Coffee Raves
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Coffee Raves Trend: मेट्रो शहरों में देर रात चलने वाली पार्टी के बारे में सब जानते हैं, लेकिन अब एक नया ट्रेंड आया है। और यह ट्रेंड रात वाली पार्टी का नहीं बल्कि दिन की पार्टी का है। इस ट्रेंड को कॉफी रेव्स कहा जा रहा है। इसके मद्देनजर भीड़-भाड़ वाले नाइटक्लब और देर रात की पार्टियों को भूल कर सूरज की रोशनी, एस्प्रेसो शॉट्स और कैफे के अंदर धुनों के साथ शुरू हो रहा है। कॉफी रेव्स कभी यूरोपीय बेकरी में अन्डरग्राउन्ड घटना हुआ करती थी, जो अब ऑफिशियल तरह से भारत के मेट्रो शहरों में आ गया है।

बेंगलुरू से मुंबई, सूरत से इंदौर तक, अब यहां के कैफे सुबह के समय डांस फ्लोर में बदल रहे हैं। अल्कोहल की जगह कॉफी, क्लब की धीमी रोशनी की जगह दिन की नैचुरल रोशनी और आधी रात वाली पार्टी को भूल कर लंच से पहले अपने शरीर को थिरकने दें। डीजे के साथ शानदार गाने और कॉफी सर्व वाले बरिस्ता के साथ यह नया ट्रेंड भारत में पार्टी करने के तरीके में एक क्रांति से कम नहीं है।

कॉफी रेव्स नाइटक्लब की एनर्जी को आपके फेवरेट कैफे के कम्फर्ट के साथ मिलाते हैं। ये बिना अल्कोहल वाले ईवेंट अमूमन सुबह जल्दी शुरू होते हैं, लाइव डीजे ऑफर करते हैं और कई तरह के लोगों को अट्रैक्ट करते हैं। मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेंड को आगे बढ़ाने में मुख्य नाम डीजे तनिष्क का है, जिन्होंने इंदौर और गुरुग्राम में मोर कॉफी मोर रेव टूर को होस्ट किया है। ऐसे ही एक ईवेंट में लिखा था, “पिछली रात बहुत ही क्रेजी थी! हाउस बाय दाउद रन क्लब में कॉफी रेव सफल रही। क्या आप एक और के लिए तैयार हैं?!”

धीमी रोशनी वाली जगहों और भीड़-भाड़ वाले बार के बजाय ये रेव्स कॉफी शॉप में होते हैं। कॉफी बार डीजे बूथ की तरह काम करता है। कोई अल्कोहल नहीं, कोई ड्रामा नहीं, बस कॉफी से भरपूर डांस, तेज म्यूजिक और लोगों एक बीच कनेक्शन।

यह ट्रेंड लंदन और एम्स्टर्डम के कैफे और बेकरी में शुरू हुआ, उसके बाद न्यूयॉर्क तक पहुंच गया। अब लखनऊ, हैदराबाद और नागपुर जैसे शहर भी इसकी लहर पकड़ रहे हैं। फ्लैट व्हाइट और कैपेचीनो के साथ डांस करते लोगों के वीडियो इंस्टाग्राम रील पर छा चुके हैं। म्यूजिक लोगों को डांस करने पर मजबूर कर देता है, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होता। बातचीत होती रहती है, कॉफी बिना रुके सर्व की जाती है और माहौल बना रहता है।

कॉफी रेव्स सिर्फ सुबह डांस करने के बारे में नहीं हैं। ये एक बदलते सांस्कृतिक बदलाव के बारे में है, जो खास तौर पर जेन जेड के साथ बदल रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोग शांत लाइफस्टाइल को अपना रहे हैं, बिना अल्कोहल वाले ईवेंट पॉपुलर हो रहे हैं। ऐसे ही एक ईवेंट में शामिल किशोर शर्मा कहते हैं, “लगातार डिजिटल प्रेशर और देर रात की थकान की दुनिया में, ये रेव्स रीसेट की तरह महसूस होते हैं।” लोग हैंगओवर से नहीं, बल्कि एनर्जी से भरपूर होकर निकलते हैं।

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...