाए।

मैं उसके डर के पीछे छिपे कारण तक पहुंच गई थी। मैंने उसका चेहरा सहलाया।

“धन्यवाद!” मैंने हौले से कहा

उसने भवें सिकोड़ीं। “किसलिए ”

“मुझे बताने के लिए ”

उसने गर्दन हिलाई और होठों पर एक भूतिया मुस्कान खेल गई।

“मिसेज ग्रे! आपको बात निकलवाना आता है।”

“और तुम्हें भी अपनीं चिंताओं के साथ अंदर ही अंदर गलना आता है। हो सकता है कि तुम चालीस से पहले ही हार्ट अटैक से चल बसो और मैं तुम्हें अधिक से अधिक समय तक अपने पास रखना चाहती हूं।”

“तुम ही मेरी मौत का कारण बनोगी। जब तुम्हें जैट स्की पर देखा था। बस मेरा हार्ट फेल होने ही वाला था।” मैंने उसे इस बात के साथ कांपते हुए देखा।

“क्रिस्टियन! ये एक जैट स्की है। बच्चे भी इसकी सवारी कर लेते हैं। क्या तुम कल्पना कर सकते हो कि जब मैं एस्पेन में पहली बार स्की करूंगी तो तुम्हें कैसा लगेगा?”

“क्या हमारे यहां?”

“हां, मैं अब छोटी नहीं हूं। जितनी कमजोर दिखती हूं। वैसी नहीं हूूं। तुम ये बात कब सीखोगे?”

उसने कंधे झटके और चेहरा उतर गया। मैंने बात बदलने की सोची।

“तो आग। क्या पुलिस आरसन के बारे में जानती है?”

“हां, उसके भाव गंभीर हैं।”

“बढ़िया”

“सिक्योरिटी का घेरा और कसने जा रहा है।”

“मैं समझ सकती हूं।” वह अब भी अपने शॉर्ट और शर्ट में है और मैंने टी-शर्ट पहन रखी है। पता नहीं हम क्या-क्या बातें कर रहे हैं। मुझे अचानक ही हंसी आने लगी।

“क्या हुआ?”

“तुम?”

“मैं क्या?”

“तुम अब तक कपड़ों में हो।”

ओह। उसने खुद को देखा और उसके चेहरे पर भी मुस्कान खेल गई।

“मिसेज ग्रे! ” जब तुम किसी स्कूली लड़की तरह खिलखिलाती हो तुमसे दूर रहना भारी हो जाता है।

ओह हां। गुदगुदी। मैं उसके पास पहुंची तो उसने मेरी मंशा भांप कर झट से मेरी कलाईयां थाम लीं।

“नहीं, ” उसने कहा और उसकी इस बात का मतलब था।

मैंने उसे चिढ़ाया पर जान गई कि वह इसके लिए तैयार नहीं था।

“प्लीज मत करो। मैं इसे सह नहीं सकता। मुझे बचपन में कभी किसी ने गुदगुदी नहीं की।

मैं कैरिक को इलियट और ईया के साथ ऐसा करते देखता था। देख कर मजा आता था पर मैं…मैं।”

मैंने उसके होठों पर अंगुली रख दी। “चुप रहो। मैं सब जानती हूं।”

फिर मैं उसकी छाती पर सिमट आई और मन में वही दर्द से भरा गुबार पैदा हो आया। मैं जानती थी कि मैं इस आदमी के लिए कुछ भी कर सकती थी क्योंकि मैं इससे बहुत प्यार करती थी।

उसने मेरे गले में बांहें डालीं और बालों में नाक फिराते हुए, पीठ पर हाथ फिराने लगा। मैंने अचानक ही हमारे बीच छाई चुप्पी को तोड़ दिया।

“तुम्हें डॉक्टर से मिले कितना अरसा हो गया?”

“करीब दो सप्ताह। क्या सचमुच मुझे गुदगुदी करना चाहती हो?”

“नहीं। मुझे लगा कि शायद वह मदद कर सके।”

“उसे करनी ही चाहिए। बहुत पैसे लेता है।”

“क्या तुम सचमुच मेरी चिंता करती हो?”

“मि. ग्रे! हर पत्नी अपने पति की भलाई के लिए ऐसा ही चाहती है।”

“क्या तुम बाहर खाने के लिए जाना चाहोगी?”

“जैसे तुम्हारा दिल चाहे।”

“बढ़िया! वहां मैं तुम्हें सुरक्षित रख सकता हूं। मेरे उपहार के लिए धन्यवाद।” उसने कैमरा हाथ में लिया और पलंग पर आरामदेह मुद्रा में पसरे पति-पत्नी की तस्वीर खींच ली।


हम वर्सेल्स के अठारहवीं सदी के भव्य महल में घूम रहे हैं। उन सम्राटों ने इस स्थान को बहुत ही आलीशान बना दिया था पर कुछ ही समय में सब समाप्त हो गया। मुझे तो हॉल ऑफ मिरर्स सबसे ज्यादा पसंद आया। दोपहर से पहले की धूप, पूरब की ओर लगे दर्पणों पर पड़ते हुए, अंदर की कारीगरी को सजा रही थी और बड़े-बड़े फानूस देख कर तो दंग रह जाना पड़ता है। देखकर दिल खुश हो गया।

“एक सीईओ को चीजों में भी रुचि हो सकती है। देख कर हैरानी हुई।” उसने अपनी गर्दन हिलाते हुए मुझे कौतुक से देखा

“आपने कुछ कहा”

“जी नहीं! बस जरा निरीक्षण कर रही थी।”

मेरे पति ने भी उसी बेकरारी से मुझे ताका जिस तरह मैं उन्हें देख रही थी।

“मैं तुम्हारे लिए भी ऐसा ही महल बनवाऊंगा। मैं देखना चाहता हूं कि जब वहां से छन कर आ रही रोशनी तुम्हारे बालों पर पड़ेगी तो कैसी लगेगी?”

