Shakti Peetha: कुछ स्थान ऐसे होते हैं जो केवल आँखों से नहीं, आत्मा से देखे जाते हैं। शक्तिपीठ भी वैसे ही हैं। वे हमें स्मरण कराते हैं कि शक्ति बाहर नहीं, हमारे भीतर है। वे ठहराव की, पुनर्जन्म की जगहें हैं जहाँ आप अपनी ही खोई हुई आवाज़, भूली हुई शक्ति को फिर से पा सकती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सती के अंग जहाँ-जहाँ गिरे, वहाँ शक्ति स्थिर हो गई। और हर शक्तिपीठ हमारे जीवन के किसी अनकहे पहलू का प्रतीक है दर्द, प्रेम, भय, या स्वतंत्रता।
हर महिला को अपने जीवन में एक बार इन स्थानों पर अवश्य जाना चाहिए ना केवल देवी की पूजा के लिए, बल्कि खुद से मिलने के लिए।
तारापीठ, पश्चिम बंगाल

अगर अंधकार से आपका परिचय नहीं हुआ है, तो शायद आपने अपने भीतर की पूरी ताकत को नहीं पहचाना। तारापीठ वह स्थान है जहाँ डर को छुपाया नहीं जाता स्वीकारा जाता है।
श्मशान के पास बसा यह मंदिर सिखाता है कि अंधेरे से लड़ने की जरूरत नहीं, उसे समझने की जरूरत है। क्योंकि कई बार, सबसे बड़ी रोशनी हमारे सबसे गहरे अंधेरे से ही फूटती है।
ज्वालाजी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
यह मंदिर एक जीती-जागती आग है। यहाँ बिना किसी ईंधन के अग्नि जलती है जैसे भीतर की इच्छा, भीतर की पुकार। ज्वालाजी हमें सिखाती हैं कि हमारी आवाज़, चाहे कितनी भी धीमी लगे, एक आग है। वह आवाज़ सिर्फ अपने लिए नहीं, दूसरों के अंधेरे को भी रोशन करने के लिए है। चुप रहने का आग्रह त्यागिए बोलिए, और दुनिया में अपनी ज्योति फैलाइए।
कालका मंदिर, दिल्ली

शोर के बीच शांति खोजना अपने आप में एक साधना है। कालका मंदिर, दिल्ली की भीड़ के बीच एक स्थिरता का प्रतीक है। यहाँ देवी का चरण विराजमान है, जो हमें सिखाता है कि साधारणता में भी परमात्मा का वास है। हर छोटा कार्य, हर छोटी भक्ति, हर छोटा संघर्ष दिव्यता की ओर एक कदम है।
कामाख्या मंदिर, असम

कामाख्या वह स्थान है जहाँ सृजन का हर चक्र पवित्र माना जाता है। यहाँ देवी के योनि भाग का पूजन होता है जीवन का स्रोत। मासिक धर्म जिसे अक्सर लज्जा का विषय बना दिया जाता है, यहाँ वह गर्व का प्रतीक बनता है। कामाख्या जाकर आप यह महसूस करती हैं कि आपका शरीर कोई कमजोरी नहीं, बल्कि ऊर्जा का ज्वार है। यह एक गहरी, आंतरिक स्वीकृति की यात्रा है।
वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर
वैष्णो देवी का सफर थकान का नहीं, समर्पण का है। जब आप चढ़ाई करती हैं, हर कदम के साथ अपने भीतर के बोझ को उतारती हैं। देवी स्वयं तीन रूपों में उपस्थित हैं काली की शक्ति, लक्ष्मी की कृपा और सरस्वती का ज्ञान। यह स्थान बताता है कि आप कई रूपों में जी सकती हैं। आप कभी एक स्तंभ बन सकती हैं, कभी एक नदी की तरह बह सकती हैं।
अगर आप इन स्थानों में से किसी एक में कुछ देर भी खुले दिल और खुली आँखों से खड़े रहें, तो शायद आप उन्हें महसूस कर सकें। बिजली की चमक या चमत्कारों के रूप में नहीं, बल्कि कुछ और गहरे, कुछ और शांत रूप में।
