विदाई के बाद के रीति रिवाज जब बहू नए घर आती है: Griha Pravesh Tips
Griha Pravesh Tips

Griha Pravesh Tips: भारतीय राज्यों में शादियां भव्य भव्यता, धूमधाम और कई संस्कारों और अनुष्ठानों का प्रतिनिधित्व करती हैं। शादी की परंपराएं और रीति-रिवाज संस्कृतियों, देशों, धर्मों, जातीय समूहों और सामाजिक वर्गों के बीच बहुत भिन्न होते हैं। कुछ देशों, संस्कृतियों और धर्मों में, विवाह का वास्तविक कार्य वास्तविक विवाह समारोह के दौरान शुरू होता है। अन्य रीति-रिवाजों में विवाह का कानूनी कार्य विवाह के लाइसेंस या अन्य कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के समय होता है, और फिर शादी एक पारंपरिक अनुष्ठान करने और दोस्तों और परिवार के साथ मनाने का अवसर होता है। भारतीय राज्यों में, अलग-अलग रीति-रिवाजों के अनुसार अलग-अलग तरीकों से विवाह किए जाते हैं। आज हम बताने जा रहे हैं विवाह के बाद के रीति रिवाज।

विदाई की आशीर्वाद रस्म

Griha Pravesh Tips
Bidaai’s Blessing Ceremony

आशीर्वाद की राशन की परंपरा भी हर धर्म में हर राज्य में अलग-अलग है कहीं विवाह के बाद तो कहीं विदाई से पहले आशीर्वाद की रस्म होती है। बहुत से हिंदू धर्म में फेरों के बाद जब लड़की विदा हो रही होती है तब आशीर्वाद रस्म की जाती है। यह रस्म घर के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस रस्म के लिए ब्राइडल  के घर वाले उसके दोस्तो व रिश्तेदारों के साथ मिल कर दूल्हन और दूल्हे को विदाई का टीका कर रुपए या गिफ्ट से आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ साथ वह उन्हें सोने या हीरे के कुछ गहने आदि भी देते हैं। इन्हे लेने के बाद जोड़ा उनके पैर छूता है। 

विदाई भावनात्मक रस्म

विदाई एक भावनात्मक रस्म है जो शादी के पूरा होने की निशानी मानी जाती है। यह शादी का एक बहुत अहम हिस्सा होता है जहां दुल्हन रोटी हुई अपने घर के दरवाजे से बाहर निकलती है। उसके हाथ चावलों से भरे होते हैं जोकि धन व समृद्धि का प्रतीक होते हैं। वह उन्हें पीछे की ओर फेंकती है। यह रस्म यह दर्शाती है कि दुल्हन ने आज तक अपने मा बाप से जितना भी लिया था अब उसने वह वापिस कर दिया है। जब वह गाड़ी या किसी वाहन में बैठती है तो उसको चलने में उसके भाई धक्का देकर मदद करते हैं। इससे यह साबित होता है कि उसके भाई उसकी नई जिंदगी शुरू करने में उसकी मदद कर रहे हैं। जब गाड़ी शुरू हो जाती है तो रोड पर कुछ पैसे फेंके जाते हैं ताकि कोई बुरी आत्मा का असर न हो। इस रस्म का नाम अलग अलग जगह पर अलग अलग होता है। यह एक महत्त्वपूर्ण रस्म होती है। 

द्वार रुकाई रस्म

यह एक प्रकार की हास्य रिवाज होती है जो हंसी मजाक के लिए की जाती है। मुख्य तौर पर यह उत्तरी भारत में की जाती है। यह तब की जाती है जब दूल्हा व दुल्हन घर पहुंच जाते हैं और दूल्हे की बहन दरवाजे को रोक कर खड़ी हो जाती है और उन्हें अंदर नहीं जाने देती है। वह अपने भाई को पैसे या कोई मूल्यवान गिफ्ट देने को बोलती है। इसके बाद ही वह दोनो को घर के अंदर घुसने देती है। यह एक हास्य रस्म है जिसमें भाई बहन की थोड़ी बहुत तकरार भी होती है। 

गृह प्रवेश रस्म

Griha Pravesh Tips and rituals
Griha Pravesh Ritual

द्वार रूकाई रस्म के बाद ग्रह प्रवेश रस्म की बारी आती है। इस आवश्यक रस्म में नई दुल्हन का भारतीय रीति रिवाज के अनुसार एक स्वागत किया जाता है। सबसे पहले उसे एक चावल से भरा लोटा उसके दाईं पैर से पलटने को बोला जाता है। इसके बाद उसका घर के अंदर प्रवेश होता है। इससे यह साबित होता है कि दूल्हे के परिवार ने दुल्हन का न केवल ग्रह प्रवेश कराया है बल्कि उसे अपने परिवार का एक सदस्य भी मान लिया है। भारत में कुछ जगहों में दुल्हन को घर में जाने से पहले दूल्हे का नाम पूछा जाता है और तब उसे घर के अंदर प्रवेश कराया जाता है।