“तुम किसी एंजिल की तरह लग रही हो।” उसने मुझे कान के पास चूम लिया और हाथों में हाथ ले कर कहा, “मर्द जिस औरत से प्यार करता है। उसके लिए तो कुछ भी कर सकता है।”

उसके शब्दों से मेरे चेहरे की लाली और भी गहरा गई।


“तुम क्या सोच रही हो। क्रिस्टियन ने लंच के बाद कॉफी के दौरान पूछा

“वर्सेल्स सचमुच अद्भुत था। एक हनीमूनर लड़की भला इससे अधिक और क्या चाह सकती है।”

“अच्छा जी।”

“बेशक! ”

“हमारे पास केवल दो दिन बचे हैं। क्या तुम कुछ और देखना चाहोगी?”

“बस तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं।” वह पास आया और माथा चूम लिया।

“क्या तुम मेरे बिना एक घंटा बिता सकती हो। मुझे कुछ मेल देखने हैं और घर का हाल लेना है।”

“बेशक। मैंने अपनी मायूसी छिपा कर कहा। क्या ये अजीब नहीं है कि मैं अपना हर पल उसके साथ बिताना चाहती हूं।

मैंने केबिन में आ कर अपना लैप खोल लिया। मॉम और केट के मेल हैं। घर की और यहां-वहां की ताजा खबरें लिखी हैं। वे हनीमून के बारे में जानना चाहती हैं। मैंने ज्यों ही मॉम का जवाब लिखा तभी केट का मेल आ गया।


फ्रॉम: कैथेरीन एल कैवेना

सब्जैक्ट: ओ एम जी!!!

डेट: 17 अगस्त 2011 11:45

टू: एनेस्टेसिया ग्रे

एना हाल ही में क्रिस्टियन के ऑफिस में लगी आग के बारे में सुना।

क्या ये आरसन का काम लगता है?

केट


केट ऑनलाइन है। मैंने झट से स्काइप पर मैसेज टाइप किया

एना: क्या तू वहां है?

केट: हां एना, तू कैसी है? हनीमून कैसा रहा? क्या मेरा मेल देखा? क्या उसे आग के बारे में पता है?

एना: मैं ठीक हूं। हनीमून बढ़िया रहा। हां, मैंने मेल देखा। हां, वह जानता है।

केट: वही मैं सोच रही थी। ये खबर बड़ी है पर इलियट मुझे नहीं बताने वाला।

एना: क्या तू कहानी बनाने के चक्कर में है?

केट: तू तो मुझे जानती है

एना: उसने मुझे भी ज्यादा नहीं बताया।

केट: इलियट ने ग्रेस से सुना

अरे नहीं। मुझे नहीं लगता कि क्रिस्टियन इस खबर को पूरे शहर में फैलाना चाहेगा। मैंने कैवेना को उसकी ही बातोें जाल में उलझा कर ध्यान बंटाने की तकनीक चालू की

एना: इलियट और ईथन कैसे हैं?

केट: ईथन को सिएटल में मास्टर डिग्री के लिए साइको कोर्स में दाखिला मिल गया। इलियट बहुत प्यारा है।

एना: ईथन बहुत आगे तक जाएगा

केट: तेरा प्यारा एक्स-डोम कैसा है?

एना: केट!

केट: एना क्या?

एना: तू जानती है क्या?

केट: अच्छा सॉरी

एना: वह ठीक है। बहुत मजे में है।

केट: तू खुश तो मैं भी खुश

एना: मैं तो परमानंद में हूं।

केट: मुझे जाना होगा। फिर बात करेंगे। बाय

एना: देख लेना कि मैं ऑनलाइन हूं या नहीं। टाइम जोन का पंगा है।

केट: हां, लव यू एना

एना: लव यू टू। मिलते हैं।

केट: अच्छा

मैंने झट से चैट बंद कर दी। क्रिस्टियन को अपने बारे में लिखी हुई ऐसी बात कभी पसंद नहीं आएगी। अभी तो ये भी पता नहीं चला कि वह पूरी तरह से एक्स-डोम बना है या नहीं।

मैंने आह भरी। केट तो सब जानती है। किसी के साथ बात करके मन को कितना सुकून मिला था।

मैंने घड़ी देखी। डिनर किए घंटा हो गया था और मुझे मेरे पति की याद सताने लगी थी। मैंने जा कर देखने की सोची कि उसका काम खत्म हुआ या नहीं।


मैं हॉल ऑफ मिरर्स में हूं और वह मेरे साथ खड़ा है। वह किसी एंजिल की तरह दिख रहा है। उसकी नजरों में मेरे लिए प्यार ही प्यार है। उस कमरे में कोई नहीं है। तभी वह मेरे पास से दूर जाने लगता है। वह अकेला है उसकी अपनी परछाई तक नहीं है। मैं चिल्लाती हूं और चिहुंक कर जग जाती हूं।

वह मुझे अपनी बांहों में लेता है। क्या हुआ! ये क्या मैं तो रो रही थी। वह मेरे पास है। वह ठीक है। मैं बुरा सपना देख रही थी।

उसने मेरा माथा चूमा और बोला, “मैं हूं न। मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा।”

मैंने उसकी गंध को अपनी सांसों में महसूस किया और सपने को भुलाने लगी। उससे दूर जाना या उसे खोने का भय ही मेरे लिए सबसे बड़ा भय था।