महिलाओं को क्यों नहीं पहननी चाहिए सोने की बिछिया? चांदी की बिछिया के क्या हैं फायदे: Benefits of silver toe ring
सुहागन महिलाओं के लिए बिछिया का खास महत्व है। कभी भी सोने की बिछिया को पैरों में नहीं पहनना चाहिए। जबकि चांदी की बिछिया को पैरों में पहनना फायदेमंद माना गया है। जानिए इस बारे में विस्तार से।
Silver Toe Ring Benefits: भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं और कई त्यौहार मनाए जाते हैं। हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं जो अलग-अलग रीति-रिवाजों को मानते हैं। हिन्दू शास्त्रों में ऐसी कई चीजों के बार में बताया गया है, जिनका पालन लंबे समय से किया जाता रहा है। हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ खास नियम जरूरी बनाए गए हैं जैसे श्रृंगार। श्रृंगार में गहनों का खास महत्व है। हिंदी धर्म के अनुसार बिछिया सुहागिन महिलाओं को अवश्य पहननी चाहिए। यह उनके सुहाग की निशानी होती है। लेकिन, ऐसा भी माना गया है कि यह बिछिया हमेशा चांदी की होनी चाहिए। सोने की बिछिया पैरों में पहनना अशुभ माना गया है। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।
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महिलाओं को क्यों नहीं पहननी चाहिए सोने की बिछिया?

जैसा की पहले ही बताया गया है कि पैरों की उंगली और अंगूठे में पहनी बिछिया सुहाग की निशानी है। लेकिन, सोने की बिछिया को पैरों में पहनना अशुभ माना गया है। हिंदी शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को सिर से लेकर कमर तक ही सोना पहनना चाहिए। ऐसा माना गया है कि सोना मां लक्ष्मी से जुड़ा होता है जबकि चांदी चंद्र ग्रह का प्रतीक है। ऐसे में, मां लक्ष्मी से जुड़े होने के कारण इसे पैरों में कभी नहीं पहनना चाहिए। ऐसा करना मां लक्ष्मी का अपमान होता है। यही नहीं, पैरों में सोने की बिछिया पहनने से वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है। ऐसा भी माना जाता है कि चांदी ठंडी होती है, इसलिए अगर उसे पैरों में पहना जाए तो यह फायदेमंद रहती है।
चांदी की बिछिया पहनने के फायदे
ऐसा माना जाता है सोना गर्म होता है, जबकि चांदी ठंडी होती है। इसलिए कमर के ऊपर के हिस्से में सोना पहनना चहिये जबकि कमर के नीचे चांदी पहनने की सलाह दी जाती है। इसके फायदे इस प्रकार हैं:
- सकारात्मक एनर्जी– चांदी की बिछिया पहनने से हमारे शरीर को ठंडक मिलती है, जिससे उनमें सकारात्मक एनर्जी का संचार होता है। यही नहीं, पैरों में चांदी के बिछिया पहनने से ब्लड प्रवाह सही रहता है जिससे डिप्रेशन से भी आराम मिलता है।
- मासिक धर्म रेगुलर रहता है– ऐसा भी माना गया है कि रोजाना चांदी की बिछिया बनने से महिलाओं के पीरियड्स सही रहते हैं। यह बात साइंटिस्ट भी मानते हैं।
- मांसपेशियों के लिए फायदेमंद- चांदी से बनी बिछिया पहनने से पैरों से लेकर नाभि तक की सभी मांसपेशियां और नाड़ियां सही रहती हैं और सही से काम करते हैं। जिससे कई रोगों से बचा जा सकता है।
- शांत रखे– चांदी की बिछिया पहनने से शरीर में ठंडक रहती है। यही नहीं, इससे शांत और फ्रेश महसूस करने में भी मदद मिलेगी। आयुर्वेदा के अनुसार बिछिया पहनने से महिलाओं को गर्भ धारण करने में मदद मिलती है।
यही नहीं, शोध यह भी बताते हैं कि बिछिया को अंगूठे के साथ वाली उंगली में पहनना चाहिए। यह उंगली की नस यूट्रस यानी गर्भाशय से जुडी होती है। ऐसे में इसे पहनने से ब्लड प्रेशर सही रहने में मदद मिलती है। बिछिया को लेकर कुछ अन्य नियम भी हैं जैसे किसी भी महिला को किसी और की बिछिया नहीं पहननी चाहिए, न ही अपनी बिछिया को किसी अन्य को देना चाहिए। ऐसा करने से आपके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। महिला के पति के लिए भी यह अशुभ माना जाता है।
