Summary:कौन हैं डॉ. शिवरंजनी संतोष, जिनकी वजह से अब नहीं बिकेंगे फेक ORS
भारत में नकली ORS ड्रिंक्स पर अब रोक लगा दी गई है। डॉ. शिवरंजनी संतोष की 8 साल की मेहनत के बाद FSSAI ने आदेश दिया है कि अब कोई भी कंपनी WHO के मानकों के बिना अपने प्रोडक्ट को ‘ORS’ नहीं कह सकेगी।
ORS New Rule: भारत में खाने-पीने की चीज़ों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। लंबे समय से लोगों की यह शिकायत थी कि कई कंपनियां अपने मीठे ड्रिंक्स और जूस को ‘ORS’ (Oral Rehydration Salts) के नाम पर बेच रही थीं। इससे उपभोक्ताओं को यह गलतफहमी होती थी कि ये सेहत के लिए फायदेमंद हैं, जबकि असल में इनमें बहुत अधिक चीनी होती थी, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अब इस पर रोक लगाने के लिए FSSAI ने सख्त कदम उठाया है। यह बड़ा बदलाव एक महिला शिवरंजनी संतोष की लगातार मेहनत और संघर्ष की वजह से संभव हुआ है। अब आप भी जानना चाहेंगे कि आखिर ये नया नियम क्या है और ये महिला कौन हैं और इन्होंने इसके खिलाफ किस तरह आवाज उठाई तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।
FSSAI का नया नियम
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अब इस पर सख्त कार्रवाई की है। 14 अक्टूबर 2025 को FSSAI ने आदेश जारी किया कि अब कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट पर ‘ORS’ या ‘Oral Rehydration Salts’ नहीं लिख सकती, अगर वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तय मानकों के अनुसार नहीं बना है। इस आदेश के साथ FSSAI ने पहले दिए गए सभी पुराने परमिशन रद्द कर दिए हैं। यानी अब कोई कंपनी डिस्क्लेमर देकर भी ORS नाम का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी।
कौन हैं डॉ. शिवरंजनी संतोष?
डॉ. शिवरंजनी संतोष हैदराबाद की एक जानी-मानी पेडेट्रिशियन हैं। उन्होंने देखा कि बहुत सी कंपनियां मीठे ड्रिंक्स और फलों के जूस को ORS बताकर बेच रही थीं। इससे माता-पिता को लगता था कि ये पेय बच्चों के लिए अच्छे हैं। लेकिन असल में ये ड्रिंक्स में चीनी की मात्रा बहुत अधिक थी और इनका सोडियम, पोटैशियम और ग्लूकोज़ का संतुलन WHO के मानकों से बिल्कुल अलग था।
डॉक्टर की 8 साल की लंबी लड़ाई
डॉ. संतोष ने इस गलत चीज को रोकने के लिए लगातार 8 साल तक संघर्ष किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाया और फिर 2022 में तेलंगाना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। उन्होंने अपनी याचिका में बताया कि ये मीठे ड्रिंक्स बच्चों और डायबिटीज़ के मरीजों के लिए खतरनाक हैं, क्योंकि इनमें शुगर बहुत ज्यादा और नमक व खनिज बहुत कम होते हैं।
अदालत की कार्रवाई
डॉक्टर संतोष की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया। इसके बाद 2022 में FSSAI ने कंपनियों को चेतावनी दी कि वे ORS नाम का गलत इस्तेमाल न करें। हालांकि बाद में कुछ कंपनियों के विरोध के कारण नियमों में ढील दी गई थी। लेकिन डॉ. संतोष ने हार नहीं मानी और लगातार इस मामले को उठाती रहीं। आखिरकार 14 अक्टूबर 2025 को FSSAI ने सख्त आदेश जारी कर दिया और सभी कंपनियों के लिए यह नियम तुरंत लागू कर दिया।
WHO का ORS फॉर्मूला और फायदे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, असली ORS में 1 लीटर पानी में 2.6 ग्राम नमक, 1.5 ग्राम पोटैशियम क्लोराइड, 2.9 ग्राम सोडियम साइट्रेट, और 13.5 ग्राम ग्लूकोज़ (चीनी)। ORS पीने से शरीर में पानी और नमक की कमी जल्दी पूरी हो जाती है। यह डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से बचाने में बहुत असरदार है, खासकर जब दस्त, उल्टी, बुखार या धूप के कारण शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है।
