भोजपुर में स्थित भोजेश्वर महादेव मंदिर क्यों है खास, घूमने की जानकारी: Bhojeshwar Mahadev Temple
Bhojeshwar Mahadev Temple

भोजेश्वर महादेव मंदिर की ख़ास बात

इस जगह पर अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करते हैं। यह मंदिर देश के उन थोड़े से गिने चुने मंदिरों में से है जो अपनी अपूर्णता के लिए जाना जाता है।

Bhojeshwar Mahadev Temple: भोजपुर में स्थित भोजेश्वर महादेव मंदिर हमारे देश के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में आता है। जिसकी वजह से इस जगह पर देश भर से सैलानी आते हैं। वह इस जगह पर अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करते हैं। यह मंदिर देश के उन थोड़े से गिने चुने मंदिरों में से है जो अपनी अपूर्णता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर अधूरा बना हुआ है पर ऐसा क्यों है यह बात हममें से किसी को भी नहीं पता है। इस दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है। इस जगह पर आपको ज़रूर जाना चाहिए। अपूर्ण होते हुए भी आपको यह मंदिर सुंदर दिखाई देगा। इस जगह पर देश भर से आए सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। 

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भोजपुर में स्थित भोजेश्वर महादेव मंदिर क्यों है खास, घूमने की जानकारी: Bhojeshwar Mahadev Temple
Bhojeshwar Mahadev Temple

भोजेश्वर महादेव मंदिर के निर्माण के लिए कई तरह की बातें की जाती हैं। यह मंदिर एक हज़ार साल से भी कहीं ज़्यादा पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मध्य भारत के परमार वंशीय राजा भोजदेव एक अच्छे शासक के साथ कला, स्थापत्य व विद्या के महान ज्ञानी थे। उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर की बनावट और वास्तुकला को देखकर सैलानी ख़ुश हो जाते हैं। 

story of Bhojeshwar Mahadev temple
Mythological story of Bhojeshwar Mahadev temple

भोजेश्वर महादेव मंदिर को लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएँ प्रचलित है। कई कहानियों में ऐसा भी ज़िक्र मिलता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने एक रात में किया था। कई जगहों पर इस बात का भी ज़िक्र मिलता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान माता कुंती के साथ यहीं आसपास के वनों में रहा करते थे। इसी दौरान भीम ने इस मंदिर का निर्माण किया। शिवलिंग की स्थापना कि ताकि माता कुंती बेतवा नदी में स्नान कर भोलेनाथ के दर्शन कर सकें।

Bhojeshwar temple
The story of Bhojeshwar temple being built in one night

इस मंदिर के अपूर्ण होने को लेकर आज तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? ऐसे में हो सकता है कि इस मंदिर को बनाने में एक दिन का संकल्प लिया गया हो या फिर कोई विवशता। ऐसे में सुबह हो जाने के कारण मंदिर का कार्य रोक दिया गया हो और मंदिर अपूर्ण रह गया हो। मंदिर के आसपास देखने पर आपको कई ऐसे पिलर व मूर्तियां दिखाई देंगी, जो इस मंदिर के अपूर्ण होने की गवाही देती है।

Shivlingas
One of the largest Shivlingas in the world

भोजेश्वर मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंग में से एक है। यह शिवलिंग लगभग 22 फीट ऊंचा है। इतने बड़े शिवलिंग हमारे देश में बहुत ही कम हैं। इस शिवलिंग का व्यास 7.5 फीट का है जो काफ़ी जगह घेरता है। इस शिवलिंग की सबसे खास और अनोखी बात यह है कि इसे एक ही पत्थर से निर्मित किया गया है। इस शिवलिंग को बनाने में चिकने बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। इस जगह पर आपको आना चाहिए। इस जगह पर आप भगवान शिव के दर्शन करने के साथ इस मंदिर की वास्तुकला को भी देख सकते हैं। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...