अंगूठी ढूंढने की रस्म

Griha Pravesh Tips for bridal
Ring finding ceremony

एक बेहद ही रोज चक्कर आसमा है जिसका इंतजार हर दूल्हा-दुल्हन करते हैं भले ही घरवाले या दूल्हा-दुल्हन स्वयं जितने भी थक गए हो लेकिन इस राशन में वह इस थकान को भूल जाते हैं। इस रस्म में एक बड़े और गहरे थाल में दूध और गुलाब की पंखुड़ियों के बीच में दूल्हा दुल्हन को अंगूठी ढूंढनी होती है। इस रस्म का पुराना उद्देश्य दो यही बताया गया है कि दोनों पति-पत्नी यानी नव विवाहित जोड़े में से जो भी पहले अंगूठी ढूंढता है, वही अपने वैवाहिक जीवन में हावी रहता है। यह रस्म बहुत ही मस्ती, हंसी, ठिठौली, छेड़छाड़ के साथ पूरी होती है। 

मुंह दिखाई 

यह हिन्दू रिवाजों में बहुत आवश्यक रिवाज है। इसे दुल्हन को दूल्हे के परिवार से परिचित कराने के लिए किया जाता है। महिलाएं नई दुल्हन का चेहरा देखती हैं और उसे उपहार भी देती हैं। दुल्हन की सास उसका स्वागत करने के लिए कुछ गिफ्ट अपनी ओर से भी देती है। मुंह दिखाई की सबसे पहली रस्म दुल्हन की सासू मां से शुरू होती है। जो धीरे-धीरे घर की और घर आई अन्य महिलाओं द्वारा पूरी की जाती है। इस बीच महिला संगीत का भी कहीं-कहीं चलन है। जिसमें पहले के समय में किसी भी पुरुष का आना मना था, तो घर के पुरुष चोरी-छिपे नाच गाना देखने की कोशिश करते थे। उस समय इस रिवाज का भी अपना मजा था। आज वक्त के साथ यह रिवाज भी नया जामा पहन चुका है। अब महिला पुरुष दोनों इस समारोह के भागीदार रहते हैं। 

रिसेप्शन 

यह शादी के बाद की रस्म होती है। इस रस्म को दुल्हन को दूल्हे के रिश्तेदारों से परिचय कराने के लिए मुख्य तौर पर किया जाता है। इस अवसर पर ज्यादा कोई रस्में या रीति रिवाज नहीं होते। बल्कि इसमें बहुत सारा नाच गाना व मौज मस्ती होती है। यह एक बहुत बड़े त्योहार के सेलिब्रेशन जैसा होता है। मिनी वेडिंग डे जैसा पूरा समारोह होता है ।दूल्हा दुल्हन के लिए बकायदा मंच सुसज्जित होता है। दोनों तरफ के मेहमान दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद स्वरुप गिफ्ट देते हैं। फोटो, हंसी ठिठोली, मजा मस्ती सब कुछ होता है।

पग फेरा रस्म

इस रस्म में दुल्हन को उसके भाई उसके ससुराल के लगभग 3 दिन बाद वापिस अपने घर लेकर आते हैं। जब यह रस्म पूरी हो जाती है तो दूल्हा दुल्हन के घर आता है। उसके माता पिता से आशीर्वाद लेता है और उसे वापिस अपने घर ले जाता है। दुल्हन के परिवार वाले इस रस्म के बाद अपनी बेटी व जमाई को कुछ उपहार भी देते हैं। इसके पीछे यह माना जाता है कि लड़कियां अपने घर की लक्ष्मी होती हैं और वह अपने माता पिता को खूब सारी लक्ष्मी देकर जाएंगी।

FAQ | क्या आप जानते हैं

क्या गर्भवती स्तनपान कराने वाली महिलाएं निकोटेक्स का सेवन कर सकती हैं? 

गर्भवती महिला पर इसका प्रभाव हल्का सा ज्यादा देखने को मिल सकता है। अगर आपको इसका सेवन करने के बाद कोई साइड इफेक्ट नजर आता है तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें। इसके अलावा आपको इसका सेवन करने से पहले ही डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। 

क्या स्तनपान कराने वाली महिलाएं निकोटेक्स का सेवन कर सकती हैं? 

स्तनपान करवाने वाली महिलाओं पर भी इसका प्रभाव मीडियम रहता है। हो सकता है आपको कुछ साइड इफेक्ट देखने को भी मिल जाए इसलिए ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

क्या गाड़ी चलाते समय या अन्य ऐसा गंभीर और जिम्मेदार काम करते समय निकोटेक्स का सेवन किया जा सकता है? 

जी नहीं, अक्सर यह सलाह दी जाती है की इस दवाई का सेवन करने के बाद आपको ड्राइविंग जैसा जिम्मेदारी भरा काम नहीं करना चाहिए या फिर इसका सेवन करने के कुछ घंटों बाद ड्राइविंग करनी चाहिए। 

क्या निकोटेक्स का प्रभाव खाने पीने की आदतों पर पड़ सकता है? 

नहीं, निकोटेक्स एकदम स्वस्थ ऑप्शन है और इसका सेवन करने के बाद आपकी खाने पीने की आदतें बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होती हैं। 

निकोटेक्स क्या है?

निकोटेक्स एक निकोटीन गोली है, जो धीमे धीमे निकोटीन विकसित करती है, जो धुआंदार उत्पादों को छोड़ने में मदद कर सकता है।

यह भी पढ़ें-

एक गाइड- दुल्हन की ज्वैलरी व आभूषणों पर

भारत के कुछ ब्राइडल लुक जो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे