Overview: छत पर भूलकर भी न रखें ये चीजें
वास्तु के अनुसार छत घर की ऊर्जा का मुख्य केंद्र है। अगर यह साफ-सुथरी और व्यवस्थित हो तो घर में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन अगर छत पर कबाड़, जंग लगे सामान या गलत दिशा में पौधे हों, तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। वास्तु नियमों का पालन करके इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
Vastu of the Roof: घर का हर कोना वास्तु शास्त्र के अनुसार होना चाहिए। यह न केवल घर में सुख-शांति लाता है बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। अक्सर लोग घर के अंदर की सजावट और सामान पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन छत को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जबकि घर की छत का सीधा संबंध हमारी मानसिक स्थिति, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति से होता है।
अगर छत पर गलत चीजें रख दी जाएं या इसका निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार न हो, तो नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है। इसका असर घर के लोगों के स्वास्थ्य, रिश्तों और धन पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि छत पर किन चीजों को भूलकर भी नहीं रखना चाहिए और छत बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
वास्तु में छत का महत्व
- छत को घर की “मुकुट” यानी ताज कहा गया है। यह घर के ऊर्जा प्रवाह को नियंत्रित करती है।
- साफ और व्यवस्थित छत से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- गंदगी या कबाड़ जमा होने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सही दिशा और ढलान से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- अगर छत गंदी या अव्यवस्थित हो, तो इसका असर सीधे घर के सदस्यों की मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर पड़ता है।
छत पर भूलकर भी न रखें ये चीजें
- टूटा-फूटा कबाड़ और फर्नीचर
छत पर टूटा फर्नीचर, पुराना कबाड़ या अनुपयोगी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए।
इससे राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है।
घर में रुकावटें, विवाद और अनावश्यक खर्च बढ़ने लगते हैं।
पितृ दोष भी लग सकता है, जिससे पारिवारिक कलह और आर्थिक नुकसान होता है।
- टूटी हुई टंकी और बर्तन
अक्सर लोग छत पर पानी की टूटी टंकी या पुराने बर्तन रख देते हैं।
यह घर में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
पानी की टंकी हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें और उसे समय-समय पर साफ करें।
- जंग लगे लोहे के सामान
ग्रिल, तार या औजार जैसे जंग लगे सामान छत पर नहीं रखने चाहिए।
ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती हैं।
घर में मानसिक तनाव और अस्थिरता बनी रहती है।
ऐसे सामान को तुरंत हटा दें या नष्ट कर दें।
- झाड़ू
वास्तु के अनुसार झाड़ू लक्ष्मी का प्रतीक है।
छत पर झाड़ू रखने से घर की लक्ष्मी रूठ जाती है।
इसे हमेशा ऐसी जगह रखें जहाँ किसी की नजर न पड़े।
- सूखे पत्ते और गंदगी
अगर छत पर सूखे पत्ते या कचरा जमा हो जाए, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
सप्ताह में कम से कम एक बार छत की सफाई करें।
इसे पानी से धोना भी शुभ माना जाता है।
- बांस और बल्लियां
छत पर बांस या बल्लियां नहीं रखनी चाहिए।
इससे पितृ दोष लगता है और मानसिक अशांति होती है।
घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
- कांटेदार और बोनसाई पौधे
बोनसाई पौधे व्यक्ति के विकास को रोकते हैं।
कांटेदार पौधे घर में कलह और अशांति लाते हैं।
यदि पौधे लगाने हों तो हमेशा हरे-भरे और सकारात्मक ऊर्जा देने वाले पौधे लगाएं।
छत के निर्माण में ध्यान देने योग्य बातें
- छत बनवाते समय वास्तु के नियमों का पालन करना जरूरी है:
- छत की ढलान हमेशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए।
- छत की ऊँचाई कम से कम 8.5 फुट होनी चाहिए।
- छत पर खुली जगह उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
- टेरेस गार्डन बनाते समय भारी पेड़ दक्षिण और पश्चिम दिशा में न लगाएँ।
- छत का नैऋत्य कोण जितना ऊँचा होगा, उतना ही शुभ माना जाएगा।
- दक्षिण दिशा में छत से जुड़ा खंबा होना शुभ होता है।
छत को हमेशा साफ रखें
- छत को गंदा या भरा हुआ छोड़ना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- सप्ताह में एक बार छत को झाड़ू से साफ करें।
- समय-समय पर पानी से धोएं।
- 2-3 कुर्सियां रखकर कभी-कभी छत पर बैठें, इससे मानसिक शांति मिलती है।
