Summary: चकराता हिल स्टेशन: उत्तराखंड का छिपा हुआ खजाना जहां विदेशियों की एंट्री है बैन
चकराता उत्तराखंड का एक शांत और सुरम्य हिल स्टेशन है, जो केवल भारतीय नागरिकों के लिए खुला है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, टाइगर फॉल्स और सनसेट पॉइंट जैसे स्थल पर्यटकों को खास अनुभव देते हैं।
Chakrata Hill Station: भारत एक ऐसा देश है जहां प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरें पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करती हैं। यहां का हर कोना अपने आप में खास है, चाहे वो बर्फ से ढके हिमालय की चोटियां हों या समुद्र तटों की लहरें। भारत की परंपराएं, रहन-सहन, खान-पान और पहनावे की विविधता इसे विश्व के अन्य देशों से अलग पहचान देती है। गर्मियों के मौसम में जब तापमान बढ़ता है, तब अधिकांश लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं और उत्तराखंड जैसे राज्य सबसे पहले ज़हन में आते हैं।
उत्तराखंड को “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है, जहां धार्मिक और प्राकृतिक दोनों ही दृष्टियों से कई महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं। मसूरी, नैनीताल, औली, और ऋषिकेश जैसे हिल स्टेशन वर्षों से भारतीय और विदेशी सैलानियों की पहली पसंद रहे हैं। यहां की वादियां, नदियां, झीलें और शांत वातावरण लोगों को राहत का अनुभव कराते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उत्तराखंड में एक ऐसा हिल स्टेशन भी है जहां विदेशी नागरिकों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है।
चकराता हिल स्टेशन
उत्तराखंड के देहरादून जिले से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चकराता, एक ऐसा हिल स्टेशन जो न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी विशिष्टता के लिए भी प्रसिद्ध है। चकराता चारों तरफ से घने देवदार और बांज के जंगलों से घिरा हुआ है। यह स्थान ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और शांत वातावरण की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए एक परफेक्ट प्लेस है। लेकिन यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां विदेशी नागरिकों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
विदेशियों की एंट्री पर रोक क्यों?
चकराता का यह विशेष नियम सुरक्षा कारणों की वजह से है। यहां भारतीय सेना का एक संवेदनशील मिलिट्री बेस स्थित है, जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। इसी कारण से भारत सरकार ने इस क्षेत्र को केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही खुला रखा है और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
इस हिलस्टेशन को अंग्रजों ने बसाया था
चकराता की स्थापना ब्रिटिश शासन काल में वर्ष 1866 में हुई थी। एक समय यह अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन ठिकाना हुआ करता था, लेकिन आज यह पूरी तरह भारतीय प्रशासन और सेना के अधीन है। अंग्रेजों द्वारा बसाया गया यह स्थान अब पूरी तरह भारतीय नागरिकों के लिए आरक्षित है और इसका प्रबंधन भी सेना के नियंत्रण में है।
चकराता को करें एक्सप्लोर

यदि आप किसी शांत, भीड़ से दूर और प्राकृतिक वातावरण से भरपूर जगह की तलाश कर रहे हैं, तो चकराता आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां टाइगर फॉल्स नामक जलप्रपात मौजूद है, जो भारत के सबसे ऊंचे झरनों में गिना जाता है। इस झरने की ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है।
इसके अलावा, यहां बुधेर गुफाएं, चिलमिरी लेख, देववन, और लक्खामंडल जैसे दर्शनीय स्थल भी हैं। लक्खामंडल का प्राचीन शिव मंदिर अपने अद्वितीय स्थापत्य और कलात्मक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल पौराणिक मान्यताओं और ऐतिहासिक तथ्यों से भी जुड़ा हुआ है।
सनसेट पॉइंट
चकराता से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चिरमिरी, जो कि एक शानदार सनसेट पॉइंट है। यहां से सूर्यास्त का जो नजारा देखने को मिलता है, वह किसी पोस्टकार्ड की तरह प्रतीत होता है। पहाड़ों के पीछे सूरज का धीरे-धीरे ढलना और आकाश के रंगों का बदलना एक मनमोहक अनुभव होता है जिसे देखकर पर्यटक बार-बार यहां आने की इच्छा जताते हैं।
