V2 Mart Success Story
vishal mega mart founder ramchandra agarwal

Overview:

अपने सपनों को पूरा करने में न ही रामचंद्र की शारीरिक अक्षमता आड़े आई, न ही आर्थिक संकट। रामचंद्र हमेशा से ही खुद का बिजनेस करना चाहते थे। उन्हें पता था कि आने वाला समय मल्टी स्टोर और मार्ट का होगा।

V2 Mart Success Story: कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं। इस बात को एक बार फिर से सच साबित कर दिखाया है विशाल मेगा मार्ट और वी2 मार्ट की नींव रखने वाले रामचंद्र अग्रवाल ने। रामचंद्र उन सभी लोगों के लिए आदर्श हैं, जो परिस्थितियों के आगे हार मान लेते हैं। कैसे एक छोटी सी दुकान से रामचंद्र ने अरबों का एम्पायर खड़ा किया, आइए जानते हैं।

ऐसे शुरू हुआ सफर

अपने सपनों को पूरा करने में न ही रामचंद्र की शारीरिक अक्षमता आड़े आई, न ही आर्थिक संकट। रामचंद्र हमेशा से ही खुद का बिजनेस करना चाहते थे। उन्हें पता था कि आने वाला समय मल्टी स्टोर और मार्ट का होगा। एक ऐसा स्टोर जहां एक ही छत के नीचे राशन से कपड़े, कॉस्मेटिक से लेकर सब्जियां सब मिले। लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने फोटोस्टेट की दुकान खोली।

पोलियो नहीं आया आड़े

रामचंद्र का जन्म कोलकाता के साधारण परिवार हुआ। चार साल की उम्र में वे पोलियो के शिकार हो गए। जिससे उनके शरीर का निचला हिस्सा निष्क्रिय हो गया। जिंदगी पैरों से बैसाखियों पर आ गई। लेकिन यह संकट रामचंद्र को सफलता की सीढ़ी चढ़ने से रोक नहीं पाया। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद नौकरी की। लेकिन उन्हें पता था कि नौकरी उनके सपने पूरे नहीं कर सकती। इसलिए नौकरी छोड़कर उन्होंने कुछ रुपए उधार लिए। और कोलकाता में फोटोस्टेट की एक दुकान खोली।

किस्मत आजमाने आए दिल्ली

फोटोस्टेट की दुकान खोलकर रामचंद्र संतुष्ट नहीं थे। इसके ​बाद उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक्स बेचना शुरू किया। लेकिन यहां भी कोई खास फायदा नहीं हुआ। फिर उन्होंने फैब्रिक बिजनेस में किस्मत आजमाई। करीब 15 साल तक यही संभाला। लेकिन मन में हमेशा से कुछ बड़ा करने का सपना था। इसलिए रामचंद्र कोलकाता से दिल्ली आ गए। साल 2001-02 में उन्होंने अपने पहले विशाल मेगा मार्ट की शुरुआत करी।

मिडिल क्लास पर फोकस

रामचंद्र ने ऐसे लोगों को टारगेट किया, जिनके बारे में अभी तक बड़े मार्ट में काफी कम सोचा गया। उनका फोकस लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास पर था। यहां बहुत ही कम दाम पर लोगों को कपड़ों से लेकर फैशन-राशन से जुड़ी चीजें उपलब्ध करवाई गईं। रामचंद्र की यह पहल काम आई और इस इनकम ग्रुप ने विशाल मेगा मार्ट को हिट कर दिया।

ऐसे बढ़ा और फिर गिरा

रामचंद्र के सपने अब उड़ान भर रहे थे। साल 2007 में उन्होंने अपना आईपीओ लॉन्च किया। जिसमें कंपनी की वैल्यूएशन दो हजार करोड़ थी। लेकिन साल 2008 में आई मंदी ने विशाल मेगा मार्ट की कमर तोड़ दी। साथ ही एक के बाद एक हुई गलतियों ने भी कंपनी को नुकसान पहुंचाया। उस समय कंपनी पर करीब 750 करोड़ का कर्ज हो गया।

फिर लिया कंपनी बेचने का फैसला

साल 2011 तक विशाल मेगा मार्ट डूबने की कगार पर आ गया। रामचंद्र पर देनदारी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने कंपनी बेचने का फैसला लिया। मजबूरी में उन्होंने 1100 करोड़ की कंपनी को मात्र 70 करोड़ रुपए में श्रीराम ग्रुप और टीपीजी कैपिटल को बेच दिया। साल 2018 में केडारा कैपिटल और पार्टनर ग्रुप ने 350 मिलियन डॉलर में विशाल मेगा मार्ट को खरीदा।

फिर डाली वी2 मार्ट की नींव

खराब परिस्थिति रामचंद्र का हौसला नहीं तोड़ पाईं। विशाल मेगा मार्ट बेचने पर बची राशि से उन्होंने एक नई कंपनी की शुरुआत की। 10 करोड़ रुपए उधार लिए और रिटेल सुपरमार्ट वी2 मार्ट की नींव डाली। पहला स्टोर जमशेदपुर में खोला। बिजनेस में माहिर रामचंद्र अब अपनी गलतियों को भी जानते थे। 2013 में कंपनी ने 100 करोड़ का कारोबार किया। 2014 में कंपनी का टर्नओवर 225 करोड़ तक पहुंच गया। साल 2024 में देशभर में वी2 मार्ट के 150 से भी ज्यादा स्टोर खोले गए। आज रामचंद्र अग्रवाल करीब 5,600 करोड़ के मालिक हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...