Vastu Tips for Door and Window
Vastu Tips for Door and Window

Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि यही वह प्रवेश बिंदु है, जहां से ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। इसलिए, घर के मुख्य द्वार की सजावट और सुरक्षा के लिए कई लोग नमक की पोटली, नजर बट्टू, शुभ चिन्ह, तोरण, आदि लगाते हैं, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मुख्य द्वार पर शीशा लगाना वास्तु के अनुसार सही है या नहीं? इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं, और वास्तु शास्त्र के अनुसार इसका प्रभाव घर पर किस प्रकार पड़ता है।

Also read: प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद मूर्ति के सामने रखा शीशा क्‍यों टूट जाता है, जानिए: Breaking Glass During Pran Pratistha

मुख्य द्वार पर शीशा लगाना: नकारात्मक प्रभाव

वास्तु शास्त्र में मिरर (शीशा) को एक ऐसी वस्तु के रूप में माना गया है, जो ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने की क्षमता रखती है। हालांकि यह एक सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जा को वापस भेज सकता है, लेकिन इसका अधिकतर प्रभाव नकारात्मक होता है जब इसे मुख्य द्वार पर लगाया जाता है। जब घर के मुख्य द्वार पर शीशा होता है, तो यह घर में आने वाली शुभ और सकारात्मक ऊर्जा को बाहर की ओर प्रतिबिंबित कर देता है, जिससे घर के भीतर सुख, शांति, और समृद्धि का प्रवाह रुक जाता है।

इसलिए, वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर शीशा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे घर की समृद्धि और शांति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शीशा एक तरह से घर के वातावरण को असंतुलित कर सकता है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में तनाव और घरेलू सुख में कमी हो सकती है।

मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से तरक्की में रुकावट

वास्तु शास्त्र में यह भी उल्लेखित है कि मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से व्यक्ति की तरक्की और सफलता के मार्ग में रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं। यह माना जाता है कि शीशा घर में आने वाली शुभ और सकारात्मक ऊर्जा को बाहर की ओर लौटाता है, जिससे घर के सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, घर में जो भी योजनाएं बन रही होती हैं या जो लोग अपने जीवन में सफलता की ओर बढ़ रहे होते हैं, उन्हें भी इस नकारात्मक ऊर्जा के कारण असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

इसी प्रकार, आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। यदि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं होगा, तो धन और समृद्धि की ओर बढ़ने के रास्ते भी बंद हो सकते हैं। यह घर के सदस्य को आर्थिक समस्याओं का सामना करवा सकता है और दरिद्रता का कारण बन सकता है।

मिरर से पारिवारिक शांति में विघ्न

कई लोग अपने घर के मुख्य दरवाजे पर मिरर लगे दरवाजे का चयन करते हैं, ताकि यह दरवाजा आकर्षक दिखे और घर में एक अच्छा आभा बनी रहे। हालांकि, वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह एक गलत विकल्प हो सकता है। मिरर लगे दरवाजे से घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है। मिरर के द्वारा घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है, जिससे घर के भीतर पारिवारिक शांति में विघ्न आता है। इससे घर में मानसिक तनाव, क्लेश, और वाद-विवाद का माहौल बन सकता है, जो परिवार के सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

इसलिए, यदि आप घर के मुख्य दरवाजे की सजावट करने का विचार कर रहे हैं, तो मिरर का प्रयोग करना एक अच्छा विचार नहीं हो सकता। इसके बजाय, आपको ऐसे सजावटी तत्वों का चुनाव करना चाहिए जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाए रखें।

वास्तु के अनुसार शुभ चिन्हों और प्रतीकों का प्रयोग

घर के मुख्य द्वार की सजावट के लिए शीशा लगाना वास्तु के हिसाब से अच्छा नहीं माना जाता है। इसके बजाय, आप शुभ चिन्हों जैसे स्वास्तिक, तोरण, और देवी-देवताओं की तस्वीरें या कलात्मक पेंटिंग्स का प्रयोग कर सकते हैं, जो न केवल घर को सुंदर बनाएंगे, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करेंगे। इन चिन्हों से घर के भीतर सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है।

आप घर के मुख्य दरवाजे के पास पौधे भी लगा सकते हैं, क्योंकि वास्तु शास्त्र में पौधों को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है। इसके अलावा, घर के अंदर प्राचीन आर्टवर्क या शुभ संकेतों से सुसज्जित कलाकृतियों को रखना भी एक अच्छा उपाय है, जो न केवल घर को सुंदर बनाएंगे, बल्कि घर के भीतर एक सकारात्मक वातावरण बनाए रखेंगे।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...