Shani Dev
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Shani Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है। जिस भी व्यक्ति पर शनि देव की कृपा बनी रहती है उस व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है, वही जिस व्यक्ति पर शनि देव की साडेसाती लगी होती है उस व्यक्ति के जीवन में अनेक परेशानी आती है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साडेसाती या शनि की ढैया रहती है उस व्यक्ति को जीवन में अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे आर्थिक, मानसिक, पारिवारिक, साथ ही साथ शारीरिक समस्याएं भी झेलनी पड़ती है। वही बहुत लोगों का यह सवाल भी रहता है कि शनि की साढ़ेसाती के दौरान किया सोना पहनना गलत है या सही? अगर आपके भी मन में अक्सर यह सवाल घूमता रहता है तो आज हम आपको इस लेख के द्वारा विस्तार से बताएंगे कि आखिर क्यों शनि की साढ़ेसाती के दौरान सोना नहीं पहनना चाहिए।

शनि ग्रह को ज्योतिष में कर्मफल दाता माना जाता है। जब शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि से ढाई राशि आगे या पीछे आ जाता है, तो उस अवधि को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। यह अवधि लगभग सात साल की होती है, जिसमें तीन चरण होते हैं – ढैय्या, अढ़ैया और सातवां साल। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव व्यक्ति की जन्मकुंडली और शनि की स्थिति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, इस अवधि में व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि करियर में बाधाएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, धन संबंधी परेशानियां, पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव। हालांकि, शनि की साढ़ेसाती को केवल बुराई नहीं मानना चाहिए। यह आत्मनिरीक्षण और कर्म सुधार का समय भी हो सकता है। इस अवधि में, व्यक्ति को शांत रहना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए और अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।

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शनि की साढ़ेसाती के दौरान क्यों नहीं पहनना चाहिए सोना

ज्योतिष शास्त्र में, शनि की साढ़ेसाती के दौरान सोना धातु पहनने की सलाह नहीं दी जाती है। इसका मुख्य कारण यह माना जाता है कि सोना सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि शनि ग्रह सूर्य के पुत्र हैं। ज्योतिष में, पिता और पुत्र के बीच ग्रहों की स्थिति को ‘शत्रु’ माना जाता है। इस मान्यता के अनुसार, जब कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से गुजर रहा होता है, तो उस समय सोना पहनने से शनि ग्रह नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं और अशुभ फल दे सकते हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि इससे व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, धन हानि, करियर में बाधाएं, पारिवारिक कलह, और मानसिक तनाव।

शनि की साढ़ेसाती के दौरान किस धातु को करना चाहिए धारण

ज्योतिष शास्त्र में, शनि की साढ़ेसाती के दौरान लोहे को एक शुभ धातु माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि लोहा शनि ग्रह को शांत करता है और उसके नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। ज्योतिषियों का मानना है कि लोहे की अंगूठी या अन्य लोहे की वस्तु धारण करने से शनि ग्रह शांत होता है और उसके नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। लोहे को राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी सहायक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में लोहे को एक सकारात्मक धातु माना जाता है जो धारक को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...